
'एडोलसेंस' यूके टीवी रेटिंग में टॉप पर पहुंचने वाला पहला स्ट्रीमिंग शो बन गया है. देश से लेकर विदेशों तक एडोलसेंस सीरीज की चर्चा हो रही है. इस बीच यूके की सरकार ने टॉक्सिक मैसकुलिनिटी से निपटने के लिए स्कूलों में किशोरों को एंटी मिसोजिनी लैसन्स (महिला-द्वेष विरोधी पाठ) भी पढ़ाने वाली है.
सोनाक्षी सिन्हा से लेकर करण जौहर ने किया सपोर्ट
इसमें सेक्स एजुकेशन, हेल्थ और सोशल मीडिया इंफ्यूएंस और साइबर बुलिंग जैसे विषयों को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा. यह कदम टॉक्सिक मर्दानगी (Toxic masculinity) से निपटने के लिए एक व्यापक प्रशासनिक प्रयास का हिस्सा है. सोनाक्षी सिन्हा से लेकर करण जौहर ने भी इस फैसले का सपोर्ट करते हुए इसे समय की जरूरत बताया है.
एडोलसेंस में ऐसा क्या खास है
एडोलसेंस एक साइकोलॉजिकल ड्रामा है. इसकी शुरुआत होती है 13 साल के जेमी मिलर (ओवेन कूपर) की गिरफ़्तारी से. मिलर पर अपनी क्लास की एक छात्रा की हत्या का आरोप है. शुरुआत में तो वो आरोपों से इनकार करता है लेकिन जैसे-जैसे उसकी काउंसलिंग होती है, हैरान करने वाले सच उजागर होते हैं.
स्टॉकिंग और बदला लेने की नीयत से हत्या का मामला आखिर में बुली के मुद्दे पर आकर अटक जाता है. इस सीरीज ने पैरेंटिंग पर भी काफी बहस छेड़ दी है. ये सीरीज किशोरों पर सोशल मीडिया और इंटरनेट इनफ्लूएंसर्स के बढ़ते बुरे प्रभावों और मेल ईगो को उजागर करती है.
संसद और सरकारी स्कूलों में भी दिखाया जाएगा ये शो
यूके के पीएम स्टार्मर ने जोर देकर कहा कि सरकार को इस समस्या से निपटने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है. उन्होंने इसे एक अहम सामाजिक मुद्दा करार दिया. उन्होंने यूके की संसद और सरकारी स्कूलों में इस क्राइम ड्रामा को दिखाने की बात भी कही है. एडोलसेंस जैक थॉर्न और स्टीफन ग्राहम द्वारा निर्मित और फिलिप बैरेंटिनी द्वारा निर्देशित है. इस सीरीज को एक मास्टरक्लास बनाने वाली एक बात ये है कि हर एक एपिसोड को एक ही बार में लगातार फिल्माया गया है.