Pakistan PM Election: पाकिस्तान में 8 फरवरी 2024 को आम चुनाव होना है. इस चुनाव में पाकिस्तान की जनता अपने देश का अगला प्रधानमंत्री चुनेगी. करीब 24 करोड़ की आबादी वाले पाकिस्तान में भी आम चुनाव की प्रक्रिया करीब-करीब भारत जैसी ही है. इस बार कुल 12.69 करोड़ वोटर्स (6.85 करोड़ पुरुष और 5.84 करोड़ महिला) मरियम नवाज, बिलावल भुट्टो और नवाज शरीफ सरीखे उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे. आइए जानते हैं इस देश में सांसद कैसे चुने जाते हैं और पीएम का चुनाव किस तरह होता है?
ये प्रमुख दल है चुनावी मैदान में
हर साल की तरह इस बार भी कई पार्टियां चुनाव मैदान में अपनी किस्मत अजमा रही हैं. 44 राजनीतिक पार्टियां मैदान में हैं. लेकिन प्रमुख दल तीन ही हैं. इनमें पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग- नवाज (पीएमएल-एन), पूर्व पीएम इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) और बिलावल भुट्टो की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) है. पिछले आम चुनाव में पीटीआई ने ज्यादातर सीटों पर जीत दर्ज की थी और सरकार बनाई थी. हालांकि बाद में सरकार गिर गई थी. अभी सत्ताधारी नवाज शरीफ की पार्टी का पलड़ा भारी लग रहा है. पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को हाल ही में सिफर मामले में 10 साल की जेल की सजा हुई है. उन्हें रावलपिंडी की अदियाला जेल में रखा गया है.
ईवीएम नहीं, बैलेट पेपर से डाला जाता है वोट
पाकिस्तान में चुनाव के दौरान ईवीएम का इस्तेमाल नहीं होता है. वहां पर बैलेट पेपर से वोट डाला जाता है. 8 फरवरी को होने वाले चुनाव के लिए 26 करोड़ बैलेट पेपर छापा गया है. बैलेट पेपर से वोटिंग होने के समय हर पोलिंग बूथ पर एक सरकारी अधिकारी मौजूद रहते हैं. वोटिंग खत्म होने के बाद सभी पोलिंग बूथ पर तैनात अधिकारी अन्य कर्मचारियों के सहयोग से हाथों से बैलेट पेपर को गिनते हैं. जिसके बाद परिणाम की घोषणा की जाती है.
भारत की तरह पाकिस्तान में भी हैं दो सदन
भारत की तरह पाकिस्तान में भी दो सदन हैं. इंडिया के उच्च सदन यानी राज्यसभा की तरह पाक में मजलिस-ए-शूरा है. पाकिस्तान की सीनेट में कुल 104 मेंबर होते हैं. जैसे भारत में निचले सदन को लोकसभा कहा जाता है, वैसे पाक में निचला सदन नेशनल असेंबली कहलाता है. इसे कौमी असेंबली भी कहते हैं. इसमें 342 सदस्य हैं. हालांकि, जनता 272 सदस्य चुनती है, बाकी अलग तरह से चुने जाए जाते हैं.
महिलाओं के लिए इतनी सीटें हैं रिजर्व
नेशनल असेंबली के 70 सदस्यों को खास तरह से चुना जाता है. इनमें से 60 सीटें महिलाओं के लिए पहले से रिजर्व रहती हैं. 10 सीटें पारंपरिक और धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय के लिए आरक्षित हैं. हालांकि इनका चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व नियम के तहत होता है. इसका अर्थ ये है कि जो पार्टी जितनी सीटें जीतती है, उसी के सदस्य अधिक नामित होते हैं. जैसे किसी पार्टी ने 100 सीटें जीती, जबकि दूसरी पार्टी ने 50 सीटें जीती. ऐसे में 100 सीटों वाली पार्टी के सदस्य अधिक संख्या में नामित होंगे.
कैसे होत है पीएम का चुनाव
इंडिया की तरह पाकिस्तान एक सेक्युलर देश नहीं है. वह एक इस्लामिक देश है. यही कारण है कि पाक में हमेशा एक मुसलमान ही प्रधानमंत्री बनता है. भारत एक सेक्युलर देश है, यहां पर किसी भी धर्म का व्यक्ति किसी भी पद पर चुनाव जीतकर आ सकता है. पाकिस्तान में 8 फरवरी को होने वाले चुनाव में जनता नेशनल असेंबली के लिए वोटिंग करेगी. इसमें पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के 272 सांसद चुने जाएंगे. इसके बाद अनुपात के नियम के तहत नेशनल असेंबली के 70 सदस्यों का चुनाव होता है. फिर जिस भी पार्टी या गठबंधन के पास बहुमत होता है, वो पीएम चुनते हैं. भारत में राष्ट्रपति संसद के दोनों सदनों का हिस्सा नहीं होते जबकि पाक में राष्ट्रपति भी सदनों का हिस्सा होता हैं.
पहली बार हिंदू महिला भी मैदान में
पाकिस्तान में पहली बार कोई हिंदू महिला भी चुनाव मैदान में उतरी है. खैबर पख्तूनख्वा की बुनेर सीट से पीपीपी की टिकट पर चुनाव लड़ रही सवीरा प्रकाश पेशे से डॉक्टर हैं और अभी पीपीपी महिला विंग की महासचिव हैं.