बांग्लादेश में लगातार बढ़ रही हिंसा और दंगों के बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना ने पीएम पद से इस्तीफा दे दिया है. बांग्लादेश के आर्मी चीफ ने सोमवार को इसकी पुष्टि की. शेख हसीना और उनकी बहन शेख रेहाना ने देश छोड़ दिया है. शेख हसीना का विमान हिंडन एयरबेस पर उतरा, जहां वो सेफ हाउस में हैं. सेना के गरुड़ कमांडो ने उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाल ली है. बांग्लादेश के ताजा हालात पर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर के बीच नई दिल्ली में मीटिंग हुई है. NSA अजित डोभाल ने हिंडन एयरबेस पर शेख हसीना से मुलाकात की है.
पीएम आवास में घुसे प्रदर्शनकारी
सूत्रों की मानें तो पीएम हसीना पहले एक हेलिकॉप्टर में बैठकर ढाका के कुरमिलटोला पहुंचीं, जहां से उन्हें एयरप्लेन मिला. यह प्लेन C130J शाम 5 बजकर 36 मिनट पर गाज़ियाबाद के हिंडन एयरबेस पर लैंड कर गया. भारतीय वायुसेना के अफसरों ने एयरबेस पर उन्हें रिसीव किया. सूत्रों का कहना है कि वह दिल्ली से लंदन के लिए रवाना हो सकती हैं. ढाका ट्रिब्यून की खबर में कहा गया कि पीएम हसीना देश छोड़ने से पहले एक स्पीच रिकॉर्ड करना चाहती थीं, लेकिन उन्हें इसका मौका नहीं मिला. ढाका स्थित भारतीय उच्चायोग की सुरक्षा बढ़ा दी गई है.
बांग्लादेश में मौजूद हालात के मद्देनजर पूरे देश में सेना की तैनाती कर दी गई है. बांग्लादेशी मीडिया के हवाले से सामने आ रही खबरों के अनुसार, सैकड़ों प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री आवास 'गणभवन' में घुस गए हैं. शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग के दफ्तर को आग के हवाले कर दिया गया है. प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश के राष्ट्रपिता मुजीब-उर-रहमान की मूर्ति भी तोड़ दी है. गौरतलब है कि बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों के संबंध में पेश किए गए आरक्षण बिल को लेकर विरोध हो रहा है.
आर्मी चीफ ने कहा, अंतरिम सरकार बनाएंगे
इस बीच, बांग्लादेश के आर्मी चीफ जनरल वकार-उज़-ज़मां ने पीएम हसीना के देश छोड़ने की पुष्टि की. उन्होंने हसीना को पीएम पद से इस्तीफा देने के लिए 45 मिनट का समय दिया. उन्होंने कहा कि वह राष्ट्रीय पार्टियों के संपर्क में हैं और देश में अंतरिम सरकार बनाने का प्रयास करेंगे. उन्होंने प्रदर्शनकारियों से संयम दिखाने और हिंसा न करने का भी अनुरोध किया.
क्या कहता है आरक्षण कानून?
हसीना सरकार की ओर से लाया गया नया कानून कहता है कि 1971 में बांग्लादेश की आजादी की लड़ाई में हिस्सा लेने वालों के परिजनों को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत कोटा दिया जाएगा. बांग्लादेश की सुप्रीम कोर्ट ने इस कानून पर रोक भी लगा दी थी. अदालत ने कहा था कि स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों को सिर्फ पांच प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा, जबकि अन्य को दो प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा.
इसके बावजूद रविवार को बांग्लादेश में एक बार फिर प्रोटेस्ट हुए और हिंसा भड़क उठी. प्रदर्शनकारियों ने इस दौरान प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग की. बांग्लादेश में अब तक पुलिस और नागरिकों के बीच हुई मुठभेड़ों में 100 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. इनमें 14 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं. सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले हुई मुठभेड़ में भी 200 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी.
इंटरनेट सेवाएं हुई थीं बंद
देश में बिगड़ते हालात पर काबू पाने के लिे सरकार ने रविवार शाम 6 बजे से अनिश्चितकालीन राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू की घोषणा की थी. इसके अलावा सरकार ने स्थिति को शांत करने की कोशिश में सोमवार से तीन दिन की सामान्य छुट्टी का भी ऐलान किया था. सरकार ने इंटरनेट सेवाओं को भी बंद कर दिया था. इस कदम की व्यापक आलोचना हुई थी.
आलोचकों का तर्क है कि इंटरनेट ब्लैकआउट प्रदर्शनकारियों के बीच संचार को बाधित करने और बाहरी दुनिया को संकट की पूरी सीमा देखने से रोकने का एक प्रयास है. शटडाउन ने 17 करोड़ लोगों के देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और सूचना तक पहुंच को लेकर चिंताएं पैदा कर दी हैं. मौजूदा हालात के मद्देनजर भारत-बांग्लादेश सीमा पर चौकसी बढ़ा दी गई है. भारत और बांग्लादेश के बीच रेल सेवा सस्पेंड कर दी गई है. एयर इंडिया ने ढाका के लिए विमान सेवा सस्पेंड कर दिया है.