अफगानिस्तान में बने हालात को लेकर दिल्ली में 8 देशों की अहम बैठक हुई. इसमें एनएसए की वार्ता के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 7 देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सहालकारों से मुलाकात की. बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल मौजूद थे. डोवाल ने अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता पर जोर दिया.
पहली बार भारत ने की बैठक की अध्यक्षता
अफगानिस्तान के हालात को लेकर ये तीसरी बैठक हुई और भारत ने पहली बार इस बैठक की अध्यक्षता की. बैठक में अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद बन रहे हालात को लेकर लंबी चर्चा हुई. इस बैठक में एनएसए अजीत डोवाल ने कहा कि ये समय क्षेत्रीय देशों के बीच ज्यादा से ज्यादा बातचीत, सहयोग और समन्वय का है, ताकि अफगानिस्तान के लोगों की मदद करने के साथ-साथ हमारी सामूहिक सुरक्षा भी बढ़ सके. बैठक में ईरान, रूस, उज्बेकिस्तान, कजाखस्तान, तुर्कमेनिस्तान, ताजिकिस्तान और किर्गिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शामिल हुए.
अफगानिस्तान में बन रहे हालात पर चर्चा जरूरी
अजीत डोवाल ने कहा कि ईरान की तरफ से 2018 में शुरू की गई वार्ता की ये तीसरी बैठक है. भारत का मेजबानी करना हमारे लिए गर्व की बात है. अफगानिस्तान में बन रहे हालात को लेकर हमारी कड़ी नजर है. ये बैठक अफगानिस्तान और उस देश के लोगों के लिए नहीं है बल्कि अफगानिस्तान के पड़ोसी देशों के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है. अब समय आ गया है कि अफगानिस्तान के हालात को लेकर गहनता से चर्चा और परामर्श हो. भारत अफगानिस्तान के लोगों की मदद करने और अपनी सामूहिक सुरक्षा बढ़ाने में योगदान देगा.
चीन-पाक ने बनाई दूरी
भारत की मेजबानी में हुई इस बैठक से चीन और पाकिस्तान ने दूरी बनाए रखी. लेकिन, अफगानिस्तान के पड़ोसी मुल्कों ने इस बैठक में हिस्सा लिया. सभी देशों के साथ आने से यह साफ है कि यह बैठक कितनी महत्वपूर्ण है. इस बैठक से चीन की दूरी को लेकर यह कहा जा रहा है कि चीन समय संबंधी कुछ जटिलताओं की वजह से इसमें शामिल नहीं हुआ. लेकिन, चीन की तरफ से अफगानिस्तान के मुद्दे पर द्विपक्षीय और बहुपक्षीय माध्यमों से भारत के साथ संपर्क में रहने की बात कही गई है. पाकिस्तान ने 2018 और 2019 में भी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के संवाद में भारत की भागीदारी के चलते शामिल होने से इनकार कर दिया था.