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Japan में फिर होने जा रहा है Naked Festival, 1250 वर्षों से हर साल मनाया जा रहा है ये त्योहार, जानें इतिहास

इस त्योहार को हाडाका मात्सुरी के नाम से जाना जाता है, जिसे जापान के आइची प्रान्त के इनाजावा शहर में कोनोमिया श्राइन द्वारा आयोजित किया जाता है. इस साल यह 22 फरवरी को होने वाला है और हर बार की तरह इस बार भी इसमें लगभग 10,000 लोग भाग लेने वाले हैं.

Naked Festival Naked Festival
हाइलाइट्स
  • 22 फरवरी को होने वाला है त्योहार 

  • पूरी तरह निर्वस्त्र नहीं होते हैं लोग 

दुनियाभर में कई सारे अजीबोगरीब त्योहार मनाए जाते हैं. जापान का नेकेड फेस्टिवल (Naked Festival) भी इन्हीं में से एक है, जो हर साल मनाया जाता है. हदाका मात्सुरी या नेकेड फेस्टिवल सबसे पहले ओकायामा के प्रसिद्ध सैदाई-जी मंदिर में शुरू हुआ था. इस त्योहार में 10000 से ज्यादा लोग भाग लेते हैं. नेकेड फेस्टिवल में भाग लेने वाले ये सभी पुरुष केवल एक लंगोटी के अलावा कुछ भी पहने हुए नहीं होते हैं. 

महिलाएं भी लेंगी भाग 

हालांकि, इसबार ये और भी खास होने वाला है. साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, जापान के एक मंदिर ने 1650 साल के इतिहास में पहली बार महिलाओं को भी इस नेकेड फेस्टिवल में भाग लेने की अनुमति दी है. यह अपने आप में काफी ऐतिहासिक कदम है. इस साल, 40 महिलाओं को त्योहार में हिस्सा लेने को मिलेगा. हालांकि एक इंडिपेंडेंट रिपोर्ट के अनुसार, वे पूरी तरह से कपड़े पहने रहेंगी और अपना ट्रेडिशनल हैप्पी कोट पहने रहेंगी. 

22 फरवरी को होने वाला है त्योहार 

इस त्योहार को हाडाका मात्सुरी के नाम से जाना जाता है, जिसे जापान के आइची प्रान्त के इनाजावा शहर में कोनोमिया श्राइन द्वारा आयोजित किया जाता है. इस साल यह 22 फरवरी को होने वाला है और हर बार की तरह इस बार भी इसमें लगभग 10,000 पुरुष भाग लेने वाले हैं. आयोजन समिति के एक अधिकारी मित्सुगु कात्यामा ने कहा, ''महामारी के कारण हम पिछले तीन साल से उस तरह उत्सव आयोजित नहीं कर पा रहे हैं जैसे हम करते थे. इस दौरान हमें महिलाओं से बहुत सारे अनुरोध मिले कि वे भी इसमें भाग लेना चाहती हैं.” 

पूरी तरह निर्वस्त्र नहीं होते हैं लोग

अपने नाम के विपरीत, नेकेड फेस्टिवल में भाग लेने वाले पूरी तरह से निर्वस्त्र नहीं होते हैं. इसके बजाय, वे अलग-अलग चुनौतियों का सामना करते समय पारंपरिक सफेद लंगोटी पहनते हैं. इन चुनौतियों में अक्सर बर्फ के ठंडे पानी के तालाबों में कूदना शामिल होता है. 

कम उम्र के लड़के भी लेते हैं भाग

ओकायामा जैसे शहरों में प्राइमरी स्कूल के लड़के भी इसमें भाग लेते हैं. हालांकि, कोनोमिया जैसे क्षेत्रों में इसके लिए किसी भी उम्र के व्यक्ति को भाग लेने के प्रतिबंधित नहीं किया है. यहां तक ​​कि शिशुओं को भी भाग लेने की अनुमति होती है. यह त्योहार सईदाई-जी मंदिर में अनुष्ठानों के साथ शुरू होता है, जिसमें म्यूजिकल परफॉर्मन्स, फूड स्टॉल और लोकल वेंडर्स शामिल होते हैं.