रूस और यूक्रेन के बीच जंग का आज चौथा दिन है. रूस के हमले लगातार तेज होते जा रहे हैं. रूस का कहना है कि यूक्रेन पर कब्ज़ा करने से रूसी आर्मी अब सिर्फ कुछ ही किलोमीटर दूर है. चारों ओर से रूस यूक्रेन को घेर रहा है. वहीं यूक्रेन ने दावा किया है कि उसने रूस की सेना को भारी नुकसान पहुंचाया है. साथ ही 200 से ज्यादा सैनिकों को बंदी बनाने का भी दावा किया गया है. इन सबके बीच यूक्रेन में चारों ओर हाहाकार मचा हुआ है. जंग का सीधा असर यूक्रेन की जनता पर पड़ रहा है. कोई देश छोड़ने की कोशिश में लगा हुआ है तो कोई छिपकर अपनी जान बचा रहा है. जंग के बीच वहां फंसे लोगों को बॉम्ब शेल्टर्स (Bomb Shelters) में छिपने की सलाह दी जा रही है.
क्या होते हैं बॉम्ब शेल्टर्स?
रूस और यूक्रेन के बीच छिड़े युद्ध के बीच भारतीय दूतावास ने भारतीयों के लिए दिशानिर्देश जारी कर कहा है कि वे बॉम्ब शेलटर्स में जाएं. भारतीय दूतावास ने कहा कि हमले के सायरन सुने तो पास के बॉम्ब शेलटर्स की तलाश गूगल मैप (find bomb shelters on google maps) से करें. ऐसे में सवाल ये उठता है किबॉम्ब शेल्टर्स क्या होते हैं और यहां कैसे अपनी जान बचाई जा सकती है? दरअसल, बॉम्ब शेल्टर्स युद्ध की शब्दावली का शब्द है. यह वो बंद जगह होती है जिसे लोगों को बम और मिसाइल जैसे विस्फोटक हथियारों के प्रभाव से बचाने के लिए बनाया जाता है. आमतौर पर यह ऐसा कमरा या क्षेत्र होता है जो अंडरग्राउंड होता है. इसे बम के प्रभाव से बचने के लिए खासतौर पर डिजाइन किया जाता है और हवाई हमले के दौरान एक शरण स्थल की तरह इस्तेमाल किया जाता है.
अंडरग्राउंड हिस्सों को बनाते हैं बॉम्ब शेल्टर्स
बॉम्ब शेल्टर्स (bomb shelters) सामान्यतौर पर उन जगहों को बनाया जाता है जो काफी मजबूत होती हैं और जिन जगहों पर विस्फोटकों का प्रभाव न पहुंच सके. ज्यादातर अंडरग्राउंड हिस्सों को बॉम्ब शेल्टर्स बनाया जाता है. टैंक से लेकर हवाई हमले के दौरान ये शेल्टर्स लोगों को सुरक्षित शरण देने के काम आते हैं. इन जगहों पर कई तरह की बुनियादी सुविधाएं मिलती हैं. बॉम्ब शेल्टर में कई सुविधाएं होती हैं जैसे पीने का पानी, पैकेट बंद भोजन, आपातकालीन दवाएं, बैटरी से चलने वाले रेडियो, इमरजेंसी फ्लैश लाइट या टॉर्च. ऐसी जगह पर कम से कम तीन दिन की जरूरतों के लिए सामान जमा कर रखा जाता है.
कीव में गूगल मैप से बॉम्ब शेल्टर्स का पता लगा रहे हैं लोग
लेकिन ऐसी जगहों पर जहां औपचारिक बॉम्ब शेल्टर नहीं हैं, वहां कई ऐसी जगहें भी होती हैं जिन्हें जरूरत पड़ने पर बॉम्ब शेल्टर की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है. ऐसा ही कुछ यूक्रेन में किया जा रहा है. फिलहाल यूक्रेन की राजधानी कीव में लोग मेट्रो स्टेशन, सबवे, फ्लाइओवर के नीचे और अंडरग्राउंड जगहों को बॉम्ब शेल्टर की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं. हालांकि, रूस का कहना है हम केवल यूक्रेन के सैन्य ठिकानों पर ही हमला कर रहे हैं और यूक्रेन के लोगों और वहां के रिहायशी इलाकों को निशाना नहीं बना रहे हैं. लेकिन जंग के माहौल के बीच डरी सहमी यूक्रेन की जनता सुरक्षा की तलाश में बॉम्ब शेल्टर्स पहुंच रही है. राजधानी कीव में लोग पुराने और अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशनों में शरण के लिए पहुंच रहे हैं. यूक्रेन में बॉम्ब शेल्टर्स का पता लगाने के लिए गूगल मैप का इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है. गूगल मैप के जरिए लोग पता लगा रहे हैं कि उनकी लोकेशन से कितनी दूरी पर कोई बॉम्ब शेल्टर मौजूद है.