प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अमेरिका के दौरे पर रवाना हो गए हैं. पीएम नरेन्द्र मोदी क्ववाड सम्मिट (PM Narendra Modi QUAD) में हिस्सा लेंगे. अमेरिका जाने से पहले प्रधानमंत्री ने कहा- राष्ट्रपति बाइडन द्वारा विलमिंगटन में आयोजित किए जा क्वाड शिखर सम्मेलन में भाग लेने और न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा में भविष्य के शिखर को संबोधित करने के लिए अमेरिका जा रहूं.
क्वाड शिखर सम्मेलन (Quad Summit) में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अलावा अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन (Jo Biden), ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज (Anthony Albanese) और जापान के पीएम फुमियो किशिदा (Japan PM Fumio Kishida) भी शामिल होंगे. आइए जानते हैं क्वाड क्या है और इसका मकसद क्या है?
क्या है क्वाड?
क्वाड चार देशों का एक समूह है जिसमें ऑस्ट्रेलिया, भारत, अमेरिका और जापान शामिल हैं. क्वाड चार देशों का एक अनौपचारिक मंच हैं जहां मिलकर रणनीति बनाते हैं. क्वाड ग्रुप का मकसद समुद्री सुरक्षा को मजबूत करना है.
कैसे बना क्वाड?
क्वाड समूह बनने की कहानी काफी पुरानी है. इसकी कहानी साल 2004 से शुरू होती है. 2004 में एक सुनामी आई थी जिसमें जापान और भारत समेत कई देशों में लाखों लोगों की मौत हुई थी. तब कई देशों की मदद के लिए भारत, अमेरिका, आस्ट्रेलिया और जापान ने एक ग्रुप बनाया. यही समूह आगे चलकर क्वाड बन गया.
क्वाड के गठन की पहल भारत के तब के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (Manmohan Singh Quad) ने की थी. साल 2007 में क्वाड का गठन हुआ था. तब पहली बार इन देशों की औपचारिक रूप से मीटिंग हुई थी. बाद में इन देशों के साथ चीन के दोस्ताना रवैये के चलते क्वाड लगभग बंद हो गया. लगभग 1 दशक तक क्वाड ठंडे बस्ते में ही रहा.
कैसे एक्टिव हुआ क्वाड?
साल 2017 तक क्वाड के देशों के साथ चीन रिश्ते खराब होने लगे. तब फिर से क्वाड को खड़ा होने का मौका मिला. 2017 में मनिला में आसियान देशों की बैठक हुई. मनिला में आसियान देशों (ASIAN Countries) के अलावा एक और मीटिंग हुई, क्वाड देशों की.
इस बैठक में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, जापान के पीएम शिंजो अबे और ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री मेलकॉम टर्नबुल ने हिस्सा लिया. साल 2021 में क्वाड के देशों की मीटिंग हुई. इसके बाद से क्वाड शिखर सम्मेलन जारी है. इस साल 2024 में क्वाड शिखर सम्मेलन अमेरिका के डेलावेयर में हो रहा है.
क्वाड के मकसद
क्वाड का सबसे जरूरी लक्ष्य इंडो-पैसिफिक इलाके में सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखना है. क्वाड समूह समुद्री सुरक्षा को बनाए रखने का काम करता है. क्वाड देश आपस में नौसेना युद्धाभ्यास करते रहते हैं.
इसके अलावा क्वाड ग्रुप क्लाइमेट चेंज की समस्या पर काम करता है. इसको लेकर आपस में रणनीति बनाई जाती है. साथ ही आपस में टेक्नोलॉजी भी शेयर करते हैं.
भारत के लिए क्यों है खास?
क्वाड से भारत को काफी मदद मिली है. बीते सालों में इंडिया का रुतबा काफी बढ़ा है. भारत अमेरिका और जापान के साथ मिलकर नौसेना समेत कई चीजों पर मिलकर काम कर रहे हैं. इससे भारत की समुद्री ताकत में इजाफा हो रहा है.
क्वाड के चलते पूरी दुनिया में चीन की जगह भारत एक ग्लोबल मार्केट बनता जा रहा है. इससे चीन पर निर्भरता कम हो रही है. चीन क्वाड समूह को अपने लिए खतरा मानता है. चीन को लगता है इससे भारत दूसरे देशों के साथ मिलकर उसके खिलाफ कुछ कर सकता है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी क्वाड शिखर सम्मेलन के लिए अमेरिका के दौरे पर हैं. इस मीटिंग में चारों देश के नेता रूस-यूक्रेन और गाजा में चल रहे संघर्ष पर चर्चा करेंगे. साथ ही क्लाइमेट चेंज समेत कई मुद्दों पर बात करेंगे. क्वाड के अलावा भारतीय प्रधानमंत्री यूएन शिखर सम्मेलन में भी हिस्सा लेंगे.