ब्राजील चुनाव में जीत दर्ज करने वाले वामपंथी 'वर्कर्स पार्टी' के लुइज इनासियो लूला डी सिल्वा नए राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं. लूला डी सिल्वा ने एक जनवरी 2023 को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे. उन्होंने बेहद कड़े मुकाबले में निरवर्तमान राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो को हरा दिया है. लूला तीसरी बार ब्राजील की सत्ता संभालेंगे.
तीन दशक का सबसे नजदीकी चुनाव
ब्राजील के चुनावी इतिहास के तीन दशकों में यह अब तक का सबसे नजदीकी चुनाव था. वामपंथी नेता लूला ने ये तीसरा राष्ट्रपति चुनाव जीता है. ब्राजील के राष्ट्रपति चुनाव में सिल्वा को 50.9 फीसदी और बोलसोनारो को 49.2 प्रतिशत मत मिले. वहीं उपराष्ट्रपति का चुनाव गेराल्डो अल्कामिन ने जीता है.
पीएम मोदी ने दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्राजील में राष्ट्रपति पद के चुनाव में जीत दर्ज करने पर सिल्वा को बधाई दी है. पीएम मोदी ने कहा कि वो द्विपक्षीय संबंधों को और प्रगाढ़ एवं व्यापक बनाने के साथ ही उनके साथ मिलकर काम करने के लिए उत्सुक हैं. पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, "ब्राजील में राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतने पर लूला डी सिल्वा को बधाई दी है. द्विपक्षीय संबंधों को और प्रगाढ़ एवं व्यापक बनाने के साथ ही वैश्विक मुद्दों पर सहयोग के लिए मैं साथ मिलकर काम करने के लिए उत्सुक हूं."
कौन हूं लूला डी सिल्वा?
चुनावी नतीजों को भारी उलटफेर के रूप में देखा जा सकता है. सिल्वा 2003 से 2010 के दौरान भी ब्राजील के राष्ट्रपति रह चुके हैं. 77 वर्षीय सिल्वा को 2018 में भ्रष्टाचार के मामले में सजा सुनाई गई थी, जिस वजह से वह इस साल चुनाव नहीं लड़ सके थे. सिल्वा को भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में 580 दिनों की जेल हुई थी. खबरों की मानें तो लूला का बचपन बेहद गरीबी में बीता. वह एक अनपढ़ किसान परिवार में पैदा हुए आठ बच्चों में से सातवें नंबर के हैं.
लूला एक ब्राजीलियाई राजनीतिज्ञ हैं. वह तीन बार ब्राजील के राष्ट्रपति के रूप में लोकतांत्रिक रूप से चुने जाने वाले पहले व्यक्ति हैं. लूला ने बचपन से काफी स्ट्रगल किया है. लूला ने महज 14 साल की छोटी उम्र में मेटल वर्कर बनने से पहले एक शूशीन बॉय और मूंगफली विक्रेता के रूप में काम किया. लूला डी सिल्वा ने इस बार अपने राजनीतिक करियर में छठी बार राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ा था. पहली बार उन्होंने 1989 में चुनाव लड़ा था. इस बार लूला ने देश में शांतिपूर्ण क्रांति लाने की प्रतिबद्धता जताई थी.
कुछ ऐसा रहा लूला का राजनीतिक सफर
लूला ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1980 में वर्कर्स पार्टी की सह-स्थापना के साथ की थी. पहली बार 1982 में साओ पाउलो के स्टेट इलेक्शन में उन्होंने भाग लिया, लेकिन उस वक्त उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. उसके बाद साल 1983 में उन्होंने चुनावों में सबसे ज्यादा वोटों के साथ कांग्रेस में एक सीट हासिल की थी.
फिर लूला ने 1989 से 1998 तक तीन बार राष्ट्रपति चुनाव में भाग लिया, लेकिन उन्हें हर बार हार का सामना करना पड़ा. लूला 1989 से 1998 तक तीन बार चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमा चुके थे. फिर आखिरकार 2002 में जाकर उन्हें सफलता मिल गई. फिर वो साल 2003 से 2010 तक देश के राष्ट्रपति रहे. ये उनका छठा राष्ट्रपति चुनाव अभियान था.