अमेरिका जल्द ही अगली पीढ़ी के B-21 रेडर स्टील्थ बॉम्बर को उतारने की योजना बना रहा है. इस साल के अंत में 6 फाइटर का शुरुआती बैच लॉन्च हो सकता है. साल 2022 के परमाणु निरोध शिखर सम्मेलन में बोलते हुए, मेजर जनरल जेसन आर्मगोस्ट ने कहा कि नए बॉम्बर के 2022 के अंत में उड़ान भरने की संभावना है. उन्होंने कहा कि रोलआउट इस साल ही होगा, हालांकि मेजर ने सटीक तारीख नहीं दी.
B-52s, B-1s, और B-2 की जगह लेगा यह नया बॉम्बर
आर्मागोस्ट ने यह भी कहा कि डिजिटल मॉडल-आधारित सिस्टम इंजीनियरिंग के साथ डिजिटल तकनीकों का उपयोग करके B-21 को विकसित किया गया था. इस बॉम्बर के निर्माण से जुड़ी सभी टीमें डिजाइन, निर्माण और परीक्षण के लिए एक साथ काम कर रही हैं. B-21 एक नया हाई-टेक बॉम्बर है, जो अमेरिकी वायु सेना के B-52s, B-1s, और B-2 बॉम्बर्स के पुराने बेड़े को बदलने के लिए डिजाइन किया गया है. इन बॉम्बर्स को अमेरिका ने 30 साल पहले डिजाइन किया गया था. अमेरिका के पुराने बॉम्बर्स की तरह यह भी लंबी दूरी तक परमाणु बमों और पारंपरिक बमों के साथ हमला करने में सक्षम है.
अमेरिका के न्यूक्लिर ट्रॉयड का हिस्सा है
यह अमेरिका के न्यूक्लिर ट्रॉयड का भी हिस्सा है. इस श्रेणी में दुनिया के चुनिंदा देश ही शामिल हैं, जिसमें अमेरिका, भारत, चीन, रूस और फ्रांस शामिल हैं. जल-थल और नभ से परमाणु हमला करने की क्षमता को न्यूक्लिर ट्रॉयड कहा जाता है. इसमें वैकल्पिक रूप से मानवयुक्त क्षमताएं हैं और यह विभिन्न गतिरोध और प्रत्यक्ष-हमले वाले युद्धपोतों को नियोजित कर सकता है. अमेरिका का दावा है कि इस बॉम्बर को रूस के S-400 रक्षा प्रणाली के रडार से भी पकड़ा नहीं जा सकता है. ये परमाणु हथियार ले जाने में भी सक्षम हैं. B-21 रायडर पारंपरिक हथियारों के साथ परमाणु बमों के साथ भी हमला करने में सक्षम होगा. B-21 को उन्नत रूसी वायु सुरक्षा जैसे S-400 और S-500 को नष्ट करने के लिए भी तैनात किया जा सकता है. यह कमांड और नियंत्रण केंद्रों, गोला-बारूद डंप, तोपखाने और मिसाइल बैटरी, सेना और वाहन को टारगेट करने के लिए पूर्वी यूरोप में भारी बचाव वाले हवाई क्षेत्र में आसानी से प्रवेश कर सकता है.
परमाणु बमों के साथ भी हमला करने में सक्षम होगा
बी-21 बॉम्बर अपने साथ 13607 किलोग्राम तक के पेलोड को लेकर उड़ान भरने में सक्षम होगा. इसमें एक बड़ा हिस्सा इंटरनल फ्यूल का होगा, जबकि, बाकि हिस्से में बम और मिसाइलें लगी होंगी. B-21 रायडर पारंपरिक हथियारों के साथ परमाणु बमों के साथ भी हमला करने में सक्षम होगा. B-2 बॉम्बर को 1980 के दशक के अंत में लॉन्च किया गया था जो सबसे ज्यादा सुरक्षित हवाई क्षेत्र में घुसने और दुश्मन के इलाके में महत्वपूर्ण लक्ष्यों पर हमला करने में सक्षम था. हालांकि, कोल्ड वॉर के अंत और उच्च लागत की वजह से केवल 21 B-2 यूनिट्स का निर्माण किया गया था, जिसमें से एक 2008 में दुर्घटना में खो गया था.