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Explainer: नेपाल में आर्थिक संकट, क्या श्रीलंका की तरह ही कंगाली की राह पर जा रहा देश  

Nepal Rastra Bank ने 27 वाणिज्यिक बैंकों के साथ बैठक की थी. उस बैठक में कहा गया है कि वाहन लोन या गैर जरूरी लोन देने से बैंकों को बचना होगा. माना जा रहा है कि इससे देश की डूबती अर्थव्यवस्था को बचाने में मदद मिलेगी. बता दें, नेपाल हर महीने पेट्रोलियम आयात करने के लिए 24-29 अरब रुपयों का भुगतान करता है.

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हाइलाइट्स
  • महंगे और लग्जरी सामान के आयात पर लगाई गई रोक 

  • नेपाल राष्ट्र बैंक ने लिखा वित्त मंत्रालय को पत्र 

जहां एक ओर श्रीलंका आर्थिक तौर पर अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है वहीं अब नेपाल की भी अर्थव्यवस्था डगमगाने लगी है. नेपाल भी अब श्रीलंका की राह पर चल रहा है. आपको बता दें, नेपाल का केंद्रीय बैंक अब देश की पटरी से उतरी हुई अर्थव्यवस्था को संभालने में लगा हुआ है. कुछ लोगों का कहना है कि अगर कुछ समय तक नेपाल के यही हालात रहे तो वह भी श्रीलंका की ही तरह कंगाल हो जाएगा. 

रविवार को इसपर सीपीएन-यूएमएल के अध्यक्ष केपी शर्मा ओली ने भी कहा है कि नेपाल का आर्थिक संकट लगभग श्रीलंका जैसा है. काठमांडू में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ओली ने कहा, "हम जल्द ही एक और श्रीलंका बनने जा रहे हैं.”

नेपाल राष्ट्र बैंक ने लिखा वित्त मंत्रालय को पत्र 

दरअसल, स्वतंत्रता के बाद से श्रीलंका अपने सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है और बुनियादी सामानों के लिए वहां हाय-तौबा मची हुई है. लोग अपनी रोजमर्रा की जरूरतों के  लिए भी लंबी कतारों में लगे हुए हैं. इसके लिए अब नेपाल राष्ट्र बैंक (NRB) ने वित्त मंत्रालय को पत्र लिखा है. पत्र में कहा गया है कि देश में जो पेट्रोलियम उत्पाद के लिए आयात हो रहा है उसे नियंत्रित किया जाए. साथ ही बैंकों के लिए भी ये कहा गया है कि वे बेवजह किसी को भी लोन देने से बचें. 

बैंकों को गैर जरूरी लोन देने से बचना चाहिए: NRB 

दरअसल, एनआरबी ने 27 वाणिज्यिक बैंकों के साथ बैठक की थी. उस बैठक में कहा गया है कि वाहन लोन या गैर जरूरी लोन देने से बैंकों को बचना होगा. माना जा रहा है कि इससे देश की डूबती अर्थव्यवस्था को बचाने में मदद मिलेगी. बता दें, नेपाल हर महीने पेट्रोलियम आयात करने के लिए 24-29 अरब रुपयों का भुगतान करता है.

वित्त मंत्रालय को केंद्रीय बैंक ने सुझाव दिया है कि पेट्रोलियम पर जो रकम खर्च हो रही है उसको घटाकर 12-13 अरब रुपये तक किया जाए. हालांकि, नेपाल के तेल निगम के कार्यवाहक प्रबंध निदेशक नागेंद्र शाह का मानना है कि अगर ऐसा किया जाता है तो देश में पेट्रोल डीजल का गंभीर संकट पैदा हो सकता है. 

महंगे और लग्जरी सामान पर लगाई गई रोक 

इसके अलावा, केंद्रीय बैंक ने वाहनों और दूसरी जितने भी महंगे या लग्जरी सामान हैं, उनके आयात पर रोक लगाने की घोषणा की है. यह कदम नकदी की कमी और देश में घट रही विदेशी मुद्रा भंडार के कारण उठाया गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, विदेशी मुद्रा भंडार में 17 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. नेपाल के पास जुलाई 2021 तक 11.75 अरब डॉलर विदेशी मुद्रा भंडार था,ये अब 2022 फरवरी में घटकर 9.75 अरब डॉलर रह गया है.