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Russian Ukrainian Conflict: यूक्रेन को हर तरफ से घेर रही है रूसी सेना, सैटेलाइट तस्वीरों ने किया खुलासा

विशेषज्ञों का मानना ​​​​है कि रूसी हमले की शुरुआत हवाई और मिसाइल हमलों से हो सकती है. उनका कहना है कि रूस पहला हमला जमीनी टैंकों से करने से बचेगा, क्योंकि सीमाओं के पास की जमीन टैंकों के लिए अनुकूल नहीं होती है. ये तस्वीरें उन सैन्य टुकड़ियों की आगे की आवाजाही को भी दिखाती है जो पिछले कुछ हफ्तों में सीमाओं से 100-200 किमी की सीमा के भीतर तैनात थे.

Satellite image of russian ukranian border Satellite image of russian ukranian border
हाइलाइट्स
  • हवाई मार्ग से हो सकती है हमले की शुरुआत

  • सेनाओं की आवाजाही का चलता है पता

  • टुकड़ियों को सीमा की ओर बढ़ाया गया 

  • रूस ने हमले की बात से नकारा 

रूस और यूक्रेन के बीच तनाव दिन-प्रतिदिन गहराता जा रहा है. रूसी सेनाएं सैन्य अभ्यास के बहाने यूक्रेन के उत्तर, पूर्व और दक्षिण में जमा हो रही हैं. एसोसिएटेड प्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी अधिकारियों का अनुमान है कि 130,000 से अधिक रूसी सैनिकों को अग्रिम चौकियों पर तैनात किया जाएगा. पिछले हफ्तों में, सीमा पर स्थित सैनिकों की संख्या में तेजी से लगभग 100,000 की वृद्धि हुई. सोमवार को कैप्चर की गई सैटेलाइट इमेज से संकेत मिलता है कि बेलारूस के रेचिट्सा शहर में स्थित सेना की टुकड़ी को हाल ही में आगे बढ़ाया गया है. इस महीने की शुरुआत में सैटेलाइट इमेज से पता चला था कि रेचिट्सा में कई टेंट कैंप बनाए गए थे.

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हवाई मार्ग से हो सकती है हमले की शुरुआत 

पिछले 48 घंटों में कैप्चर की गई नई सैटेलाइट तस्वीरों में यूक्रेन की सीमा के पास रूसी बॉम्बर जेट और हमलावर हेलीकॉप्टर तैनात दिख रहे हैं. विशेषज्ञों का मानना ​​​​है कि रूसी हमले की शुरुआत हवाई और मिसाइल हमलों से हो सकती है. उनका कहना है कि रूस पहला हमला जमीनी टैंकों से करने से बचेगा, क्योंकि सीमाओं के पास की जमीन टैंकों के लिए अनुकूल नहीं होती है. ये तस्वीरें उन सैन्य टुकड़ियों की आगे की आवाजाही को भी दिखाती है जो पिछले कुछ हफ्तों में सीमाओं से 100-200 किमी की सीमा के भीतर तैनात थे. हाल ही में भारत ने अपने नागरिकों, विशेष रूप से यूक्रेन में छात्रों के लिए एक एडवाइजरी जारी की थी, जिसमें उन्हें वर्तमान स्थिति को देखते हुए कुछ दिनों के लिए छोड़ने का आग्रह किया गया था.

सेनाओं की आवाजाही का चलता है पता

13 फरवरी को कैप्चर की गई नई तस्वीरों से पता चलता है कि रूस ने सु-34 बॉम्बर्स को आगे प्रिमोर्स्को-अख्तरस्क हवाई क्षेत्र में तैनात किया है, जो उकारिन के कमजोर सीमांत शहर-मारियुपोल से लगभग 75 मील की दूरी पर स्थित है. एयरबेस 960वीं अटैक एविएशन रेजिमेंट से जुड़ा है जिसे चेचन्या में युद्ध का अच्छा अनुभव है. अमेरिका स्थित अंतरिक्ष फर्म मैक्सार टेक्नोलॉजीज के अनुसार, बेलारूस, क्रीमिया और पश्चिमी रूस पर ली गई तस्वीरों से काफिले के गठन के साथ-साथ मौजूदा गैरीसन से सेनाओं की आवाजाही का पता चलता है. 

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टुकड़ियों को सीमा की ओर बढ़ाया गया 

रूस के उत्तर-पश्चिमी स्मोलेंस्क क्षेत्र में येलन्या को कवर करने वाली इमेजरी के एक और सेट की तुलना से पता चलता है कि सेल्फ प्रोपेल्ड आर्टिलरी को यूक्रेनी सीमा के करीब ले जाया जा रहा था. सैटेलाइट चित्रों में पहले देखी गई टुकड़ियों को भी स्थानांतरित कर दिया गया है. पहले पहचाना गया स्थान बेलारूस की सीमा से लगभग 120 किलोमीटर और यूक्रेन से लगभग 250 किलोमीटर दूर था. इसके साथ पश्चिमी रूस के पोगोनोवो में तैनात एक युद्ध-समूह भी नए सैटेलाइट तस्वीरों में सीमाओं की ओर आगे बढ़ा हुआ दिख रहा है. बता दें, पोगोनोवो सीमा से लगभग 150 किमी दूर स्थित है.

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रूस ने हमले की बात से नकारा 

पश्चिमी देशों के नेताओं की नजर में रूस का यह सैन्य जमावड़ा शीतयुद्ध के बाद से महाद्वीप की सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा है, और उन्होंने यूक्रेन पर हमला होने की स्थिति में आर्थिक पाबंदियों का पूरा पैकेज तैयार कर लिया है. वहीं यूक्रेनी नेतृत्व ने संकेत दिया है कि 16 फरवरी रूसी हमले का दिन हो सकता है हालांकि रूस ने बार-बार कहा है कि उसकी ऐसी कोई योजना नहीं है.