scorecardresearch

रूस की अदालत ने लगाया Google और Meta पर भारी जुर्माना, जानिए कंपनी ने की कौन सी गलती

गौरतलब है कि रूस ने कंपनियों को नशीली दवाओं के दुरुपयोग और घरेलू हथियारों और विस्फोटकों के बारे में जानकारी के साथ-साथ उन समूहों को हटाने का आदेश दिया है जिन्हें वह चरमपंथी या आतंकवादी के रूप में नामित करते हैं.

Meta and Google fine Meta and Google fine
हाइलाइट्स
  • कंपनी को लगभग 7.2 अरब रूबल चुकाने के लिए कहा है

  • रूस ने कंपनियों को दिए थे निर्देश

मॉस्को की एक अदालत ने गूगल पर 10 करोड़ रुपये (98 मिलियन डॉलर) का जुर्माना लगा दिया है. ये जुर्माना रूस के स्थानीय कानून द्वारा प्रतिबंधित सामग्री को हटाने में विफल रहने पर लगाया गया है. टैगांस्की जिला अदालत ने इस फैसले को तब सुनाया है जब गूगल ने बार-बार कहने पर भी प्रतिबंधित सामग्री नहीं हटाई. कंपनी को लगभग 7.2 अरब रूबल चुकाने के लिए कहा है. दरअसल, Google ने एक ईमेल में कहा था कि वह आगे कोई कदम उठाने से पहले अदालत के फैसले का अध्ययन करेगा.

क्या है पूरा मामला?

बाद में शुक्रवार को अदालत ने इसी आधार पर मेटा प्लेटफॉर्म्स पर 2 अरब रूबल (27.15 मिलियन डॉलर) का जुर्माना लगाया है. रूस के कम्यूनिकेशन वॉचडॉग रोसकोम्नाडज़ोर ने कहा कि फेसबुक और इंस्टाग्राम रूसी कानूनों का उल्लंघन करने वाले दो हजार पीस (कंटेंट) को हटाने में विफल रहे. गूगल के पास 2,600 ऐसा कंटेंट है जो बैन है. मेटा प्लेटफ़ॉर्म ने टिप्पणी के अनुरोध का तुरंत जवाब नहीं दिया.

रूस ने कंपनियों को दिए थे निर्देश 

गौरतलब है कि रूस ने कंपनियों को नशीली दवाओं के दुरुपयोग और घरेलू हथियारों और विस्फोटकों के बारे में जानकारी के साथ-साथ उन समूहों को हटाने का आदेश दिया है जिन्हें वह चरमपंथी या आतंकवादी के रूप में नामित करते हैं. मॉस्को ने यह भी कहा है कि 13 विदेशी कंपनियां, जिनमें Google और मेटा प्लेटफॉर्म शामिल हैं, को आधिकारिक तौर पर 1 जनवरी तक रूस में पेशी करनी होगी. इसके साथ या तो वे उन सभी प्रतिबंधित सामग्रियों को बैन करे या फिर रूस द्वारा लगाए गए तमाम रेस्ट्रिक्शन का सामना करें.
 
आपको बता दें, इससे पहले भी रूसी अदालतें इस साल गूगल, फेसबुक और ट्विटर पर छोटे जुर्माना लगा चुकी हैं.

ये भी पढ़ें