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साथ मिलकर Green Hydrogen Task Force बनाएंगे भारत और जर्मनी, दोनों देशों के बीच हुआ 10.5 अरब डॉलर का समझौता

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने युरोप दौरे के पहले दिन जर्मन चांसलर ओलफ स्कोल्ज से मिलकर ग्रीन एनर्जी पर एक एग्रीमेंट साइन किया. साथ ही, उन्हें आत्मनिर्भर भारत अभियान में निवेश का न्योता दिया.

हाइलाइट्स
  • यूरोप के तीन दिन के दौरे पर पीएम मोदी

  • जर्मन चांसलर स्कोल्ज की मुलाकात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ्रांस, जर्मनी और डेनमार्क के तीन दिन के दौरे पर हैं. इस दौरान, पीएम मोदी ने जर्मन चांसलर स्कोल्ज से मुलाकात की. मोदी और स्कोल्ज ने भारत-जर्मनी के बीच ग्रीन एनर्जी और सतत ऊर्जा को लेकर महत्वपूर्ण एग्रीमेंट पर साइन किए. भारत और जर्मनी के बीच 2030 क्लाइमेट एक्शन (जलवायु कार्रवाई) और सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (सतत विकास लक्ष्यों) की दिशा में वित्तीय और तकनीकी सहयोग को मजबूत करने के लिए लगभग 10 बिलियन यूरो की साझेदारी हुई है. 

मिलकर करेंगे ग्रीन हाइड्रोजन टास्क फोर्स का गठन

पीएम मोदी ने कहा भारत और जर्मनी मिलकर ग्रीन हाइड्रोजन टास्क फोर्स का गठन करेंगे. विदेश मंत्रालय के मुताबिक, दोनों देशों के बीच सस्टेनेबल डेवलपमेंट (सतत विकास) के लिए एग्रीमेंट हुआ है. जिसके तहत भारत को साल 2030 तक क्लीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए 10.5 अरब डॉलर की आर्थिक सहायता मिलेगी. मंत्रालय के मुताबिक, पीएम मोदी ने चांसलर स्कोल्ज को ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान में निवेश के जरिए जर्मनी की भागीदारी का न्योता दिया है.

भारत ने हाल ही में सभी क्षेत्रों और उद्योगों को कार्बन फ्री करने के लिए ग्रीन हाइड्रोजन पॉलिसी की घोषणा की है. इसका उद्देश्य ग्रीन हाइड्रोजन मिशन शुरू करना भी है. भारत और जर्मनी पहले से ही पर्यावरण और ऊर्जा मंचों, सोलर पार्टनरशिप (सौर साझेदारी), इंडो-जर्मन ग्रीन अर्बन पार्टनरशिप और हाल ही में स्थापित Niti-BMZ Dialogue पर सहयोग कर रहे हैं. 

जर्मनी ने भारत को बताया अपना सुपर पार्टनर 

जर्मन चांसलर ने इस वार्ता में भारत को एशिया में अपना सुपर पार्टनर बताया. साथ ही, जर्मनी ने पीएम मोदी को जून में होने वाली जी-7 बैठक में शामिल होने का न्योता दिया है. स्कोल्ज का कहना है कि इंडो-पैसेफिक रीजन में भारत जर्मनी का महत्वपूर्ण साझेदार है.