पाकिस्तान की सियासत से बड़ी खबर आ रही है. पाकिस्तान की संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर बहस टल गई है. अब सदन की कार्यवाही तीन अप्रैल को शुरू होगी. इस बीच इमरान खान के मंत्री फवाद चौधरी ने बड़ा आरोप लगाया है. फवाद चौधरी ने नवाज शरीफ पर साजिश करने का आरोप लगाया है. फवाद चौधरी ने भारत पर भी सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि नवाज शरीफ भारत के लोगों से मिलते जुलते हैं. फवाद चौधरी ने कहा कि नवाज शरीफ के भारत से रिश्ते छिपे नहीं है.
दूसरी तरफ विपक्ष लगातार इमरान खान का इस्तीफा मांग रहा है. बिलावल भुट्टो ने कहा है कि इमरान को जाना ही होगा. बिलावल ने कहा, 'इमरान जैसे चाहे जाएं, उनके जाने का वक्त आ गया है.' मरियम नवाज ने भी इमरान खान पर तीखा हमला करते हुए इमरान को राष्ट्रीय अपराधी बताया है. मरियम ने कहा कि इमरान को उनके गुनाहों को खुलने का डर है. उन्होंने कहा, 'क्रिमिनल को बाहर निकलने का सम्मानजनक रास्ता नहीं दिया जा सकता हैं.'
पाकिस्तानी संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर बहस भले ही टल गई है लेकिन पलड़ा विपक्ष का ही भारी लग रहा है. इमरान खान के खिलाफ विपक्ष को बहुमत मिलता दिख रहा है. बहस से पहले विपक्षी दलों की हुई एक बैठक 172 सदस्य मौजूद रहे. दूसरी तरफ, इमरान खान के सहयोगी का का दावा है कि पाकिस्तान के पीएम इमरान खान संसद में पूरी ताकत से लड़ेंगे. संसद में बहस से पहले इमरान खान ने राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (NSC) की बैठक बुलाई. इस बैठक में 'विदेशी ताकत' वाली चिट्ठी दिखाई गई. हालांकि, PPP नेता आसिफ अली जरदारी ने इस चिट्ठी को फर्जी बताया है. जरदारी ने इमरान के जनादेश को भी फर्जी बताया है.
ये है नंबर गेम
इमरान खान की पार्टी Pakistan Tehreek-e-Insaf (PTI) के पास कुल 155 सांसद हैं. इसके अलावा सहयोगी दल PMLQ के 4, GDA के 3, बलूचिस्तान आवामी पार्टी (BAP) का एक और AML का एक सांसद शामिल हैं. इस तरह इमरान के पास सांसदों की संख्या 164 यानी बहुमत से 8 सीटें कम हैं.
दूसरी तरफ विपक्षी गठबंधन की बात करें तो पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की PML-N 84 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है. दूसरे नंबर पर बेनजीर भुट्टो की PPP है जिसके पास 56 सीटें हैं. तीसरे नंबर पर फजर-उल-रहमान की पार्टी MMA के 15 सांसद हैं. इसके अलावा इमरान का साथ छोडकर आये MQM के सभी 7 सांसद विपक्ष से मिल गए हैं. बलूचिस्तान आवामी पार्टी के 5 में से 4 सांसद भी विपक्ष में आ गए हैं और 11 अन्य सांसद ऐसे हैं जो विपक्ष का साथ दे रहे हैं. इन सबको मिलाकर विपक्ष की संख्या 177 हो जाती है यानी विपक्ष के बाद बहुमत से 5 सांसद ज़्यादा हैं.
पाकिस्तान में यूं तो इतिहास रहा है कि अविश्वास प्रस्ताव की वजह से किसी को कुर्सी नहीं गंवानी पड़ी. दो बार ऐसे मौके आए लेकिन दोनों बार तत्कालील प्रधानमंत्री बच गए. इस बार इमरान खान आखिरी बॉल यानी वोटिंग तक बचेंगे या उससे पहले ही मैच खत्म हो जाएगा? यह देखने वाली बात होगी.