What is BRICS: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) 22 और 23 अक्टूबर 2024 को रूस के दौरे पर रहेंगे. पीएम मोदी (PM Modi) रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के निमंत्रण पर वहां जा रहे हैं. वह 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे. यहां चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) से भी पीएम मोदी की मुलाकात हो सकती है. आइए जानते हैं क्या है ब्रिक्स और कब हुई थी इसकी स्थापना?
क्या है ब्रिक्स
ब्रिक्स दुनिया की पांच प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्थाओं के एक संगठन का नाम है. ब्रिक्स की स्थापना जून 2006 में हुई थी. पहले इसमें चार देश ब्राजील, रूस, भारत और चीन शामिल थे, जिससे इसका नाम ब्रिक (BRIC) था. साल 2010 में इस संगठन में दक्षिण अफ्रीका भी शामिल हो गया. इसके बाद इस संगठन का नाम बदल गया. ये BRIC से बदलकर BRICS हो गया.
अब इस संगठन में पांच और नए सदस्य देश जुड़ चुके हैं. इनमें इजिप्ट, इथोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात के नाम शामिल हैं . ब्रिक्स शिखर सम्मलेन की अध्यक्षता हर साल इसके सदस्य राष्ट्रों की ओर से की जाती है. पांच देशों में से हर साल बदल-बदलकर इस सम्मेलन की मेजबानी करते हैं. साल 2009 में पहला ब्रिक्स सम्मेलन आयोजित किया गया था.
ब्रिक्स का क्या है उद्देश्य
ब्रिक्स का पहला उद्देश्य राजनीतिक और सुरक्षा है. इसके तहत ब्रिक्स में शामिल देशों में वैश्विक, क्षेत्रीय सुरक्षा और वैश्विक राजनीतिक क्षेत्रों में संवाद बढ़ाना है. दूसरा उद्देश्य आर्थिक और वित्तिय है. इसके मुताबिक व्यापार, कृषि और बुनियादी ढांचे सहित कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाना है.
इसके अलावा सांस्कृतिक, शैक्षणिक, युवा और खेल क्षेत्र में ब्रिक्स में शामिल देश के लोगों के संपर्क को मजबूत करना है. दुनिया की 45 फीसदी जनसंख्या वाले इस संगठन की वैश्विक जीडीपी में 28 फीसदी भागीदारी है. पाकिस्तान ने भले ही ऑफिशियली ब्रिक्स में शामिल होने के लिए अप्लाय नहीं किया हो, लेकिन वो कई बार संगठन का सदस्य बनने की चाहत जता चुका है.
इन वजहों से पाकिस्तान इस संगठन में होना चाहता है शामिल
1. भारत के साथ बराबरी: पाकिस्तान को लगता है कि भारत इस संगठन का सदस्य है और ये दुनिया का ताकतवर संगठन है. ऐसे में पाकिस्तान को इसका सदस्य होना चाहिए.
2. आर्थिक मददः पाकिस्तान को लगता है कि ब्रिक्स संगठन के देश तेजी से विकास कर रहे हैं. ऐसे में यदि पाकिस्तान इसका सदस्य बनता है तो बाकी देश मिलकर पाकिस्तान की मदद करेंगे. चीन ब्रिक्स बैंक के जरिए पाकिस्तान को कर्ज दिलवाएगा.
3. चीन के साथ मिलकर भारत को साधने की कोशिश: ब्रिक्स संगठन में भारत सबसे मजबूत सदस्य देशों में से एक है. यही वजह है कि पाकिस्तान इस संगठन में शामिल होकर चीन के साथ मिलकर भारत को साधने की कोशिश करेगा.
रूस के कजान शहर में होगा ब्रिक्स का शिखर सम्मेलन
इस साल ब्रिक्स का शिखर सम्मेलन 22-23 अक्टूबर 2024 को रूस के कजान शहर में होगा. यह संगठन के विस्तार के बाद पहला शिखर सम्मेलन है. पीएम मोदी मंगलवार को इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए रूस रवाना होंगे. पीएम मोदी के रूस रवाना होने से पहले भारत ने कहा कि भारत ब्रिक्स के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. उम्मीद है कि मोदी ब्रिक्स सदस्य देशों के अपने कई समकक्षों और कज़ान में आमंत्रित नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें करेंगे. ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा ने अपनी रूस यात्रा रद्द कर दी है, क्योंकि उन्हें घरेलू दुर्घटना में गर्दन में चोट लगी है.
इस बार का ब्रिक्स सम्मेलन है खास
इस वर्ष के शिखर सम्मेलन का विषय ‘न्यायपूर्ण वैश्विक विकास एवं सुरक्षा के लिए बहुपक्षवाद को मजबूत करना’ है. ब्रिक्स संगठन के विस्तार के बाद रूप में हो रहे ब्रिक्स सम्मेलन को काफी अहम माना जा रहा है. रूस लगातार ब्रिक्स करेंसी की बात कर रहा है. माना जा रहा है डॉलर को लेकर अमेरिकी मनमानी पर लगाम लगाने के लिए ब्रिक्स सदस्य देश एक वैकल्पिक करेंसी सामने लेकर आ सकते हैं. रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से यह पहला मौका है जब रूस में इतना बड़ा आयोजन हो रहा है.
पीएम मोदी के अलावा चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी ब्रिक्स समिट के लिए रूस जा रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच जुलाई में हुई बैठक के बाद अक्टूबर में दोबारा दोनों नेताओं की द्विपक्षीय बातचीत तय हुई है. इसके अलावा ब्रिक्स सम्मेलन में भाग लेने आ रहे चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बातचीत की काफी संभावना है. साल 2020 में गलवान मुद्दे के बाद से पहली बार मोदी-जिनपिंग मुलाकात की संभावना जताई जा रही है.