बेटी सयानी हुई नहीं कि मां उसके लिए परियों की नगरी के राजकुमार का सपना देखने लगती है. हर मां यही चाहती है कि उसकी बेटी की अच्छी शादी हो. बेटी महलों में चाहे ना जाए लेकिन बेटी अपने ससुराल चली जाए तो मां के दिल को चैन मिल जाता है. लेकिन ऐसा नहीं कि शादी के सपने सिर्फ बेटियों के लिए देखे जाते हैं. बेटे की शादी भी मम्मी-पापा के लिए बड़ा मसला है. बेटा इधर काम पर लगा उधर जान-पहचान और रिश्तेदारों में उसके लिए लड़की देखने का सिलसिला शुरू हो जाता है.
बेटा हो या बेटी, दोनों की शादी के लिए मम्मी-पापा का सोचना बनता है. वो चाहते हैं कि जल्दी से जल्दी बेटा-बेटी लाइफ में सैटल हो जाएं. लेकिन हो सकता है कि औलाद की शादी का मसला उनकी मानसिक परेशानी बन चुकी हो. एक रिपोर्ट के मुताबिक हो सकता है कि बेटा या बेटी की शादी के लिए परेशान मां एक खास तरह के मानसिक डिसऑर्डर (disorder) की शिकार हो जाए. दरअसल ऐसा ही एक मामला चीन में सामने आया है.
शादी न करने पर बेटे को डॉक्टर के पास ले गई मां
चीन के हेनान में रहने वाले 38 साल के वांग के शादी नहीं करने पर उसकी मां को चिंता हुई. मां को लगा कि बेटे के दिमाग में कोई लोचा है, यानी उसकी दिमागी हालत ठीक नहीं है. फिर क्या था, एक दिन मां वांग के लेकर मनोचिकित्सक के पास गई, डॉक्टर को समस्या बताई, लेकिन दूसरी बार जब मां डॉक्टर से मिली तो उनका जवाब सुनकर हैरान रह गईं, क्योंकि डॉक्टर ने कहा कि बेटे को कोई समस्या नहीं है.
असली समस्या तो मां को है, डॉक्टर के मुताबिक मां को बेटे को शादी के लिए बाध्य करने वाला मेंटल डिसऑर्डर यानी दिमागी बीमारी है. चीन के जिस नौजवान की ये कहानी है, उसके पास शादी नहीं करने की अपनी ठोस वजह है. लेकिन बेटे की समस्या मां को समझ नहीं आ रही.
सर्वे में सामने आई ये बात
देश में कई ऐसे परिवार भी हैं. जहां माता-पिता अपने बच्चों की शादी ना होने से परेशान हैं. इससे जुड़ा एक दिलचस्प सर्वे सामने आया है. ये सर्वे मिंट, यूगोव और सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च की ओर से किया गया है, जिसके मुताबिक भारत में चार में से एक युवा शादी करने से कतरा रहे हैं. सर्वे के अनुसार 19 फीसदी मिलेनियल को ना तो शादी में रुचि है ना ही बच्चों में. वहीं आठ फीसदी मिलेनियल बच्चे तो चाहते हैं लेकिन शादी करना नहीं चाहते. यहां आपको बता दें कि मिलेनियल उन लोगों को बोला जाता है जिन की उम्र 23 से 39 साल के बीच है. इसके अलावा सर्वे में ये बात भी सामने आई है कि पोस्ट मिलेनियल यानि 23 साल से कम उम्र के युवा शादी और बच्चों में बिल्कुल रुचि नहीं रखते. इन ट्रेंड में लिंग के अनुसार बेहद कम अंतर है. शादी न करने के फैसले का सबसे बड़ा कारण आर्थिक असुरक्षा है. आपको ये बता दें कि ये सर्वे महामारी के दौरान किया गया है. इसलिए इस सर्वे में भविष्य की अनिश्चितता के कारण ज्यादातर लोगों ने शादी और बच्चों में कम रुचि दिखाई है.