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New Zealand New PM: साल 2008 में पहली बार संसद पहुंचे थे क्रिस हिपकिंस, जानिए कितने दिनों तक रह सकते हैं न्यूजीलैंड के पीएम

न्यूजीलैंड के शिक्षा मंत्री क्रिस हिपकिंस देश का अगला प्रधानमंत्री बनेंगे. 44 वर्षीय हिपकिंस मौजूदा प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न की जगह लेंगे.हिपकिंस पहली बार 2008 में संसद के लिए चुने गए थे.

 Chris Hipkins (Photo  Twitter) Chris Hipkins (Photo Twitter)
हाइलाइट्स
  • हिपकिंस का जन्म 1978 में हट वैली में हुआ था

  • 2008 से लगातार रेमटुका से सांसद चुने जाते रहे हैं

न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री बनने जा रहे क्रिस हिपकिंस वर्तमान में शिक्षा मंत्री हैं. 44 वर्षीय हिपकिंस मौजूदा प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न की जगह लेंगे. जेसिंडा ने गत गुरुवार को इस्तीफा देने का ऐलान किया था. हिपकिंस पीएम पद के लिए लेबर पार्टी की तरफ से नामित किए गए अकेले उम्मीदवार हैं. वह इस तरह से संसद में लेबर पार्टी की तरफ से नेता बन गए हैं. अब सिर्फ औपचारिकता बाकी है, जो रविवार को पूरी की जाएगी. हिपकिंस पहली बार 2008 में संसद के लिए चुने गए थे. वह 2008 से लगातार रेमटुका से सांसद चुने जाते रहे हैं. नवंबर 2020 में उन्हें स्वास्थ्य विभाग का मंत्री नियुक्त किया गया था. 

राजनीति और अपराध विज्ञान में किया है ग्रेज्यूएशन
हिपकिंस का जन्म 1978 में हट वैली में हुआ था. उनकी पढ़ाई हट वैली में ही हुई. इसके बाद हिपकिंस ने वेलिंगटन के विक्टोरिया यूनिवर्सिटी से राजनीति विज्ञान और अपराध विज्ञान में ग्रेज्यूएशन किया. वह इस विश्वविद्यालय में स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष भी रह  चुके हैं. हिपकिंस संसद में सांसद ट्रेवर मल्लार्ड और हेलेन क्लार्क के सलाहकार के रूप में भी काम कर चुके हैं.उनकी मां रोजमेरी हिपकिंस न्यूजीलैंड काउंसिल फॉर एजुकेशनल रिसर्च में चीफ रिसर्चर थीं.

राजनीतिक संकटमोचन के रूप में मशहूर
अर्डर्न के जाने के बाद पार्टी के सभी सांसदों ने मुकाबले की लंबी प्रक्रिया से बचने के लिए हिपकिंस का समर्थन किया है और वे इस बात का कोई संकेत नहीं देना चाहते कि पार्टी में एकता का अभाव है. प्रधानमंत्री बनने के बाद हिपकिंस आठ महीने से कम समय तक पद संभालेंगे क्योंकि न्यूजीलैंड में अगला आम चुनाव अक्टूबर 2023 में होगा. चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों के अनुसार लेबर पार्टी की स्थिति मुख्य प्रतिद्वंद्वी नेशनल पार्टी से बेहतर है. शिक्षा विभाग संभालने के अलावा, हिपकिंस पुलिस एवं सार्वजनिक सेवा मंत्री और सदन के नेता भी हैं. उन्हें एक राजनीतिक संकटमोचक के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने अन्य सांसदों द्वारा पैदा की गई समस्याओं को दूर करने में कई बार अहम भूमिका निभाई है.

राजनीतिक दबाव में थीं अर्डर्न
मात्र 37 साल में प्रधानमंत्री बनने वाली जेसिंडा अर्डर्न की न्यूजीलैंड में हुई गोलीबारी की अब तक की सबसे भयंकर घटना और महामारी से निपटने के लिए दुनियाभर में प्रशंसा की गई, लेकिन देश में वह काफी राजनीतिक दबाव का सामना कर रही थीं. उन्होंने कुछ ऐसी चुनौतियों को झेला, जिनका न्यूजीलैंड के नेताओं ने पूर्व में अनुभव नहीं किया था. इस बीच, महिला होने के कारण उनके खिलाफ कई ऑनलाइन टिप्पणियां की गईं और धमकियां दी गईं. अर्डर्न ने नम आंखों के साथ गुरुवार को पत्रकारों से कहा कि सात फरवरी का दिन बतौर प्रधानमंत्री उनका आखिरी दिन होगा. उन्होंने कहा, मेरे कार्यकाल का छठा वर्ष शुरू होने जा रहा है और बीते हर साल में मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया है. अर्डर्न ने घोषणा की कि न्यूजीलैंड में अगला आम चुनाव 14 अक्टूबर को होगा और वह तब तक सांसद के रूप में काम करती रहेंगी.