
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन के लिए मॉरीशस के दौरे पर हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह दौरा राजनीतिक संबंधों के साथ-साथ भावनात्मक भी है क्योंकि भारत और मॉरीशस और भी बहुत कुछ साझा करते हैं. दोनों देशों के बीच इतिहास, संस्कृति, भाषा और हिंद महासागर का गहरा रिश्ता है. भारतीय मूल के बहुत से लोग मॉरीशस में रहते हैं और तो और मॉरीशस के वर्तमान प्रधानमंत्री भी भारतीय मूल के हैं.
मॉरीशस में लगभग 60% भारतीय मूल के हैं और इस कारण से ही इस देश को 'मिनी इंडिया' कहा जाता है. यहां पर होली, दिवाली और दूसरे कई भारतीय त्यौहार बहुत धूमधाम से मनाए जाते हैं. ऐसे में, पीएम मोदी का मॉरीशस जाना दोनों देशों के लोगों के लिए उत्सव का मौका है. हालांकि, दिलचस्प बात यह है कि प्रधानमंत्री मोदी इससे पहले भी मॉरीशस का दौरा कर चुके हैं. आज से लगभग 27 साल पहले वह मॉरीशस गए थे. तब वह भाजपा के सामान्य कार्यकर्ता थे, किसी भी पब्लिक पोस्ट पर नहीं थे.
X प्लेटफॉर्म पर मोदी आर्काइव नामक अकाउंट से नरेंद्र मोदी की इस यात्रा के बारे में जानकारी और तस्वीरें साझा की गई हैं.
रामायण ने जोड़ा रिश्ता
X पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा गया कि प्रधानमंत्री मोदी मॉरीशस की यात्रा पर आए तो उन्हें 'मिनी इंडिया' में घर वापसी जैसा महसूस हुआ. एक सदी से भी पहले हमारे पूर्वज मजदूर के तौर पर वहां गए थे और अपने साथ तुलसीदास की रामायण, हनुमान चालीसा और हिंदी भाषा लेकर गए थे. लेकिन एक और रिश्ता है- जो 27 साल पहले यानी 1998 में शुरू हुआ था, जब नरेंद्र मोदी पहली बार मॉरीशस गए थे. प्रधानमंत्री मोदी का मॉरीशस के साथ रिश्ता उस समय से है जब वे किसी सार्वजनिक पद पर नहीं थे और भाजपा के लिए अथक काम कर रहे थे.
क्या आप जानते हैं? 2 से 8 अक्टूबर 1998 के बीच नरेंद्र मोदी ने मोका में 'अंतर्राष्ट्रीय रामायण सम्मेलन' को संबोधित करने के लिए मॉरीशस की यात्रा की थी. उस समय भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव के तौर पर उन्होंने भगवान राम के सार्वभौमिक मूल्यों के बारे में बात की और बताया कि कैसे रामायण भारत और मॉरीशस को जोड़ने वाले पुल का काम करती है. इस यात्रा के दौरान उन्होंने मुरली मनोहर जोशी से भी मुलाकात की.
मॉरीशस के संघर्ष को मोदी ने समझा
पोस्ट में आगे लिखा गया कि 1998 की अपनी यात्रा के दौरान, मोदी मॉरीशस के लोगों से जुड़े, उनकी आकांक्षाओं को समझा और ऐसी मित्रता बनाई जो आज भी कायम है. उन्होंने तत्कालीन राष्ट्रपति कैसम उतीम, प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम और विपक्ष के नेता सर अनिरुद्ध जगन्नाथ सहित प्रमुख नेताओं से बातचीत की. उन्होंने पॉल रेमंड बेरेंजर से भी मुलाकात की, जो बाद में मॉरीशस के प्रधानमंत्री बने.
नरेंद्र मोदी ने समझा कि कैसे मॉरीशस की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष भारत की अपनी स्वतंत्रता की लड़ाई का प्रतिबिम्ब है. इस यात्रा के दौरान, उन्होंने सर शिवसागर रामगुलाम वनस्पति उद्यान में राष्ट्रपिता सर शिवसागर रामगुलाम को श्रद्धांजलि अर्पित की थी. सर शिवसागर रामगुलाम ने मॉरीशस को स्वतंत्रता दिलाई थी.
कई प्रोजेक्ट्स पर होगी चर्चा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को पूर्वी अफ्रीकी देश मॉरीशस की दो दिवसीय यात्रा पर पहुंचे. मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीन रामगुलाम ने पोर्ट लुइस हवाई अड्डे पर उनका स्वागत किया. हवाई अड्डे पर उतरते ही दोनों नेताओं ने गर्मजोशी से गले मिलकर अभिवादन किया. मॉरिशस के अपने 2 दिन के राजकीय दौरे के दौरान पीएम मोदी 20 से अधिक परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे, जिनको बनाने में भारत मदद कर रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मॉरिशस में लोकतंत्र को मजबूत करने के उद्देश्य से नई प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की भी घोषणा करेंगे.
वे मॉरिशस के प्रधानमंत्री के साथ मिलकर सिविल सेवा कॉलेज भवन का उद्घाटन करेंगे. इस भवन का निर्माण करीब 4.75 मिलियन अमेरिकी डॉलर की लागत से पूरा हुआ है. इस परियोजना के लिए 2017 में समझौता हुआ था. पीएम मोदी क्षेत्रीय स्वास्थ्य केंद्रों और 20 सामुदायिक परियोजनाओं का भी उद्घाटन यहां करेंगे. इनका निर्माण लगभग ₹7,00,00,000 की लागत से किया गया है. इन सामुदायिक परियोजनाओं में खेल संबंधी बुनियादी ढांचे भी शामिल है.