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चे सन-हुई बनी उत्तर कोरिया की पहली महिला विदेश मंत्री, अमेरिका से पांगोंग पर चल रहे विवाद के बाद लिया फैसला

उत्तर कोरिया ने अनुभवी राजनयिक चोए सोन-हुई को अपनी पहली महिला विदेश मंत्री के रूप में नियुक्त किया है, राज्य मीडिया ने शनिवार को बताया, क्योंकि प्योंगयांग प्रतिबंधों को खत्म करने वाले हथियारों के परीक्षण के साथ आगे बढ़ता है और वार्ता के लिए अमेरिकी कॉल की उपेक्षा करता है।

चे सन-हुई चे सन-हुई
हाइलाइट्स
  • किम जोंग उन के साथ पहले भी कर चुकी हैं काम

  • अमेरिका के साथ रिश्तों पर है अनुभव

चे सोन-हुई को उत्तर कोरिया के नए विदेश मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया है. ये पहली बार होगा जब कोई महिला उत्तर कोरिया की विदेश मंत्री बनी हो. चे सोन-हुई ने पहले के विदेश मंत्री री सोन ग्वोन की जगह ली है. किम जोंग उन ने सत्तारूढ़ दल की एक बैठक में, चे सोन-हुई को विदेश मंत्रालय के नेतृत्व के लिए नियुक्त किया था. 

किम जोंग उन के साथ पहले भी कर चुकी हैं काम
खबरों की मानें तो चे सोन-हुई ने पहले संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ परमाणु वार्ता के दौरान किम जोंग उन के साथ मिलकर काम किया है. इसके अलावा 2019 में अपनी फ्लूएंट अंग्रेजी के कारण सोन-हुई ने किम जोंग उन के साथ तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ शिखर सम्मेलन अटेंड भी किया है. वो एक कैरियर राजनयिक है. शिखर सम्मेलन के दौरान एक प्रश्न-उत्तर सत्र में बिना किसी डील के ही बंद हो गया तो उन्होंने ये भी कहा था कि, "मुझे लगता है कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने हमारे प्रस्तावों को अस्वीकार करने के साथ एक सुनहरा अवसर गंवा दिया है."

कौन है चे सोन-हुई?
चे सोन-हुई अपने पिछले पद से पदोन्नति के बाद अब उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय का नेतृत्व करेंगी. इस राजनयिक ने अब पूर्व कट्टर सैन्य अधिकारी और विदेश मंत्री री सोन ग्वोन की जगह ली है. 8 जून से 10 जून तक सत्तारूढ़ वर्कर्स पार्टी की केंद्रीय समिति की बैठक के दौरान किम जोंग उन ने कथित तौर पर चे सोन-हुई को विदेश मंत्री नियुक्त किया. सोन-हुई को विदेश मंत्री बनाने के पीछे की खास वजह ये भी है कि उनके पास अमेरिकी मामलों को संभालने का पहले का अनुभव है.

10 अगस्त 1964 को उत्तर कोरिया में जन्मी चे सोन-हुई कई भाषाओं का ज्ञान है. इसके अलावा वो एक शोधकर्ता और विदेश मंत्रालय की अधिकारी भी हैं. उत्तर कोरिया में इतने उच्च पद पर कुछ महिलाओं में से एक, चे के अपने सौतेले पिता चो योंग-रिम के माध्यम से सत्ताधारी पार्टी से संबंध हैं, जो उत्तर कोरियाई सेना के पूर्व प्रमुख थे, जिन्होंने किम इल के तहत जापानी विरोधी संघर्ष में लड़ाई लड़ी थी.

सेक्शन चीफ से उप निदेशक तक, 2016 में उत्तर अमेरिकी विभाग के उप-महानिदेशक, और 2018 में उप-मंत्री, चो ने धीरे-धीरे सभी रैंकों का कार्यभार संभाला है, इसी के साथ अब मंत्रालय में उनका लगभग एक दशक लंबा अनुभव है.

रिपोर्टों से यह भी पता चला है कि जब से 2019 में किम और ट्रंप के साथ शिखर सम्मेलन टूटा, तब से प्योंगयांग और वाशिंगटन के बीच राजनयिक संबंध कुछ खास नहीं रहे. किम की सरकार ने भी वार्ता पर लौटने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका के बार-बार प्रस्तावों का जवाब देने से इनकार कर दिया है. उत्तर कोरिया से चे सोन-हुई को अपनी पहली महिला विदेश मंत्री के रूप में नियुक्त करने की यह खबर उन अटकलों के बीच आई है जब देश जल्द ही अपना सातवां परमाणु परीक्षण कर सकता है.