

कैथोलिक ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस (Pope Francis) का सोमवार को निधन हो गया. वह 88 साल के थे और लंबे समय से बीमार चल रहे थे. पोप फ्रांसिस ने रविवार को ईस्टर के मौके पर वेटिकन की बालकनी से लोगों को शुभकामनाएं दी थीं. पोप फ्रांसिस इतिहास के पहले लैटिन अमेरिकी पोप थे. पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. उनका अंतिम संस्कार अगले कुछ दिन में होगा. पोप फ्रांसिस का अंतिम संस्कार पुरानी परंपरा के अनुसार होगा.
पोप फ्रांसिस के निधन के बाद पूरी दुनिया की नजर अब इस बात पर है कि अगला पोप कौन होगा और उसे कैसे चुना जाएगा. आपको बता दें, अगले दो से तीन हफ्ते बाद नए पोप की चयन प्रक्रिया शुरू होगी. ये प्रक्रिया बेहद गोपनीय और परंपरागत होती है, जिसे ‘पैपल कॉन्क्लेव’ कहा जाता है.
वेटिकन सिटी के सिस्टीन चैपल में होती है नए पोप के लिए वोटिंग
पोप का चुनाव एक रहस्यमयी प्रक्रिया होती है. इसे बंद कमरे में किया जाता है. ये बैठक वेटिकन सिटी के सिस्टीन चैपल में होती है, जिसकी छत माइकलएंजेलो की मशहूर पेंटिंग से सजी होती है. इस बैठक में 80 साल से कम उम्र के कार्डिनल ही हिस्सा ले सकते हैं. इस समय दुनिया में कुल 252 कार्डिनल्स हैं. इनमें से 120 कार्डिनल्स को वोटिंग के लिए चुना जाता है. कार्डिनल्स बड़े पादरियों का एक समूह होता है. इनका काम पोप को सलाह देना है.
नए पोप के चुनाव के लिए क्या है वोटिंग प्रोसेस?
जानकारी के मुताबिक कॉनक्लेव की शुरुआत प्रार्थना से होती है. उसके बाद कार्डिनल्स एक-एक करके शपथ लेते हैं कि वे किसी भी जानकारी को बाहर नहीं लीक करेंगे. इसके बाद एक वेटिकन जोर से कहते हैं, "Extra omnes" यानी "बाकी सब बाहर जाएं". इसके बाद सिर्फ कार्डिनल्स ही अंदर रह जाते हैं. हर एक कार्डिनल को एर पेपर दिया जाता है. जिसमें उन्हें अपने द्वारा चुने हुए कार्डिनल्स का नाम लिखना होता है. वह अपने वोट को एक प्लेट पर रखकर चांदी-सोने के एक पात्र में डालते हैं. हालांकि, पोप बनने के लिए कार्डिनल होना जरूरी नहीं है. वोटों की गिनती तीन कार्डिनल मिलकर करते हैं, जिन्हें भी दो-तिहाई वोट मिलते हैं, वही नया पोप बनता है.
मतदान के बाद सभी वोट जलाए जाते हैं और उसके साथ एक खास धुआं छोड़ा जाता है. अगर काला धुआं छोड़ा जाए तो इसका मतलब है अभी कोई पोप नहीं चुना गया. अगर सफेद धुआं छोड़ा जाए तो मतलब साफ है नया पोप चुन लिया गया है.
रिंग ऑफ द फिशरमैन की कहानी
नया पोप जब चुना जाता है तो वे नई पोप रिंग भी पहनते हैं जिसे The Fisherman's Ring कहते हैं. Fisherman's Ring एक ज्वेलरी नहीं है, ये पोप की आधिकारिक मुहर भी है. पोप इसी अंगूठी से दस्तावेजों पर अपनी मुहर लगाते हैं. यानी अगर आप वेटिकन की सीक्रेट फाइल्स में पोप की सील देखें, तो उसमें इस अंगूठी का निशान होगा. इसे तोड़ा नहीं जाता, बल्कि ऊपर से एक क्रॉस बनाया जाता है, ताकि यह प्रतीक हो कि पोप का कार्यकाल समाप्त हो गया है. फ्रांकी के मुताबिक इस अंगूठी का डिजाइन माइकलएंजेलो की एक पेंटिंग से प्रेरित था. इसका डिज़ाइन तैयार करने में 200 से ज्यादा स्केच और कलर्ड ड्रॉइंग्स बनाए गए. अंगूठी 35 ग्राम शुद्ध सोने की थी, जिसे तैयार करने में 8 कारीगरों ने हर दिन 15 घंटे तक काम किया.
पोप कौन होते हैं?
पोप कैथोलिक चर्च के प्रमुख होते हैं. रोमन कैथोलिक मानते हैं कि वो ईसा मसीह की सीधी वंशावली का प्रतिनिधित्व करते हैं. उन्हें सेंट पीटर का जीवित उत्तराधिकारी माना जाता है. ईसा मसीह ने सेंट पीटर को चर्च का पहला प्रमुख बनाया था. तभी से यह परंपरा चली आ रही है. पोप चर्च से जुड़ी नीतियां, नियुक्तियां और परंपराएं तय करते हैं. पोप वेटिकन सिटी में रहते हैं जो दुनिया का सबसे छोड़ा स्वतंत्र देश है.
क्या कोई भी पोप बन सकता है?
कोई भी बपतिस्मा (ईसाई धर्म का एक महत्वपूर्ण संस्कार) लिया हुआ पुरुष कैथोलिक पोप बन सकता है, लेकिन पिछले 700 सालों से पोप सिर्फ कार्डिनल्स में से ही चुने गए हैं.
नए पोप की रेस में कौन-कौन
नए पोप की रेस में लुइस एंटोनियो टैंगल फिलहाल सबसे आगे नजर आ रहे हैं. 70 साल के पिएट्रो पारोलिन का नाम भी पोप की लिस्ट में शामिल है. पीटर तुर्कसन भी उम्मीदवारों की लिस्ट में आगे हैं. 72 वर्षीय पीटर एर्डो एक प्रमुख रूढ़िवादी उम्मीदवार हैं. 82 वर्षीय कार्डिनल एंजेलो स्कोला लंबे समय से पोप पद के दावेदार हैं.