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New Zealand PM Jacinda Ardern to resign: अगले महीने इस्तीफा देंगी न्यूजीलैंड की पीएम, नहीं लड़ेंगी चुनाव

न्यूजीलैंड की प्रधान मंत्री जैसिंडा अर्डर्न ने 19 जनवरी को कहा कि वह प्रधानमंत्री पद छोड़ रही हैं और अक्टूबर के लिए निर्धारित आम चुनाव नहीं लड़ेंगी.

Jacinda Ardern to resign Jacinda Ardern to resign
हाइलाइट्स
  • देश की सबसे युवा प्रधानमंत्री हैं अर्डर्न

  • पुलिस अफसर की बेटी हैं अर्डर्न 

न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न ने गुरुवार को घोषणा की कि वह अगले महीने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगी. उनके इस फैसले ने सबको चौंका दिया. अपनी पार्टी की वार्षिक बैठक में, जैसिंडा अर्डर्न ने कहा कि अब वह इस पद को आगे नहीं संभाल सकती हैं और अब समय हैं कि वह पीछ हट जाएं. 

आपको बता दें कि जैसिंडा अर्डर्न ने न्यूजीलैंड के प्रधान मंत्री के रूप में अथक सकारात्मकता का वादा किया था, लेकिन गुरुवार को अपने चौंकाने वाले इस्तीफे की घोषणा करते हुए उन्होंने स्वीकार किया कि इस पद को संभालने की ऊर्जा अब उनमें नहीं है. 

देश की सबसे युवा प्रधानमंत्री हैं अर्डर्न
साल 2017 में न्यूजीलैंड की पॉलिटिक्स में फ्रेश फेस अर्डर्न को प्रधान मंत्री चुना गया था, और अपने पहले कार्यकाल में उन्हें न्यूजीलैंड के सबसे बुरे आतंकी हमले, एक घातक ज्वालामुखी विस्फोट और कोविड -19 महामारी का सामना करना पड़ा. 

उस समय सिर्फ 37 साल की थी और 1856 के बाद से देश की सबसे कम उम्र की प्रधान मंत्री और प्रगतिशील राजनीति के लिए एक वैश्विक प्रतीक बन गईं. अर्डर्न ने 2020 में दूसरी बार शानदार जीत हासिल की, लेकिन सरकार में लोगों के गिरते भरोसे, बिगड़ती आर्थिक स्थिति और एक रूढ़िवादी विपक्ष से लड़ने के कारण उनकी लोकप्रियता गिरने लगी. 

42 वर्षीय अर्डर्न ने गुरुवार को कहा कि यह उनके जीवन के सबसे संतोषजनक साढ़े पांच साल रहे हैं. लेकिन इसकी चुनौतियां भी रही हैं. उनका कहना है कि अब अपने पद से न्याय करने की ऊर्जा उनमें नहीं है. 

देश की सबसे लोकप्रिय नेताओं में से एक रहीं 
अर्डर्न ने हमेशा ही सकारात्मकता को अपनी ताकत बनाया. अपने मजबूत व्यक्तित्व, प्रगतिवादी और दृढ़ सोच के कारण वह कम उम्र और कम समय में ही देश के लोकप्रिय नेताओं में से एक बन गईं. अपने कार्यकाल में अर्डर्न ने बहुत सी चुनौतियों का सामना किया लेकिन वह मजबूती से खड़ी रहीं और उन्होंने अपने देश के लोगों को ही अपनी टीम बना लिया. 

उन्हें कार्यालय में मुश्किल से 18 महीने हुए थे जब एक शुक्रवार की नमाज के दौरान क्राइस्टचर्च की दो मस्जिदों में एक व्हाइट नागरिक ने गोलीबारी की, जिसमें 51 मुस्लिम उपासक मारे गए और अन्य 40 घायल हो गए. नफरत के इस महौल में अर्डर्न की भावात्मक प्रतिक्रिया ने दुनिया भर में उनकी एक करिश्माई सेंटर-लेफ्ट नेता की छवि को परिभाषित किया. 

इस हादसे के बाद अर्डर्न ने हेडस्कार्फ़ पहना और पीड़ितों के परिवारों को सांत्वना दी. अर्डर्न को इस मामले में निर्णायक नीतिगत कार्रवाई के लिए सराहना मिली. उन्होंने देश में अधिनियमित बंदूक कानून सुधार की गतिविधि को तेज किया और सोशल मीडिया दिग्गजों को ऑनलाइन हेट स्पीच को संबोधित करने के लिए मजबूर किया. कोरोना से लड़ने में भी उन्होंने अहम भूमिका निभाई. 

पुलिस अफसर की बेटी हैं अर्डर्न 
बात अर्डर्न के निजी जीवन की करें तो वह नॉर्थ आइलैंड के भीतरी इलाकों में पली-बढ़ी, जहां उनके पिता एक पुलिस अधिकारी थे. यहां पर उन्होंने जो गरीबी देखी, उसी कारण आज उनके विचार इतने स्पष्ट हैं. वह एक मॉर्मन के रूप में पली-बढ़ी. लेकिन 20 साल की उम् में आते-आते उन्होंने इस पंथ को छोड़ दिया क्योंकि उनका रुख समलैंगिकता के खिलाफ था.

कम्यूनिकेशन की डिग्री पूरी करने के बाद, अर्डर्न ने पूर्व प्रधान मंत्री हेलेन क्लार्क के कार्यालय में अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया और फिर वह टोनी ब्लेयर की सरकार में नीति सलाहकार के रूप में काम करने के लिए ब्रिटेन गईं. साल 2008 में अर्डर्न संसद के लिए चुनी गईं और मार्च 2017 में लेबर पार्टी की उप नेता बनीं. 

उस समय वह खुद को एक बैकरूम स्टाफ के रूप में देखती थीं. लेकिन 2017 के चुनाव से ठीक सात हफ्ते पहले लेबर लीडरशिप में जोर दिए जाने के बाद वह पूरी तरह से राजनीति में उतरीं और देखा जाए देश में "जैसिंडा-मेनिया" की लहर पर चली. 

पद पर रहते हुए दिया बच्चे को जन्म 
अर्डर्न दुनिया की दूसरी प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने अपने पद पर रहते हुए अपने बच्चे को जन्म दिया. इसस पहलह 1990 में पाकिस्तान की बेनजीर भुट्टो पद पर रहते हुए जन्म देने वाली दुनिया की पहली प्रधानमंत्री थीं. अर्डर्न अपने बच्चे के साथ कई बार ऑफिस और संसद में देखी गईं. इससे लोगों के मन उनके प्रति सम्मान भी बढ़ा.