रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के एक साल पूरे हो गए हैं. 24 फरवरी 2022 को 2 लाख सैनिकों के साथ रूस यूक्रेन में दाखिल हुआ था. कयास लगाए जा रहे थे कि जल्द ही युद्ध का निर्णय हो जाएगा. लेकिन हफ्ता बीता, महीना बीता और अब साल भी गुजर गया. लेकिन अब तक इस युद्ध का अंत नहीं हुआ है. यूक्रेन में तबाही मची है. शहर के शहर बर्बाद हो गए. हजारों लोगों को जान गंवानी पड़ी है. लाखों लोग बेघर हुए हैं. चलिए आपको बताते हैं कि 12 महीनों से चल रहे रूस और यूक्रेन युद्ध में अब तक क्या हुआ है.
एक साल से चल रहा युद्ध-
रूस और यूक्रेन के बीच पिछले एक साल से युद्ध चल रहा है. लेकिन अब तक इसका निर्णायक फैसला नहीं हो पाया है. रूस ने यूक्रेन के करीब-करीब सभी बड़े शहरों में बमबारी की है. इसके जवाब में यूक्रेन ने भी रूसी सैनिकों पर हमले किए. लेकिन अब तक इस युद्ध का निर्णय नहीं हो सका है. रूस अभी भी पीछे हटने को तैयार नहीं है और यूक्रेन भी झुकने का इरादा नहीं रखता है.
24 फरवरी 2022 को जंग का आगाज-
24 फरवरी 2022 को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के खिलाफ सैन्य अभियान का आगाज किया. पुतिन ने कहा था कि उनका मकसद यूक्रेन को डिमिलिट्राइज करना है, उसपर कब्जा करना नहीं. रूसी राष्ट्रपति के ऐलान के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति ने भी हमले का सामना करने की बात कही.
रूस का हमला, यूक्रेन की जवाबी एक्शन-
जंग के ऐलान के तीन दिन बाद यानी 27 फरवरी को रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने डोनबास प्रांत के डोनेत्स्क और लुहांस्क को स्वतंत्र राष्ट्र घोषित कर दिया. इस इलाके में साल 2014 से रूसी समर्थित लोगों का कब्जा था. उधर, बेलारूस की तरफ से भी रूसी सैनिक यूक्रेन की राजधानी कीव की तरफ बढ़े. रूस ने एक साल में यूक्रेन के कई शहरों और बंदरगाहों पर कब्जा कर लिया है. इस दौरान यूक्रेन ने जवाबी कार्रवाई भी की और दोबारा कई इलाकों पर कब्जा भी किया.
80 लाख लोगों ने छोड़ा घर-
संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी के मुताबिक युद्ध के कारण अब तक 80 लाख लोगों ने यूक्रेन छोड़ा है. 28 लाख लोग यूक्रेन से रूस गए हैं. यूक्रेन ने 18 साल से 60 साल की उम्र के लोगों को यूक्रेन में रहने को कहा है. इस हमले में यूक्रेन में 8006 आम लोगों की मौत हुई है. जबकि 13 हजार से ज्यादा लोग जख्मी हुए हैं. अब तक 487 बच्चों ने भी इस युद्ध में अपनी जान गंवाई है.
यूक्रेन में हुई भारी तबाही-
इस युद्ध में यूक्रेन पूरी तरह से तबाह हो गया है. कीव स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के मुताबिक फरवरी 2022 से दिसंबर 2022 तक रूसी हमले में 138 अरब डॉलर का इन्फ्रास्ट्रक्चर बर्बाद हुआ है. हमले में एक लाख 49 हजार तीन सौ रिहायशी इमारतें बर्बाद हुई हैं. इस हमले में बच्चों का भविष्य भी बर्बाद हुआ है. तीन हजार से ज्यादा शैक्षणिक संस्थान तबाह हुए हैं. 1100 से ज्यादा अस्पताल भी तबाह हुए हैं.
सैनिकों को गंवानी पड़ी जान-
रूस और यूक्रेन युद्ध में लाखों सैनिकों को नुकसान उठाना पड़ा है. अगर दावों की बात करें तो यूक्रेन ने 23 फरवरी 2023 को दावा किया कि उसने रूस के एक लाख 45 हजार 850 सैनिकों को मार दिया है. लेकिन यूक्रेन ने अपने सैनिकों की मौत का आंकड़ा नहीं बताया. अगर रूस के दावे की बात करें तो पिछले साल सितंबर में उसने आखिरी बार हताहतों का आंकड़ा जारी किया था. रूस के मुताबिक इस लड़ाई में उसके 6 हजार सैनिकों की मौत हुई थी. रूस की न्यूज वेबसाइट मॉस्को टाइम्स के मुताबिक 17 फरवरी 2023 तक रूस के 14 हजार से ज्यादा सैनिकों की मौत हुई थी.
क्या है रूस और यूक्रेन का रूख-
रूस और यूक्रेन युद्ध के एक साल बाद भी दोनों देश झुकने को तैयार नहीं हैं. यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने साफ कर दिया है कि वो ऐसा कोई समझौता नहीं करेंगे, जिससे उनके देश की एक इंच जमीन भी रूस को मिल जाए. जबकि दूसरी तरफ रूस के राष्ट्रपति पुतिन भी पीछे हटने को तैयार नहीं हैं. रूस ने साफ कहा है कि वो समझौता के लिए तैयार हैं. लेकिन वो अपनी शर्तों पर समझौता करेगा.
किसको मिला किसका साथ-
रूस-यूक्रेन युद्ध में दुनिया दो हिस्सों में बंटी नजर आई. अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, कनाडा और फ्रांस ने यूक्रेन की मदद की. जबकि बेलारूस खुलकर रूस के साथ खड़ा दिखाई दिया. युद्ध के एक साल पूरा होने के दो दिन पहले चीन के विदेश मंत्रालय के नेता वांग यी मॉस्को गए और पुतिन से मुलाकात की.
रूस-यूक्रेन युद्ध में भारत-
रूस-यूक्रेन युद्ध में भारत तटस्थ रहा है और पीएम मोदी ने बातचीत के जरिए इसे सुलझाने की बात कही. कई विशेषज्ञों का मानना है कि भारत युद्ध के खत्म करने की कोशिश में सार्थक योगदान दे सकता है. उनका मानना है कि भारत के संबंध रूस के साथ-साथ पश्चिमी देशों के साथ भी बेहतर हैं. ऐसे में भारत अहम भूमिका निभा सकता है.
क्या कर रहा है संयुक्त राष्ट्र-
दुनिया में शांति, सद्भाव और शांति के लिए देशों ने मिलकर संयुक्त राष्ट्र बनाया था. लेकिन रूस और यूक्रेन युद्ध में संयुक्त राष्ट्र प्रभावी तरीके से काम करता नरहीं दिख रहा है. युद्ध के एक साल के एक दिन पहले 23 फरवरी को संयुक्त राष्ट्र आम सभा में रूस के खिलाफ प्रस्ताव लाया गया. इसके जरिए रूस को यूक्रेन से बाहर निकलने की मांग की गई. आम सभा में भारत और चीन समेत 32 देशों ने इस प्रस्ताव पर वोटिंग नहीं की.
युद्ध का दुनिया पर असर-
रूस और यूक्रेन युद्ध का दुनिया की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर हुआ है. आईएमएफ ने साल 2023 के लिए 3.2 फीसदी की दर से ग्लोबल जीडीपी ग्रोथ का अनुमान लगाया था. लेकिन हालात ठीक नहीं है, इसलिए इसको घटाकर 2.9 फीसदी कर दिया गया है. साल 2024 में ग्लोबल जीडीपी ग्रोथ 3.4 फीसदी के दर से होने का अनुमान लगाया गया है.
दुनिया में बढ़ी महंगाई-
रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से दुनिया में महंगाई बढ़ी है. दुनिया में क्रूड ऑयल और खाद्यान का संकट गहराया है. ओईसीडी ने नवंबर 2022 में अनुमान लगाया था. जिसके मुताबिक साल 2023 के आखिरी तक ग्लोबल इंफ्लेशन रेट 6.6 फीसदी रहने का अनुमान है. जबकि 2024 तक 5.1 फीसदी तक होने का अनुमान है.
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