रूस और यूक्रेन के बीच जंग अब लंबी खींच रही है. दो महीने से ज्यादा समय से चल रही इस जंग पर दुनिया भर की निगाहें टिकी रहती हैं. पूरी दुनिया पुतिन के अंदेशे से देख रही होती है कि यूक्रेम में जारी संघर्ष के बीच वो कौन सा नया कदम उठा सकते हैं. अब अमेरिकी खुफिया चीफ ने दावा किया है कि व्लादिमीर पुतिन जल्द ही रूस में मॉर्शल लॉ लागू कर सकते हैं. समाचार एजेंसी एएफपी की एक खबर के मुताबिक अमेरिकी खुफिया प्रमुख ने दावा किया है कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन युद्ध को देखते हुए ये कदम उठा सकते हैं.
पहले भी लगाई गई थीं मॉर्शल लॉ की अटकलें
हालांकि ये पहला मौका नहीं है जब रूस में मॉर्शल लॉ को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं. यूक्रेन और रूस की जंग की शुरूआत के कुछ समय में ही इस तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं. लेकिन उस वक्त रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने इस तरह की अटकलों को खारिज कर दिया था. पुतिन ने उस वक्त कहा था कि मॉर्शल लॉ तब लगाया जाता जब देश में कोई बाहरी हमला होता है.
क्या होता है मॉर्शल लॉ?
मॉर्शल लॉ एक नागरिक सरकार की बजाय सेना द्वारा प्रशासित कानून है. आमतौर देशों में हर तरह की आपातकाली व्यवस्था को बहाल करने के लिए लागू किया जाता है. मॉर्शल लॉ का इस्तेमाल किसी आपात स्थिति में किसी संकट की स्थिति में या फिर कब्जे वाले क्षेत्र को नियंत्रित करने के लिए किसी देश में मॉर्शल लॉ घोषित किया जाता है.
मॉर्शल लॉ में रद्द हो जाते हैं मूल अधिकार
जब किसी भी देश में मॉर्शल लॉ लगता है तो वहां के नागरिकों की स्वतंत्रता और उनके मूल अधिकार रद्द माने जाते हैं. इस कानून के लागू होते ही नागरिक स्वतंत्रता से जुड़े मूल अधिकार जैसे कि मुक्त आवाजाही, बोलने का अधिकार,अनुचित खोजों से सुरक्षा और बंदी प्रत्यक्षीकरण कानून रद्द हो जाते हैं.