हाल ही में कोरोनावायरस का नया वेरिएंट B.1.1.529 खोजा गया, जो पहली बार दक्षिणी अफ्रीका में मिला था. ग्रीक वर्णमाला के तहत WHO ने इसका नाम बदलकर Omicron कर दिया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दक्षिण अफ्रीका में पहली बार सामने आए कोरोना वायरस के नए वेरिएंट को बेहद तेजी से फैलने वाला चिंताजनक वेरिएंट करार दिया है. ओमिक्रॉन की सबसे पहले पुष्टि 9 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका में हुई थी.
क्या मौजूदा टीके ओमिक्रॉन वेरिएंट पर असर करते हैं, इस सवाल का फिलहाल जवाब नहीं दिया जा सकता है. लेकिन इस नए वेरिएंट से बचने के लिए क्या करें और क्या ना करें ये जानना बहुत जरूरी है. इस बारे में Witwatersrand University में वैक्सीनोलॉजी के प्रोफेसर और स्वास्थ्य विज्ञान संकाय के डीन शब्बीर ए माधी ने सरकार को कुछ सुझाव दिए हैं जिन्हें अपनाकर जनता को सुरक्षित किया जा सकता है.
क्या न करें
उन्होंने कहा कि सबसे पहले, इनडोर सभाओं को छोड़कर और कहीं अंधाधुंध प्रतिबंध न लगाएं. दूसरे, घरेलू या अंतरराष्ट्रीय यात्रा पर प्रतिबंध न लगाएं. यह मानना मूर्खता है कि मुट्ठी भर देशों पर यात्रा प्रतिबंध लगाने से वायरस का प्रसार बंद हो जाएगा. तीसरा, उन नियमों की घोषणा न करें जो स्थानीय संदर्भ में लागू करने योग्य नहीं हैं. देरी न करें और हाई रिस्क वाले व्यक्तियों को इम्यून करने की कोशिश करें. शब्बीर ए माधी ने कहा कि सरकार को 65 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को फाइजर वैक्सीन की एक एक्स्ट्रा डोज देनी चाहिए. यही बात हाई रिस्क वाले लोगों के लिए भी लागू होती है.
क्या करें सरकार
सबसे पहले सरकार ये सुनिश्चित करें कि स्वास्थ्य सुविधाएं न केवल कागज पर तैयार की जाती हैं बल्कि वास्तव में लोगों तक पहुंचती हैं. साथ ही पर्सनल केयर उपकरण और ऑक्सीजन जैसे संसाधन भी जुटाए जाएं. शब्बीर ए माधी ने कहा कि सरकार जॉनसन एंड जॉनसन या फाइजर की बूस्टर डोज उन सभी वयस्कों को उपलब्ध कराएं जिन्हें एक खुराक मिली है. गंभीर कोरोना संक्रमण से सुरक्षा के लिए इसकी जरूरत है.
किसी भी इनडोर जगह में प्रवेश के लिए वैक्सीन पासपोर्ट लागू करें जहां कई लोग इकट्ठा होते हैं, जिसमें पूजा स्थल और सार्वजनिक परिवहन शामिल हैं. जिन्हें वैक्सीन न लगी हो और इम्यूनिटी भी कम हो ऐसे लोगों तक पहुंचने की कोशिश की जाए. 65 साल से ज्यादा उम्र के हाई रिस्क वाले समूहों पर ध्यान दें.टीकाकरण का प्राथमिक लक्ष्य गंभीर संक्रमण और डेथ रेट को कम करना होना चाहिए. इसके लिए रणनीति बनाकर इस दिशा में काम करना चाहिए. शराब और अन्य प्रतिबंधों को लागू करने से सरकार को बचना चालिए. इसके साथ ही क्षेत्रीय स्तर पर बेड की उपलब्धता की निगरानी करें. शब्बीर ए माधी का कहना है कि वायरस के साथ जीना सीखें और आजीविका पर महामारी के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष प्रभावों पर ध्यान दें. उन्होंने कहा कि अतीत की गलतियों से सीखें और आगे इन्हें सुधारने पर ध्यान दें.
नए वेरिएंट के खिलाफ कारगर हैं टीके
एक अच्छी खबर ये है कि फाइजर-बायोएनटेक और मॉडर्ना कंपनियों के टीके ज्यादातर वेरिएंट के खिलाफ कारगर हैं. एक तरफ अमेरिकी दवा कंपनी मॉडर्ना (Moderna) कोरोनावायरस के नए ओमिक्रॉन वेरिएंट के खिलाफ एक बूस्टर डोज बनाएगी. वहीं जर्मन वैक्सीन निर्माता बायोएनटेक ने एक बयान में कहा कि फाइजर और बायोएनटेक इस दिशा में काम कर रही हैं कि छह हफ्ते के अंदर mRNA वैक्सीन को नए वेरिएंट के अनुकूल किया जा सके.
दूसरी ओर रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (RDIF) के प्रमुख किरिल दिमित्रीव ने कहा है कि स्पुतनिक वी टीकों को जरूरत पड़ने पर ओमिक्रॉन वेरिएंट के खिलाफ एडजस्ट किया जा सकता है. Novavax Inc (NVAX.O) का भी कहना है कि उसने दक्षिण अफ्रीका में पाए गए नए कोरोना वेरिएंट के लिए अपनी COVID-19 वैक्सीन के नए वर्जन पर काम करना शुरू कर दिया है. नोवावैक्स इंक ने कहा कि अगले कुछ हफ्तों में इसका परीक्षण और निर्माण शुरू हो जाएगा.
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