

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17वें जी-20 शिखर सम्मेलन में मंत्र दिया कि 'यह युग जंग का नहीं है', यह मंत्र दुनिया के राष्ट्राध्यक्षों को तो भाया ही साथ ही उनके द्वारा दिए गए तोहफे के भी सभी मुरीद हुए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उपहार देने के लिए गुजरात और हिमाचल प्रदेश की समृद्ध विरासत का प्रतिनिधित्व करने वाली कलाकृतियां और पारंपरिक वस्तुओं का चयन किया. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को कांगड़ा के लघु चित्रों की पेंटिंग भेंट की.ब्रिटिश समकक्ष ऋषि सुनक को हाथ से बना गुजराती कपड़ा माता नी पछेड़ी उपहार में दिए, यह देवी मां के मंदिरों में भेंट का एक रूप होता है.
ऑस्ट्रेलियाई पीएम को पिथौरा गिफ्ट की
ऑस्ट्रेलियाई पीएम एंथोनी अल्बनीज को पीएम नरेंद्र मोदी ने पिथौरा गिफ्ट किया. पिथौरा गुजरात के छोटा उदयपुर के राठवा कारीगरों द्वारा एक निर्मित जनजातीय लोक कला है. ये चित्र ऑस्ट्रेलिया के स्वदेशी समुदायों द्वारा निर्मित एबोरिजिनल डॉट पेंटिंग की तरह है.
ब्रास सेट उपहार में दिया
स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज को मंडी और कुल्लू का कनाल ब्रास सेट उपहार में दिया. इस तरह के पारंपरिक संगीत वाद्ययंत्रों को अब सजावटकी वस्तुओं में उपयोग होता है. यह हिमाचल प्रदेश के मंडी और कुल्लू जिले में शिल्पकारों द्वारा तैयार किए जाते हैं.
सूरत की कलाकृति भेंट में दी
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो को सूरत की कलाकृति भेंट में दी. यह एक चांदी का कटोरा था. इसके साथ हिमाचल प्रदेश के किन्नौर की शॉल उपहार में भेंट में दी.
पाटन पटोला दुपट्टा सौंपा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इटली के पीएम जियोर्जिया मेलोनी को 'पाटन पटोला दुपट्टा' (स्कार्फ) तोहफे के रूप में दिया. उत्तरी गुजरात के पाटन क्षेत्र में साल्वी परिवार द्वारा इसे तैयार किया गया है. ये कई रंगों में होते हैं.
एगेट बाउल उपहार में दिए
प्रधानमंत्री मोदी ने फ्रांस, जर्मनी और सिंगापुर के नेताओं को उपहार में 'एगेट बाउल' (गोमेद) के प्याले दिए जो गुजरात के कच्छ क्षेत्र से जुड़े पारंपरिक शिल्प का काम है.