भारतीय मूल के लियो वराडकर दूसरी बार आयरलैंड के प्रधानमंत्री चुने गए हैं. लियो 2007 में पहली बार डबलिन वेस्ट से काउंसलर बने थे. वह 2011-2014 तक परिवहन, पर्यटन और खेल मंत्री रहे. इसके बाद 2014-2016 तक स्वास्थ्य मंत्री के पद पर रहे. वह 2016-2017 तक सामाजिक सुरक्षा मंत्री रहे. इसके बाद 14 जून 2017 को पहली बार आयरलैंड के प्रधानमंत्री बने थे. वह देश के सबसे युवा और 'गे' प्रधानमंत्री बने थे. हालांकि 27 जून 2020 को उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था. उसके बाद से माइकल मार्टिन आयरलैंड की सत्ता चला रहे थे. अब फिर से लियो वराडकर के प्रधानमंत्री बनने पर पीएम नरेंद्र मोदी ने उन्हें बधाई दी है.
वराडकर की पार्टी और मार्टिन की पार्टी में हुआ था समझौता
आयरलैंड में साल 2020 में आम चुनाव हुआ था. इसके बाद मार्टिन की पार्टी फिएना फेल और वराडकर की पार्टी फिने गाइल के बीच सरकार बनाने को लेकर समझौता हुआ था. इस समझौते के तहत तय हुआ था कि पांच साल के कार्यकाल के शुरुआती ढाई साल में मार्टिन देश के प्रधानमंत्री और वराडकर उप प्रधानमंत्री रहेंगे. इसके बाद दोनों एक-दूसरे की जगह लेंगे.
मां का आयरलैंड और पिता का संबंध भारत से है
लियो वराडकर की मां का संबंध आयरलैंड से जबकि पिता का संबंध भारत से है. उनके पिता अशोक महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले के वराड गांव में रहते थे. लियो की मां मरियम नर्स थीं और पिता डॉक्टर थे. मरियम की मुलाकात अशोक से इंग्लैंड में हुई थी. लियो वराडकर अपने परिवार से मिलने भारत आते रहते हैं. साल 2019 में भी अपने घरवालों से मिलने आए थे.
वराडकर का जन्म 18 जनवरी 1979 में डबलिन में हुआ था. साल 2015 में उन्होंने सार्वजनिक तौर पर स्वीकार किया था कि वह 'गे' हैं.लियो अपने पिता अशोक वराडकर के सबसे छोटे बेटे हैं. उनकी प्रारंभिक शिक्षा सेंट फ्रांसिस नेशनल स्कूल में हुई. लियो ने डबलिन के ट्रिनिटी कॉलेज से मेडिकल की पढ़ाई की थी. लियो पेशे से डॉक्टर हैं और फिलहाल उनकी सबसे बड़ी चुनौती आयरलैंड की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना है.