हाल ही में आयोजित हुए मिस फ्रांस प्रतियोगिता के आयोजकों ने मॉड्लस के लिए कुछ अजीबोगरीब सी शर्तें रखी थी. जिसके बाद एक फेमेनिस्ट कार्यकर्ता ग्रूप और तीन आवेदकों ने पेजेंट की कंपनी पर मुकदमा दायर कर दिया है. दरअसल इस ग्रूप का आरोप है कि पेजेंट ने मॉड्लस की योग्यता के लिए भेदभावपूर्ण और बेतुके आवश्यकताओं की मांग कर रहे थे.
फेमेनिस्ट ग्रुप ने दायर की याचिका
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार ओसेज़ ले फेमिनिस्मे (Osez le féminisme) नाम के ग्रुप ने पेजेंट की मूल कंपनी एंडेमोल प्रोडक्शन के खिलाफ अपील दायर की है. इस समूह का कहना है कि मिस फ्रांस प्रतियोगी वर्क सर्विस करते हैं और उन्हें फ्रांसीसी रोजगार कानून के तहत उनके साथ कोई भी पक्षपात नहीं होना चाहिए. लिंग, यौन, पारिवारिक स्थिति या आनुवंशिक विशेषताओं के आधार पर इन प्रतियोगियों के आधार पर इनके सात कोई भी भेदभाव फ्रांस में गैरकानूनी माना जाता है. एक ट्वीट में, Osez le féminisme की प्रमुख एलिसा अहराबरे ने इस प्रतियोगिता की आलोचना करते हुए लिखा कि, मिल फ्रांस की प्रतियोगिता एक सेक्सिस्ट प्रतियोगिता जो लाभ के लिए महिलाओं का शोषण करती है और समानता के रास्ते में खड़ी रूढ़ियों को बढ़ावा देती है. महिलाओं के पहनावे और व्यवहार को नियंत्रित करने की इच्छाशक्ति को रोकें!
क्या है पूरा मामला
दरअसल सौंदर्य प्रतियोगिता के एपलीकेशन फार्म में ये साफ लिखा गया है उन्हें ऐसे उम्मीदवारों की तलाश है जिनकी लंबाई कम से कम पांच फुट-पांच हो, शादीशुदा ना हों और उनके बच्चे भी ना हों. इसके अलावा उस फार्म में बुने हुए कपड़े पहनने, बाल में एक्सटेंशन लगाने, टैटू करवाने या धूम्रपान करने की भी मनाही है. इस आवेदन में आगे कपड़ों का साइज भी पूछा गया है. यह प्रतियोगियों से प्रतियोगिता में स्वीकार किए जाने के बाद किसी भी बड़े शारीरिक परिवर्तन से गुजरने की अनुमति नहीं देता है. इतना ही नहीं इन सभी निर्देशों का उल्लंघन करने पर उन्हें 5,000 यूरो यानि 4,35,455 रुपये का जुर्माना भी देना होगा.
यह नहीं है पहला मामला
1. मिस पापुआ न्यू गिनी 2019
सौंदर्य प्रतियोगिता में पहले भी सेक्सिज्म के अन्य उदाहरण सामने आए हैं. इससे मिस पापुआ न्यू गिनी 2019 लुसी माइनो से उनका ताज छीन लिया गया था, जब उनके टवर्क का एक टिकटॉक वीडियो वायरल हुआ था. उस समय डांस को अनुचित कहकर इसकी आलोचना की गई थी.
2. मिसेज श्रीलंका 2021
इसके अलावा मिसेज श्रीलंका 2021 पुष्पिका डी सिल्वा के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ था, जब 2019 की विजेता ने उनकी जीत के कुछ ही क्षणों बाद उनका ताज छीन लिया था. 2019 में पेजेंट जीतने वाली कैरोलिन जूरी का कहना था कि डी सिल्वा को यह खिताब नहीं दिया जा सकता क्योंकि वह तलाकशुदा थीं.
3. मिस इंडिया 2019
इतना ही नहीं 2019 में मिस इंडिया पेजेंट को भी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था. दरअसल मिस इंडिया फाइनलिस्ट का एक कोलाज वायरल हुआ था, जिसमें लगभग सभी प्रतियोगी एक जैसे और ज्यादातर गोरे थे, जिसको लेकर पेजेंट पर रंग के आधार पर पक्षपात करने का आरोप लगा था.
Miss India contestants. They all have the same hair, and the SAME SKIN COLOUR, and I'm going to hazard a guess that their heights and vital stats will also be similar. So much for India being a 'diverse' country. pic.twitter.com/L4yXG0WvRu
— labellagorda (@labellagorda) May 27, 2019
4. मिस मैसाचुसेट्स प्रतियोगिता 2018
वहीं पीपल की रिपोर्ट के अनुसार, 2018 में, मिस मैसाचुसेट्स प्रतियोगिता ने यौन उत्पीड़न के खिलाफ #MeToo आंदोलन का मजाक उड़ाया गया था. इसके बाद खुद गैंगरेप की शिकार एक कंटेस्टेंट ने इंस्टाग्राम पर अपने इस्तीफे की घोषणा की थी. हालांकि, मिस मैसाचुसेट्स बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने बाद में माफी मांग ली थी.