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Maasai Tribe: कान छेदना, गाय की पूजा, शेर का शिकार... ऐसा है Sachin Tendulkar को सम्मानित करने वाले मसाई समुदाय का रहन-सहन

मसाई समुदाय के लोग अफ्रीका के केन्या और तंजानिया में बसे हुए हैं. ये अपने यूनिक पहनावे और परंपराओं के लिए जाने जाते हैं. इनका रहन-सहन काफी अलग होता है. मसाई समुदाय के लोग गाय की पूजा करते हैं.

सचिन तेंदुलकर को सम्मानित करने वाले मसाई समुदाय के बारे में जानिए (Photo/Social Media) सचिन तेंदुलकर को सम्मानित करने वाले मसाई समुदाय के बारे में जानिए (Photo/Social Media)

दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर को केन्या के मसाई समुदाय ने सम्मानित किया. समुदाय के लोगों ने क्रिकेट के भगवान को गार्ड ऑफ ऑनर दिया. सचिन तेंदुलकर ने इसकी तस्वीरें अपने सोशल मीडिया पर शेयर की हैं. दरअसल पिछले दिनों सचिन केन्या के मसाई मारा में छुट्टियां मनाने गए थे. इस दौरान उनके साथ उनकी पत्नी अंजली और बेटी सारा भी मौजूद रहीं. इस दौरे में ही मसाई समुदाय के लोगों ने उनका सम्मान किया. मसाई समुदाय अफ्रीका में केन्या और तंजानिया में रहते हैं. चलिए आपको इस समुदाय के बारे में सबकुछ बताते हैं.

अफ्रीका में रहता है मसाई समुदाय-
मसाई समुदाय खानाबदोश लोगों का जातीय समूह है, जो दक्षिण केन्या और उत्तरी तंजानिया के ग्रेट रिफ्ट वैली में रहते हैं. इस इलाके में ये समुदाय करीब 4 सदी पहले आकर बसा. ये समुदाय कभी योद्धाओं का समुदाय था. मसाई समुदाय के जीवन में मवेशियों की खास जगह है.

गाय को पूजते हैं मसाई समुदाय के लोग-
मसाई समुदाय के लोग गाय की पूजा करते हैं. उनके जीवन में गाय का अहम भूमिका है. उनका मानना है कि उनके देवता एन्काई ने गाय को एक रस्सी के सहारे धरती पर भेजा है. गाय के गोबर को घर में इस्तेमाल करते हैं. गाय का दूध पीते हैं. हालांकि इस समुदाय में गाय का मांस खाने की भी परंपरा है. मसाई समुदाय के लोग शादी में दहेज के तौर पर गाय देते हैं. गाय को इस समुदाय में प्रतिष्ठा का सबूत भी माना जाता है. जिनके पास जितनी ज्यादा गायें होती हैं, उसको उतना संपन्न माना जाता है.

समुदाय का रहन सहन-
मसाई समुदाय के लोग खानाबदोश हैं, ताकि इनके जानवरों को चराने के लिए नई जगह मिल सके. यह समुदाय पितृसत्तात्मक समाज है. सबसे बुजुर्ग शख्स समुदाय से जुड़े फैसले लेता है. मसाई एकेश्वरवादी हैं. एन्काई नामक देवता की पूजा करते हैं. मसाई समुदाय की जीवनशैली में प्राथमिक मकसद भोजन जमा करना है. मसाई समुदाय के लोग मांस खाते हैं और गाय का दूध भी पीते हैं. ज्यादातर लोग मवेशियों को चराते हैं. समुदाय के लोग किसी के मरने पर उसके शव को ना तो जलाते हैं और ना ही उसे दफनाते हैं. वे शव को खुले में छोड़ देते हैं.

समुदाय के लोगों का पहनावा-
मसाई समुदाय के लोग लाल रंग के कपड़े पहनते हैं. जिससे इनकी पहचान आसान होती है. इसे शुका कहा जाता है. इस समुदाय में उम्र और जेंडर के हिसाब से कपड़े पहनने का अलग तरीका है. समुदाय के जवान लड़के काले रंग का कपड़ा पहनते हैं. समुदाय के पुरुषों में कान को छेदना आम बात है. समुदाय के पुरुष मवेशियों की रक्षा का दायित्व निभाते हैं. जबकि महिलाओं की जिम्मेदारी घर चलाने की होती है.

मसाई समुदाय का खेल-
मसाई समुदाय का के लोग एक जगह इकट्ठा होते हैं और गाने पर कूद-कूदकर नाचते हैं. ये समुदाय शेर का शिकार करते हैं. जबकि मादा शेर को हाथ नहीं लगाते हैं. शेर को मारना इनके लिए साहस और ताकत का प्रतीक है. इस जनजाति की कुल आबादी 9 लाख के आसपास है.

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