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Digital Layoffs: जानिए क्या है डिजिटल छंटनी, कर्मचारियों और कंपनियों के लिए क्या है इसके मायने

हाल के कुछ दिनों में ट्विटर और फेसबुक पेरेंट कंपनी मेटा ने अपने कई कर्मचारियों को एक झटके में हजारों कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया. इन कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को निकालने के लिए एक मेल का इस्तेमाल किया, जिसमें लिखा था कि अब आपकी नौकरी नहीं रही. हम यहां आपको इस तरह से छंटनी करने को क्या कहते है इसके बारे में बता रहे है.

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हाइलाइट्स
  • मॉर्गेज कंपनी बेटर डॉट कॉम जूम कॉल 900 कर्मियों को नौकरी से निकाला था

  • मेटा ने 11000 हजार कर्मियों को बाहर निकाला

हाल में ट्विटर और फेसबुक पेरेंट कंपनी मेटा ने कई हजार कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा चुकी है. मेटा ने तो 9 नवंबर को करीब 11000 हजार कर्मियों को बाहर निकाल दिया. वहीं ट्विटर कई कर्मियों को जॉब से निकाल चुकी है. ट्विटर की तरफ से कर्मचारियों को निकालने के लिए एक मेल किया गया था कि आपकी नौकरी जा सकती है. इसी के साथ अमेजन की तरफ से ऐलान किया जा चुका है कि वह अपने कॉरपोरेट ऑफिस में अब हायरिंग नहीं करेगी. इसके साथ ही समय के साथ कर्मियों में भी कमी कर सकती है. वहीं सिलिकॉन वैली फर्म स्ट्राइप और लिफ़्ट ने भी बड़े पैमाने पर छंटनी की घोषणा कर चुकी है. इस छटनी को डिजिटल छटनी कहा जा रहा है. आइये जानते है कि क्या होती है डिजिटल छंटनी और इसका कर्मचारियों और कंपनियों के लिए क्या मतलब है. 

क्या है डिजिटल छंटनी
ट्विटर और मेटा के जरिए अपने कई हजार कर्मचारियों को बर्खास्त करने को अमानवीय व्यवहार माना जा रहा है. ट्विटर के कई कर्मियों को निकाले जाने के बाद आयरलैंड में ताओसीच (आयरलैंड के प्रधान मंत्री) ने ट्विटर के कार्यों को अस्वीकार्य बताया साथ ही कहा कि कर्मचारियों के साथ सम्मान के साथ व्यवहार करना चाहिए. बता दें कि ट्विटर की तरह ही स्वीडिश वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनी क्लारना पिछले साल अपने 700 कर्मचारियों को निकालने के लिए एक एक पूर्व-लिखित संदेश भेजा. इसी तरह एक अन्य कंपनी ने अपने 800 कर्मियों को जूम कॉल पर नौकरी से निकाल दिया. मॉर्गेज कंपनी बेटर डॉट कॉम ने 2021 में 900 कर्मियों को नौकरी से निकालने के लिए जूम कॉल का इस्तेमाल किया. इस तरह से की जाने वाली छंटनी को डिजिटल छंटनी कहते हैं. इसे आसान भाषा में इस तरह समझ सकते हैं कि जब आपको डिजिटल माध्यम से पता चलता है कि आपकी अब नौकरी नहीं रही या फिर आपको कंपनी से निकाल दिया गया तो उसे ही डिजिटल छंटनी कहते हैं. 

कर्मियों और कंपनियों पर क्या पड़ेगा असर
जिस तरह से ट्विटर, मेटा समेत कई कंपनियों ने अपने हजारों कर्मियों को बाहर का रास्ता दिखा चुकी है. उससे कंपनी और उसमें काम करने वाले लोगों पर असर पड़ सकता है. पहला तो इन कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारी इस डर में रहेंगे कि कहीं अगला नंबर उनका तो नहीं है. इसके साथ ही जो भी इसमें काम करने की इच्छा रखते हैं वह इन कंपनियों में अप्लाई करने से पहले कई बार विचार करेंगे. ऐसा होने पर कंपनी की रेपोटेशन पर असर पड़ सकता है. इसके साथ ही उस कंपनी का एट्रिशन रेट भी बहुत ज्यादा होता जाता है. जिसका असर कंपनी के इमेज पर पड़ता जाता है. इसके साथ ही उस कंपनी की मार्केट रेट भी काफी कम होती जाती है.