बिगड़ते हालातों को देखते हुए श्रीलंका में इमरजेंसी का एलान कर दिया गया है. बता दें, श्रीलंका की अर्थव्यवस्था गिर चुकी है और इसलिए जनता सड़कों पर उत्तर गई है. देश में चल रहे हिंसा और हंगामे के दौर को देखते हुए राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) ने शुक्रवार देर रात इमरजेंसी की घोषणा की है. आपातकाल 1 अप्रैल से लागू किया गया है.
बेकाबू जनता को देखते हुए लिया गया फैसला
दरअसल, शुक्रवार को हजारों लोग राष्ट्रपति भवन के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे, जिनकी अपील थी कि राष्ट्रपति अपने पद से इस्तीफ़ा दें. ऐसे में मौजूदा स्थिति को देखते हुए और आवश्यक आपूर्ति और सेवाओं के रखरखाव को ध्यान में रखते हुए देश में इमरजेंसी लगाई गई है. इसके लिए राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने एक गजट जारी किया है.
हालात काबू में नहीं
आपको बता दें, कोलंबो में अभी भी हिंसा जारी है. श्रीलंका के पश्चिमी प्रांत पुलिस कर्फ्यू लगा दिया गया है. स्थानीय मीडिया के मुताबिक, पुलिस कर्फ्यू 2 अप्रैल की मध्य रात्रि से सुबह छह बजे तक प्रभावी रहेगा.
बद से बदतर हो रहे हैं हालात
हालात ऐसे हो गए हैं कि 13-14 घंटे बिजली काटी जा रही है, दूध पेट्रोल से भी ज्यादा महंगा हो गया है और दो वक्त की रोटी मिलने में भी मुश्किलें आ रही हैं. इसके अलावा, फ्यूल और गैस की भारी कमी हो गई है नतीजतन लोगों को पेट्रोल-डीजल के लिए कई घंटों तक लाइन में लगना पड़ रहा है.
गौरतलब है कि दिल्ली के तीन दिवसीय दौरे पर, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने गुरुवार को पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी और केंद्र से श्रीलंकाई तमिलों को मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए राज्य सरकार को अनुमति देने का आग्रह किया था.