अफगानिस्तान में अमेरिका द्वारा अंजाम दिए गए ड्रोन हमले में अल-कायदा प्रमुख अयमान अल-जवाहिरी मारा गया है. अल-जवाहिरी 9/11 आतंकी हमलों का साजिशकर्ता था और 2011 में ओसामा बिन लादेन की मौत के बाद अल-कायदा के प्रमुख के तौर पर कार्यभार संभाला था.
इस हमले को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति ने क्या कहा
इस हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा 'न्याय हो चुका है, फिर चाहे कितना भी समय लगे, आप कहीं भी छिपें, अगर आप आम लोगों के लिए एक खतरा बन चुके हैं तो अमेरिका आपको छोड़ेगा नहीं. आपको कहीं से भी ढूंढ ही निकालेगा.' बाइडेन ने बताया कि इस सटीक हमले में जवाहिरी के परिवार के सदस्यों को कोई नुकसान नहीं हुआ है. साथ ही किसी भी नागरिक को चोट नहीं आई है.
कुख्यात है आर9एक्स हेलफायर मिसाइल
ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने इस हमले में हेलफायर आर9एक्स का इस्तेमाल किया है. यह एक वॉरहेड-लेस मिसाइल है, जोकि छोटे से छोटे टारगेट पर भी बड़ी ही सटीकता से हमला करता है. इसे टारगेट को सटीक निशाना बनाने के लिए पहचाना जाता है. ये हेलफायर मिसाइल ब्लास्ट नहीं करती है, बल्कि इसमें से चाकू जैसे ब्लेड निकलते हैं जो कि इतने टारगेटेड होते हैं कि आतंकवादियों को छिपने का मौका भी नहीं देते. यह अपने इनबिल्ट सेंसर और रडार का इस्तेमाल करके लक्ष्य का पता लगा सकता है. इस हथियार का इस्तेमाल कभी-कभार ही किया जाता है. खासकर जब किसी आतंकी सरगना की पहचान हो जाती है.
बराक ओबामा के कार्यकाल में बनी निन्जा मिसाइल
निन्जा मिसाइल के नाम से कुख्यात आर9एक्स हेलफायर मिसाइल का इस्तेमाल सटीक हमलों के लिए किया जाता है. इस मिसाइल को बराक ओबामा के कार्यकाल में अमेरिका में विकसित किया गया था. हेलफायर आर9एक्स पहली बार 2017 में अस्तित्व में आया. जब अमेरिका ने अल-कायदा के वरिष्ठ नेता अबू अल-खैर अल-मसरी को मार गिराया था. इस मिसाइल की खासियत ये है कि यह बिना किसी विस्फोट के आतंकवादियों को मार गिराती है, इससे जन जीवन का नुकसान कम होता है. इसमें लगे ब्लेड इमारतों या कार की छतों को भी काट सकते हैं. इस मिसाइल को निंजा बम भी कहा जाता है.