scorecardresearch

Israel Hamas War: अस्पताल में पड़े घायलों को हंसाता है ये कपल, मेडिकल क्लाउन बन कर रहे हजारों लोगों की मदद

इजराइल और हमास के बीच जंग का आज 21वां दिन है. 7 अक्टूबर को हमास के लड़ाकों ने इजराइल वासियों को जो जख्म दिए हैं, वो जल्दी भरने वाले नहीं है. हजारों की संख्या में लोग हॉस्पिटल में हैं.

मेडिकल क्लाउन येल मेडिकल क्लाउन येल

इजराइल और हमास के बीच जंग का आज 21वां दिन है. 7 अक्टूबर को हमास के लड़ाकों ने इजराइल वासियों को जो जख्म दिए हैं, वो जल्दी भरने वाले नहीं है. हजारों की संख्या में लोग हॉस्पिटल में हैं. कुछ अपनों से बिछड़ने का दर्द झेल रहे हैं. उनके इस अवसाद को दूर करने के लिए इजराइल का एक कपल दिनरात मेहनत कर रहा है. ये कपल अस्पताल में जाकर लोगों को हंसाता है, लेकिन अंदरखाने खुद दर्द और जख्मों को यादकर टूट जाता है. गुड न्यूज टुडे ने फमिली शहर में एक कपल से मुलाकात की है. उसने मेडिकल क्लाउन बनने से लेकर शवों की अंतिम प्रक्रिया की ड्यूटी निभाने तक की पूरी जर्नी शेयर की है.

गुड न्यूज टुडे ने येल और उनकी पत्नी हदास से बात की है. येल बताते हैं कि वो इजराइली फौज (IDF) में एक सिपाही हैं. जब हमास और इजराइल का युद्ध शुरू हुआ, उससे पहले वो एक मेडिकल क्लाउन के रूप में काम करते थे. अच्छा मुनाफा कमा रहे थे. इस समय देश को उनकी जरूरत है इसलिए वो देश सेवा के लिए काम कर रहे हैं.

अस्पताल में मरीजों को हंसाते हैं
येल कहते हैं कि ड्यूटी के बाद पत्नी हदास के साथ हॉस्पिटल में जाते हैं. वहां मरीजों को हंसाते हैं. लेकिन, हमास की बर्बरता को यादकर आंखों में आंसू आ जाते हैं. कपल हॉस्पिटल में मरीजों के साथ समय बिताता है. वहां उनसे बातचीत करता है. मरीजों के चेहरे पर एक बार मुस्कान लाने के लिए हर तरह के जतन करता है. 

बीमार लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाते हैं
मेडिकल क्लाउन वो लोग होते हैं जो हॉस्पिटल में जाते हैं. वहां गंभीर रूप से बीमार लोगों से मिलते हैं और उन्हें हंसाने की कोशिश करते हैं. उनका मन बहलाने की कोशिश करते हैं, ताकि वो अपनी बीमारी और दर्द को भूल जाएं. सदमे से निकल आएं और सामान्य महसूस करने लगें.

बॉडी डॉक्यूमेंटेशन की ड्यूटी कर रहे येल
येल बताते हैं कि उनका पेशा मेडिकल क्लाउन का था. अब सेना की ड्यूटी संभाल रहे हैं. जो लोग हमले में मारे गए हैं या युद्ध में मारे गए हैं, उनका डॉक्यूमेंटेशन करते हैं. जरूरी प्रक्रिया पूरी करवाते हैं. इसी बीच, मौका मिलता है तो मरीजों के बीच पहुंच जाते हैं और उन्हें सदमे से दूर लाने की कोशिश करते हैं. उनके साथ उनकी पत्नी भी सहयोग कर रही हैं. वो एक सोशल वर्कर हैं और फैमिली थैरेपी देती हैं.

परिवारों की मदद कर रहीं येल की पत्नी
येल की पत्नी हदास कहती हैं कि जो परिवार मुश्किलों में हैं और उन्हें किसी तरह की जरूरत है तो सूचना मिलने पर उनकी मदद करते हैं. युद्ध की वजह से काम बढ़ गया है. जिम्मेदारी बढ़ गई है. हदास कहती हैं कि मैं फिलहाल अपने दफ्तर नहीं जाती हूं. वो डेंजर्स इलाके में आता है. मैं ज्यादातर ऑनलाइन काम करती हूं. मैं उन कपल के साथ ऑनलाइन मीटिंग करती हूं, जिन्हें मदद की जरूरत है.

युद्ध के बाद लोगों में बढ़ रहा तनाव
येल ने मेडिकल क्लाउन के अनुभव भी शेयर किए. उन्होंने बताया कि वो हॉस्पिटल जाते हैं. वहां जो मरीज भर्ती हैं, उन्हें एंटरटेन करते हैं. उनके चेहरे पर मुस्कान लाते हैं. कपल का कहना था कि हमास ने बेहद दर्दनाक जख्म दिए हैं. उन्हें भूलना आसान नहीं है. घर उजड़ गए हैं. परिवार खत्म हो गए हैं. लोग दर्द भरे माहौल से गुजर रहे हैं. हमले के बाद स्ट्रेस बढ़ गया है. इजराइल में आज हर किसी आंखें नम हैं. हर किसी को भावुक देखा जा रहा है. तनाव के बीच किसी के चेहरे पर मुस्कुराहट लाना भी एक कला है. हमारे लिए यह बड़ी चुनौती थी. ऐसे में हम उन लोगों को हंसाने के लिए एंटरटेन करने की कोशिश करते हैं.  

शवों की पहचान करना सबसे बड़ी चुनौती थी
येल कहते हैं कि तीन हफ्ते पहले जब जंग शुरू हुई मैंने आर्मी जॉइन की. पहले दिन ही मुझे शव मिलने शुरू हो गए. जब मैं सुबह अस्पताल गया तो जमीन पर 100 शव पड़े थे. वहां लोग आ रहे थे और पहचान करने के बाद शवों को कफन में लपेटकर ले जा रहे थे. मैंने शवों को क्षत-विपक्ष हालत में भी देखा. इतने खराब कि उन्हें उठाकर भी ले जाने में मशक्कत करनी पड़ रही थी. मेरे सामने चुनौती यह थी कि शवों को कैसे पहचानें? हमारे पास डॉक्टरों की बड़ी संख्या है. एक प्रकिया तय की गई, उसी आधार पर शवों की पहचान करवाई गई.

-राजेश पवार की रिपोर्ट