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Russia Ukraine War: पुतिन की धमकी के बीच यूक्रेन को मिला एयर डिफेंस सिस्टम IRIS-T, जानिए क्या है इसकी खासियत?

रूस-यूक्रेन के बीच जारी जंग खतरनाक मोड़ की ओर बढ़ती जा रही है. करीब 8 महीने से जारी जंग में रूस और यूक्रेन के बीच कुछ इसी अंदाज में खौफनाक युद्ध छिड़ा हुआ है. जिससे तबाही का दायरा बढ़ता ही जा रहा है. इस बीच जर्मनी ने रूस की घातक मिसाइलों से बचने के लिए यूक्रेन को एयर डिफेंस सिस्टम IRIS-T दिया है. आइए जानते हैं क्या है Air Defense System IRIS-T की ताकत..

Air Defense System IRIS-T ( Photo Credit- @DefenceU) Air Defense System IRIS-T ( Photo Credit- @DefenceU)
हाइलाइट्स
  • 40 किमी की होती है एयर डिफेंस सिस्‍टम IRIS-T की रेंज

  • इस एयर डिफेंस सिस्टम से यूक्रेन को है बड़ी उम्मीद

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन समेत पश्चिमी देशों को आखिरी अल्टीमेटम देते हुए तीसरे विश्वयुद्ध की धमकी दी. जिसके बाद इस युद्ध को टालने के लिए दुनिया के कई देश यूक्रेन की ताकत बढ़ाने में जुटे हैं. उन्हें घातक हथिय़ार मुहैया करा रहे हैं. जिसके रहते रूस की किलर मिसाइलों का यूक्रेन की सरजमीं तक पहुंचना नामुमकिन हो जाएगा.

यूक्रेन को मिली IRIS-T की पहली खेप

खबर है कि 50 देश यूक्रेन के एयरडिफेंस को मजबूत बनाने में मदद को आगे आए हैं. ब्रिटेन ने यूक्रेन को एयर डिफेंस मिसाइलें देने का ऐलान कर दिया है. वहीं जर्मनी ने यूक्रेन को रूस की क्रूज मिसाइलों से हिफाजत करने के लिए अपने एयर डिफेंस सिस्‍टम IRIS-T की पहली खेप सौंप दी है.दावा किया जा रहा है कि कहा जा रहा है जर्मनी का एयर डिफेंस सिस्‍टम कीव समेत दूसरे बड़े शहरों की तरफ आती क्रूज मिसाइलों को हवा में भी तबाह कर देगा.

बता दें कि क्रीमिया पुल पर हमले के बाद रूस की सेना यूक्रेन पर ताबड़तोड़ मिसाइलें बरसा रही हैं. रूसी हमले को नाकाम करने के लिए दुनिया के कई यूक्रेन के लिए ढाल तैयार करने में जुटे हैं. 10 अक्टूबर को रूसी सेना ने यूक्रेन के 10 शहरों पर 100 से ज्यादा क्रूज मिसाइलें दागी थीं, जिनसे 26 लोगों की मौत हुई और दर्जनों लोग घायल हुए. रूसी हमले से यूक्रेन के आधारभूत ढांचे को भी भारी नुकसान हुआ है. 12 तारीख को कीव समेत दूसरे यूक्रेनी शहरों पर हवाई हमलों से सावधान करने वाले सायरन रह-रहकर बजते रहे और डर से लोग भागकर बंकरों में छिपते रहे.

अत्‍याधुनिक तकनीक से लैस इस एयर डिफेंस सिस्टम से यूक्रेन को बड़ी उम्मीदें हैं. यूक्रेन ने अपने नागरिकों को रूसी हमलों से बचने के लिए शेल्‍टर में छिपने की अपील की है. कीव और दूसरे बड़े शहरों में रूस के हमलों की वजह से यूक्रेन को भारी नुकसान उठाना पड़ा है.

Air Defense System IRIS-T की खासियत?

जर्मनी का एयर डिफेंस सिस्‍टम IRIS-T की एक यूनिट में तीन अलग-अलग ब्रांज यूनिट होती हैं, जो अलग-अलग ट्रकों पर लगी होती हैं. इनमें एक यूनिट रडार यूनिट, दूसरी लाजिस्टिक यूनिट और तीसरी मिसाइल यूनिट होती है. मिसाइल यूनिट दुश्‍मन की मिसाइलों की एक इंफ्रारेड इमेज तैयार कर उनको पहचानने का काम भी करती है.

इसकी रेंज करीब 40 किमी की होती है. इस दायरे में ये किसी भी मिसाइल को तबाह करने में सक्षम है. साथ ही ये मिसाइल 20 किमी की ऊंचाई तक जा सकती है.

एयर डिफेंस सिस्‍टम IRIS-T का रडार करीब 250 किमी के दायरे में आने वाली सभी मिसाइलों का पता लगाने में सक्षम है. ये मिसाइल सिस्‍टम को 360 डिग्री लान्‍चर के साथ तैनात किया जाता है. इसका मतलब ये है कि इस एयर डिफेंस सिस्टम की मदद से दुश्मन को किसी भी कोने में तहस-नहस किया जा सकता है.

अमेरिका यूक्रेन को देगा दो नेशनल एडवांस्ड सर्फेस-टू-एयर मिसाइल सिस्टम

इस बीच अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने यूक्रेन को हथियार भेजने की अमेरिकी प्रतिबद्धता जाहिर की है और कहा है कि हम जानते हैं कि यूक्रेन को अभी भी लंबी दूरी के हथियारों, एयर डिफेंस सिस्टम और तोपखाना प्रणालियों के साथ कई और अहम क्षमताओं की जरूरत है. अमेरिका पहले ही 20 उन्नत हाई मूवमेंट आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम दे चुका है. साथ ही 18 और ऐसे ही रॉकेट सिस्टम देने का वादा किया है.

अमेरिका ने कहा है कि वो आने वाले हफ्तों में यूक्रेन को पहले दो नेशनल एडवांस्ड सर्फेस-टू-एयर मिसाइल सिस्टम यानी NASAMS देगा, जिसके लिए जेलेंस्की सरकार ने साल की शुरुआत में दबाव डाला था. ये सिस्टम रूसी मिसाइल हमलों के खिलाफ मीडियम से लॉन्ग रेंज की सुरक्षा प्रदान करेगा.

बता दें कि अमेरिका ने 24 फरवरी को युद्ध शुरू होने के बाद से यूक्रेन को हथियारों और दूसरी सहायता के रूप में 16.8 बिलियन डॉलर की मदद कर चुका है. अमेरिका और जर्मनी के साथ-साथ ब्रिटेन भी यूक्रेन की मदद में जुटा हुआ है. ब्रिटेन के रक्षा मंत्री बेन वालेस ने कहा कि ब्रिटेन जल्द ही यूक्रेन को एयर डिफेंस मिसाइल भेजेगा ताकि यूक्रेन में रूसी मिसाइलों का तबाही को रोका जा सके.