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Nobel Prize: 1901 में हुई थी नोबेल प्राइज की शुरुआत, जानिए इसका इतिहास और सफर

नोबेल प्राइज उन लोगों को दिया जाता है, जिन्होंने विज्ञान, अर्थशास्त्र, मानवाधिकार या चिकित्सा विज्ञान जैसे क्षेत्रों में सर्वोत्कृष्ट योगदान दिया हो. 1901 में ये पुरस्कार पहली बार दिया गया था.

नोबेल प्राइज नोबेल प्राइज
हाइलाइट्स
  • 1901 में पहली बार मिला था नोबेल प्राइज

  • अल्फ्रेड नोबेल के नाम पर दिया जाता है पुरस्कार

अक्टूबर की शुरुआत का मतलब नोबेल पुरस्कार का मौसम. आज साल 2022 के लिए नोबेल पुरस्कार की घोषणा होने वाली है. इसलिए दुनिया भर के नए चेहरे वैज्ञानिकों, लेखकों, अर्थशास्त्रियों और मानवाधिकार नेताओं को ये पुरस्कार मिलता है. 

इस साल का नोबेल सीज़न सोमवार को मेडिसिन अवार्ड के साथ शुरू होगा. इसके बाद दैनिक घोषणा होती हैं: मंगलवार को भौतिकी, बुधवार को रसायन विज्ञान और गुरुवार को साहित्य. 2022 के नोबेल शांति पुरस्कार की घोषणा शुक्रवार को और अर्थशास्त्र पुरस्कार की घोषणा 10 अक्टूबर को की जाएगी. लेकिन उससे पहले आप ये जान लीजिए की आखिर ये नोबेल पुरस्कार क्या है और इसकी शुरुआत कब हुई.

क्या होता है नोबेल पुरस्कार?
इस पुरस्कार की शुरुआत नोबेल फाउंडेशन ने साल 1901 में की थी. ये पुरस्कार स्वीडन के वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल की याद में दिया जाता है. उन लोगों को सम्मानित किया जाता है, जिन्होंने पिछले साल के दौरान मानव जाति को सबसे बड़ा फायदा पहुंचाया हो. ये पुरस्कार शांति, साहित्य, भौतिकी, रसायन, चिकित्सा विज्ञान और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में दुनिया का सर्वोच्च पुरस्कार है. यहां हर पुरस्कार विजेता को एक मेडल, एक डिप्लोमा और मोनेटरी अवार्ड दिया जाता है.

कौन थे अल्फ्रेड नोबेल?
अल्फ्रेड नोबेल एक वैज्ञानिक थे, जिन्होंने लगभग 355 आविष्कार किए थे. जिसमें डायनामाइट का आविष्कार सबसे पॉपुलर था. दिसंबर 1896 में मृत्यु से पहले उन्होंने अपनी संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा एक ट्रस्ट के लिए सुरक्षित रख दिया. उनकी इच्छा की थी इस पैसे के ब्याज से हर साल उन लोगों को सम्मानित किया जाए, जिनका काम मानव जाति के लिए सबसे कल्याणकारी साबित हो. स्वीडन के बैंक में जमा राशि के ब्याज से नोबेल फाउंडेशन की ओर से हर वर्ष शांति, साहित्य, भौतिकी, रसायन, चिकित्सा विज्ञान और अर्थशास्त्र में सर्वोत्कृष्ट योगदान के लिए पुरस्कार दिया जाता है.

कितनी होती है इनामी राशि?

नोबल प्राइज के रूप में हर अवार्डी को करीब दस मिलियन स्वीडिश क्रोनोर यानी करीब 9 लाख डॉलर या अगर रुपयों में देखें तो ये करीब 7 करोड़ 33 लाख रुपये होगा. ये पैसा 10 दिसंबर को दिया जाएगा.  यह पैसा पुरस्कार के निर्माता, स्वीडिश आविष्कारक अल्फ्रेड नोबेल द्वारा छोड़ी गई वसीयत से आता है, जिनकी मृत्यु 1895 में हुई थी.

क्या है नोबेल फाउंडेशन?
29 जून, 1900 में नोबेल फाउंडेशन की स्थापना हुई थी. जहां नोबेल पुरस्कारों का आर्थिक रूप से संचालन किया जाता है. नोबेल फाउंडेशन 5 लोगों की टीम है. इसका मुखिया  स्वीडन की किंग ऑफ काउंसिल की ओर से तय किया जाता है. बाकि 4 लोग पुरस्कार वितरक संस्थान के ट्रस्टियों की ओर से तय किए जाते हैं. ये पुरस्कार स्वीडन के राजा के हाथों से विजेताओं को दिया जाता है.

उम्मीदवार को कौन नामांकित कर सकता है?
दुनिया भर में हजारों लोग नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकन जमा करने के पात्र हैं। इनमें विश्वविद्यालय के प्रोफेसर, कानूनविद, पूर्व नोबेल पुरस्कार विजेता और स्वयं समिति के सदस्य शामिल हैं. हालांकि नामांकन को 50 वर्षों तक गुप्त रखा जाता है, लेकिन जो लोग उन्हें जमा करते हैं वे कभी-कभी सार्वजनिक रूप से अपने सुझावों की घोषणा करते हैं, खासकर नोबेल शांति पुरस्कार के लिए.