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बिना किसी जुर्म के जेल की सजा काटने वाली राजकुमारी जेल से रिहा हुई, इनके बारे में जानिए सबकुछ

कनाडा में पैदा हुई राजकुमारी बासमाह की शादी जॉर्डन के राजा हुसैन के चौथे पुत्र प्रिंस हमजा बिन हुसैन से हुई थी. प्रिंस हमजा बिन हुसैन को 1999 में जॉर्डन के क्राउन प्रिंस का नाम दिया गया था ,इसके बाद 2004 में प्रिंस हमजा बड़े सौतेले भाई, किंग अब्दुल्ला द्वितीय को जॉर्डन का प्रिंस बनाया गया.

राजकुमारी बासमाह राजकुमारी बासमाह
हाइलाइट्स
  • राजकुमारी और उनकी बेटी को बिना किसी आरोप के 3 साल से जेल में बंद किया गया था

  • बासमाह बिंत सऊद मानवाधिकारों की प्रबल समर्थक हैं और शाही परिवार का हिस्‍सा हैं

सऊदी अधिकारियों ने राजकुमारी बासमाह बिंत सऊद बिन अब्‍दुलाअजीज अल सऊद (57) और उनकी बेटी को रिहा कर दिया है. राजकुमारी और उनकी बेटी को करीब 3 साल बाद रिहा किया गया है. सऊदी अरब में मानवाधिकारों के लिए काम करने वाले समूह ALQST फ़ॉर ह्यूमन राइट्स ने उनकी रिहाई की घोषणा ट्विटर पर की है. राजकुमारी का ये दावा है कि बिना किसी अपराध के उन्होंने अपनी बेटी के साथ ये सज़ा काटी है.  राजकुमारी महिलाओं के प्रति सऊदी सरकार की नीतियों की कड़ी आलोचक रही हैं.

इस शाही घराने से ताल्लुक रखती हैं राजकुमारी बासमाह 

बासमा बिन्त सऊद बिन अल सऊद एक सऊदी अरब की व्यवसायी और मानवाधिकार कार्यकर्ता हैं.  राजकुमारी बासमा राजा सऊद की सबसे छोटी संतान हैं.  उनकी मां, जमीला बिन्त असद इब्राहिम मारेई, सीरिया के बंदरगाह शहर लताकिया से सऊदी अरब में आकर बस गईं. 

1988 में राजकुमारी बासमा की शादी अल शरीफ परिवार के एक सदस्य शुजा बिन नामी बिन शाहीन अल शरीफ से हुई थी,  शादी के 18  साल बाद 2007 में उनका तलाक हो गया.   राजकुमारी बासमा   पांच बच्चों की मां हैं.  जिसमें  तीन बेटियाँ और दो बेटे, सऊद, सारा, समाहिर, सुहौद और अहमदी हैं. 

शिक्षा और करियर

राजकुमारी बासमा ने स्ट्रैटफ़ोर्ड सेंट्रल सेकेंडरी स्कूल से अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद  वेस्टर्न ओंटारियो विश्वविद्यालय में दाखिला लिया था.  उन्होंने लंदन, ओंटारियो में फैनशावे कॉलेज में  भी पढ़ाई की है.  2005 में जॉर्डन जाने से पहले, उन्होंने कनाडा अकाबा में आयला एविएशन अकादमी में पायलट की ट्रनिंग ली इसके बाद  उन्होंने अकाबा और वाडी रम में जॉर्डन के रॉयल एयरो स्पोर्ट्स क्लब में एक मुख्य पायलट के रूप में काम किया . राजकुमारी हमजा एरोबेटिक्स प्रमाणपत्र प्राप्त करने वाली जॉर्डन की पहली महिला पायलट थीं.

बासमा और उनकी बेटी सुहौद अल-शरीफ़

 

महिलाओं के अधिकारों के लिए आवाज उठाती रही हैं बासमाह

राजकुमारी ने दावा किया कि उन्‍हें बिना किसी अपराध के अल हायर में हिरासत में रखा गया है जहां कई दूसरे राजनीतिक कैदी रखे गए हैं. प्रिंसेस और उनकी बेटी को गिरफ्तारी के कारणों के बारे में नहीं बताया गया था.  उन्‍होंने सऊदी अरब की शाही अदालत और चाचा किंग सलमान से कई बार गुहार लगाई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई थी.  राजकुमारी महिलाओं के प्रति सऊदी सरकार की नीतियों की कड़ी आलोचक रही हैं. राजकुमारी के कानूनी सलाहकार हेनरी इस्‍ट्रामेंट ने शनिवार को कहा कि दोनों ही महिलाओं को कैद से रिहा कर दिया गया है. वे 6 जनवरी 2022 को अपने जेद्दा स्थित घर पहुंच गई हैं.  राजकुमारी का स्‍वास्‍थ्‍य ठीक है लेकिन वह डॉक्‍टरों से सलाह लेंगी. वह परेशान हुई हैं लेकिन अभी भी उनका जोश बना हुआ है. वह अपने बेटे साथ फिर से मिलकर बहुत खुश हैं.

अप्रैल में 57 वर्षीय राजकुमारी बसमा ने सऊदी के किंग सलमान और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से उनको रिहा करने की गुज़ारिश की थी. उन्होंने कहा था कि उन्होंने कुछ भी ग़लत नहीं किया है और उनका स्वास्थ्य लगातार ख़राब हो रहा है.