मुस्लिम लड़कियों की तालीम के लिए आवाज उठाने पर अपने सर पर गोली खाने वाली मलाला यूसूफजई दुल्हन बन गई हैं. नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित 24 साल की मलाला यूसूफजई ने असर मलिक के साथ निकाह करने के बाद इस दिन को अपनी जिंदगी का सबसे खास दिन बताया.
कौन हैं मलाला के पति असर
मलाला यूसूफज़ई कई बार इंटरव्यूज में ये बता चुकी हैं कि उन्हें क्रिकेट बहुत पंसद है, लेकिन मलाला ने इस बात का जिक्र कभी नहीं किया कि उनका होने वाला हमसफर भी क्रिकेट से ही ताल्लुक रखने वाला होगा. दरअसल मलाला के पति असर मलिक पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के नेशनल हाई परफ़ॉर्मेंस सेंटर में जनरल मैनेजर (जीएम) हैं.
असर मलिक ने लाहौर के प्रतिष्ठित ऐचिंसन कॉलेज से डिग्री लेने के बाद लाहौर यूनिवर्सिटी से मैनेजमेंट की पढ़ाई की. पीसीबी से जुड़ने से पहले वो पाकिस्तान सुपर लीग की टीम मुल्तान सुल्तान्स के साथ भी जुड़े रहे हैं. पीसीबी ने पिछले साल पाकिस्तान में क्रिकेट के विकास के लिए नेशनल हाई परफ़ॉर्मेंस सेंटर का गठन किया था. पूर्व टेस्ट क्रिकेटर और स्पिनर नदीम ख़ान को इसका निदेशक बनाया गया.
जब मलाला ने कहा था- साथ रहने के लिए शादी जरूरी नहीं
कुछ वक्त पहले मलाला ने एक अंतरराष्ट्रीय मैगजीन को इंटरव्यू दिया था, इस इंटरव्यू में मलाला ने शादी को लेकर अपनी सोच बताई थी, और मलाला ने ये कहा था कि कोई एक रिश्ता सिर्फ साझेदारी क्यों नहीं रह सकता? मलाला ने आगे कहा कि सोशल मीडिया पर लोग अपनी रिलेशनशिप के बारे में सोचते हैं और परेशान भी होते हैं. मलाला ने आगे कहा कि मुझे समझ नहीं आता कि लोग शादी क्यों करना चाहते हैं. अगर आपको कोई पसंद है और आप उसके साथ रहना चाहते हैं तो आपको शादी के काग़ज पर दस्तख़त करने की क्या जरूरत है. ये एक तरह से साझेदारी क्यों नहीं रह सकता?
मलाला पर हुआ था जानलेवा हमला
मुस्लिम लड़कियों की तालीम की हिमायती 15 साल की मलाला पर 9 अक्टूबर 2012 में जानलेवा हमला हुआ था. मलाला की मुस्लिम लड़कियों की तालीम वाली बात तालिबानियो नापंसद थी, और एक दिन एक दिन एक चरमपंथी उनके स्कूल के बस में आया और ताबड़तोड़ गोलियाँ चलानी शुरू कर दीं जिसमें मलाला और उनकी दो दोस्त घायल हो गईं.इसके बाद मलाला को इलाज के लिए इंग्लैंड भेजा गया था और ठीक होने के बाद मलाला ने अपनी पढ़ाई का जज्बा बरकरार रखा, मलाला ने पिछले साल (2020) में ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी से दर्शनशास्त्र, राजनीति और अर्थशास्त्र में डिग्री हासिल की. 2014 में 17 साल की उम्र में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. वह दुनिया में अब तक की सबसे कम उम्र की नोबेल पुरस्कार विजेता हैं.