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Pakistan Elections: 8 फरवरी को पाकिस्तान में National Assembly के लिए डाले जाएंगे वोट, किन पार्टियों के बीच है सियासी लड़ाई, जानें

Pakistan Elections 2024: पाकिस्तान में नेशनल असेंबली की 342 सीटों पर 8 फरवरी को वोट डाले जाएंगे. इस बार पाकिस्तान के चुनाव में नवाज शरीफ की पार्टी PMLN और बिलावल भुट्टो की पार्टी PPP में लड़ाई है. इमरान खान की पार्टी PTI समर्थित उम्मीदवार भी चुनावी मैदान में अपनी ताकत दिखाएंगे. इन सियासी दलों के अलावा और भी कई पार्टियां चुनाव लड़ रही हैं.

Pakistan Muslim League-Nawaj (Photo/Twitter) Pakistan Muslim League-Nawaj (Photo/Twitter)

करीब 24 करोड़ की आबादी वाले पाकिस्तान (Pakistan) में आम चुनाव (General Elections) होने जा रहे हैं. 342 सीटों की नेशनल असेंबली (National Assembly) के लिए 8 फरवरी को वोट डाले जाएंगे. पिछले आम चुनाव यानी साल 2018 चुनाव में इमरान खान (Imran Khan) की पार्टी पीटीआई (PTI) ने ज्यादातर सीटों पर जीत दर्ज की थी और सरकार बनाई थी. इस बार चुनाव में कई पार्टियां दावा ठोक रही हैं. लेकिन इसमें से कुछ ही दलों का असर ज्यादा है. इसमें पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N), पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) शामिल हैं. इसके अलावा भी कई पार्टियां चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमा रही हैं. इसमें मरकजी मुस्लिम लीग भी शामिल है. जिसके तार आतंकी हाफिज सईद (Hafiz Saeed) से जुड़ रहे हैं.

बैलेट पेपर से वोटिंग
पाकिस्तान में चुनाव के लिए बैलेट पेपर (ballot paper) का इस्तेमाल किया जाता है. हालांकि इस बार ईवीएम (EVM) के जरिए वोटिंग का बिल पास हुआ था. लेकिन विपक्ष ने इसे खारिज कर दिया. इस बार पाकिस्तान के चुनाव में 12.8 करोड़ मतदाता अपने वोट का इस्तेमाल करेंगे. इसके लिए पाकिस्तान के चार प्रांतों में पोलिंग बूथ बनाए जाएंगे. चुनाव आयोग के मुताबिक बैलेट पेपर की छपाई का काम सरकारी प्रेसों में हो चुका है.

हर बार की तरह इस बार भी पाकिस्तान के आम चुनाव में कई सियासी दल अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. लेकिन इसमें इमरान खान, नवाज शरीफ (Nawaz Sharif) और बिलावल भुट्टो (Bilawal Bhutto Zardari) की पार्टियां ज्यादा ताकतवर हैं. चलिए इनके बारे में बताते हैं.

नवाज शरीफ की पार्टी PMLN
पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज की इस बार आम चुनाव में सबसे अहम भूमिका मानी जा रही है. ये पार्टी पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की है. नवाज शरीफ पंजाब के शेर के नाम से मशहूर हैं. इस बार इस पार्टी को सबसे ज्यादा सीटें जीतने की उम्मीद है. नवाज शरीफ तीन बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रह चुके हैं. हालांकि एक बार भी उन्होंने अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया है. 74 साल के नवाज शरीफ भ्रष्टाचार के मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद कई साल तक जेल में रहे. उसके बाद विदेश में निर्वासन में रहना पड़ा. 4 साल तक विदेश में रहने के बाद पिछले साल पाकिस्तान लौटे हैं. कयास लगाए जा रहे हैं कि नवाज शरीफ को सेना का भी समर्थन मिल सकता है.

इमरान खान की पार्टी PTI
इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ को पिछले चुनाव यानी साल 2018 में सेना का समर्थन हासिल था. जिसकी बदौलत इमरान खान देश के प्रधानमंत्री बने थे. लेकिन इस बार सेना उनके खिलाफ है. इमरान खान अभी जेल में हैं और उनको कई मामलों में सजा सुनाई गई है. इमरान खान को करप्शन के मामले में 14 साल, देशद्रोह के लिए 10 साल और अवैध विवाह के लिए 7 साल की सजा सुनाई गई है. इस्लामी कानून के तहत उनको एक दशक के लिए राजनीति से भी अयोग्य घोषित कर दिया गया है. इसके बावजूद पाकिस्तान में इमरान खान का बड़ा प्रभाव अभी भी है. उम्मीद है कि पीटीआई समर्थित उम्मीदवार अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं. 

बिलावल भुट्टो की पार्टी PPP
भुट्टो परिवार की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) की भी पाकिस्तान की सियासत में अहम रोल है. एक समय भुट्टो परिवार पाकिस्तान की राजनीति का केंद्र बिंदु था. अभी इस पार्टी का सारा दारोमदार बिलावल भुट्टो पर है. जो पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो (Benazir Bhutto) के बेटे हैं. बेनजीर भुट्टो दो बार प्रधानमंत्री चुनी गईं. लेकिन साल 2007 में उनकी हत्या कर दी गई. बिलावल के दादा जुल्फिकार अली भुट्टो (Zulfikar Ali Bhutto) भी प्रधानमंत्री थे. लेकिन साल 1979 में उनकी हत्या कर दी गई थी. बिलावल के पिता आसिफ अली जरदारी (Asif Ali Zardari) राष्ट्रपति रह चुके हैं. 35 साल के बिलावल भुट्टो ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री के तौर पर काम किया है. इसके बावजूद उनके पास सियासी अनुभव की कमी है. बिलावल की पार्टी आखिरी बार साल 2008 में सत्ता में आई थी. इस पार्टी का सिंध प्रांत में बड़ा प्रभाव है. पीपीपी भी सेना का समर्थन हासिल करने की कोशिश कर रही है.

मरकजी मुस्लिम लीग (MML)
इस बार पाकिस्तान के आम चुनाव में मरकजी मुस्लिम लीग नाम की पार्टी हिस्सा ले रही है. इस पार्टी के तार आतंकी हाफिज सईद से जुड़े रहे हैं. बीबीसी उर्दू की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मरकजी मुस्लिम लीग हाफिद सईद के जमात-उद-दावा (Jamaat-ud-Dawa) का नया राजनीतिक चेहरा है. इस पार्टी ने कई शहरों में उम्मीदवार उतारे हैं. इसमें से कुछ हाफिज सईद के रिश्तेदार हैं. जबकि कुछ उम्मीदवार प्रतिबंधित संगठनों से जुड़े रहे हैं. हाफिज सईद का बेटा तल्हा सईद (Talha Saeed) भी चुनाव लड़ रहा है. हालांकि इस पार्टी का जनाधार कितना है? अभी इसके बारे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता.

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