रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध का आज सातवां दिन है. पुतिन-जेलेंस्की की जंग में अब यूक्रेन के पूर्व राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच (Viktor Yanukovych) का नाम भी सुर्खियों में आ रहा है. यूक्रेन की मीडिया ने दावा किया है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेनी राजनेता विक्टर फेडोरोविच यानुकोविच को यूक्रेन का राष्ट्रपति बनाना चाहते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक यानुकोविच इस वक्त बेलारूस की राजधानी मिन्स्क (Minsk) में हैं. आइए जानते हैं कौन है विक्टर यानुकोविच और क्यों रूस उन्हें राष्ट्रपति बनाना चाहता है?
यूक्रेन की स्वतंत्र न्यूज एजेंसी कीव इंडिपेंटेंड ने दावा किया है कि रूस एक तरफ जहां समझौते के जरिए युद्ध खत्म करने की बात कह रहा है, वहीं दूसरी तरफ से वह यूक्रेन की सत्ता बदलने की कोशिश कर रहा है. इसके लिए पुतिन सरकार विक्टर यानुकोविच को यूक्रेन के राष्ट्रपति की कुर्सी पर बैठाना चाहती है. यह यूक्रेन में एक कठपुतली सरकार स्थापित करने का व्लादिमीर पुतिन का तरीका हो सकता है. पुतिन कीव को अपने कब्जे में लेने और जेलेंस्की सरकार को उखाड़ फेंकने की कोशिश में लगे हुए हैं.
2010 से फरवरी 2014 तक राष्ट्रपति रहे
विक्टर यानुकोविच साल 2014 में हुए तख्तापलट के बाद से ही निर्वासन की जिंदगी जी रहे हैं. यूरोमैदान क्रांति के दौरान उनकी सरकार को उखाड़ फेंक दिया गया था और उसके बाद विक्टर 2014 में रूस भाग गए थे. विक्टर ने 2010 में यूक्रेन के चौथे राष्ट्रपति के रूप में पद संभाला था. वह 2010 से फरवरी 2014 तक राष्ट्रपति रहे. 2014 में उन्हें इस पद से हटाया गया जिसके बाद वह रूस भाग गए थे. उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे. 2013 में उन्होंने तब सुर्खियां बटोरीं थीं, जब रूस के साथ उनके बढ़ते संबंध के कारण एक हिंसक विरोध छिड़ गया. इस दौरान विक्टर ने 2013 में यूरोपीय संघ के संघ समझौते को खारिज कर दिया था. इस वजह से देश में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए थे.
कौन हैं विक्टर यानुकोविच?
विक्टर यानुकोविच का जन्म 1950 में यूक्रेन के उत्तरी शहर येनाकीवो में हुआ था. अपनी किशोरावस्था में वे दो बार जेल भी गए. 1969 से उन्होंने येनाकीयेव और उसके आसपास के इलाकों में उद्योग में काम किया था. अपने 20 साल के करियर में वह मैकेनिक से एग्जिक्यूटिव तक बने. विक्टर यानुकोविच को 15 दिसंबर 1967 को 17 साल की उम्र में एक डकैती और हमले में हिस्सा लेने के लिए तीन साल के कारावास की सजा सुनाई गई थी. 8 जून 1970 को उन्हें दूसरी बार हमले के आरोप में दोषी ठहराया गया था. तब उन्हें कोर्ट ने दो साल की कैद की सजा सुनाई गई थी. यानुकोविच ने इस फैसले के खिलाफ अपील नहीं की थी. राष्ट्रपति बनने के बाद यानुकोविच ने अपनी गिरफ्तारी और कारावास को युवावस्था की गलतियां करार दिया था. 1971 में यानुकोविच ने ल्यूडमिला नास्टेंको से शादी की थी.
नवंबर 2002 में बने प्रधानमंत्री
1980 में उन्होंने डोनेट्स्क पॉलिटेक्निक इंस्टिट्यूट (अब डोनेट्स्क स्टेट टेक्निकल यूनिवर्सिटी) से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की जिसके बाद वह कम्युनिस्ट पार्टी में शामिल हो गए. साल 2000 में 50 साल की उम्र में उन्हें इकोनॉमिक्स में पीएचडी मिली. इसके बाद वे डोनेत्स्क क्षेत्र के गवर्नर बन गए. नवंबर 2002 में यूक्रेन के तत्कालीन राष्ट्रपति लियोनिड कुशमार ने उन्हें प्रधानमंत्री बना लिया.
उनकी सरकार पर भ्रष्टाचार और आर्थिक घोटालों के आरोप लगे. इसके बावजूद 2004 में यानुकोविच ने राष्ट्रपति पद पर नामांकन के लिए चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. लेकिन कीव में उनके खिलाफ जबरदस्त प्रदर्शनों की शुरुआत हो गई. इन प्रदर्शनों को बाद में ऑरेंज रेवोल्यूशन नाम दिया गया. बाद में यानुकोविच के चुनाव में धोखाधड़ी की बात सामने आई और उन्हें पद छोड़ना पड़ा. 2006 से 2007 के बीच यानुकोविच एक बार फिर प्रधानमंत्री बने.
2014 में देश छोड़कर भाग खड़े हुए
यानुकोविच पहली बार 2010 में स्पष्ट बहुमत से चुनाव जीते थे. राष्ट्रपति बनते ही यानुकोविच ने तुरंत रूस की तरफ अपना झुकाव दिखाया था. यानुकोविच ने राष्ट्रपति रहते हुए यूरोप के साथ अच्छे रिश्ते स्थापित किए. लेकिन जब यूक्रेन को यूरोप में शामिल करने की बात आई, तो 2013 में उन्होंने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया. उनके इस कदम के खिलाफ यूक्रेन की जनता सड़कों पर उतर गयी. फरवरी 2014 में यानुकोविच के खिलाफ जबरदस्त विरोध प्रदर्शन हुए. इस दौरान उनके आदेश पर प्रदर्शनकारियों के एक समूह पर गोलीबारी की गई, जिसमें 88 लोगों की मौत हो गई. अपने खिलाफ बढ़ते प्रदर्शनों को देखते हुए वे खुद देश छोड़कर भाग खड़े हुए. यूक्रेन में उनके खिलाफ मासूमों की जान लेने का आरोप है और यूक्रेन की धरती पर उतरते ही उन्हें गिरफ्तार करने का आदेश है. विक्टर का झुकाव हमेशा से रूस की तरफ रहा है जिसके कारण यह दावा किया जा रहा है कि रूस उन्हें जेलेंस्की की गद्दी देना चाह रहा है.