अपने रैपिड इकोनॉमिक ग्रोथ और मॉडर्नाइजेशन के लिए मशहूर दक्षिण कोरिया गंभीर जनसंख्या संकट का सामना कर रहा है. अगर ऐसा ही रहा तो सदी के अंत तक देश की जनसंख्या अपने वर्तमान आकार से एक तिहाई तक घट सकती है.
दक्षिण कोरिया का फर्टिलिटी रेट पहले से दुनिया में सबसे कम है और इसमें लगातार गिरावट देखने को मिल रही है. देश में Extinction को लेकर बहस शुरू हो गई है क्योंकि साउथ कोरिया विलुप्त होने की कगार पर है.
दक्षिण कोरिया की प्रजनन दर में 8% की गिरावट
स्टैटिक्स कोरिया के आंकड़ों से पता चलता कि 2022 की तुलना में 2023 में देश की प्रजनन दर में 8% की गिरावट आई है. विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अगर यही चलता रहा तो दक्षिण कोरिया की 51 मिलियन की आबादी 2100 तक आधी रह जाएगी. राष्ट्रीय जन्म दर 2023 में प्रति महिला 0.72 बच्चों के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गई है और इस साल इसके और गिरकर 0.6 होने की उम्मीद है.
सरकार कौन से कदम उठा रही?
इस स्थिति से निपटने के लिए दक्षिण कोरियाई सरकार माता-पिता को प्रत्येक बच्चे के जन्म के लिए 100 मिलियन वॉन नकद देने का प्लान कर रही है. सरकार अपने बजट का आधा हिस्सा इस योजना पर खर्च करने की प्लानिंग कर रही है. सरकार को उम्मीद है कि इस तरह की योजना से देश की घटती जनसंख्या दर में उछाल आ सकता है. सरकार का एंटी करप्शन और सिविल राइट्स कमीशन योजना को लागू करने से पहले जनता की राय के लिए सर्वे करा रहा है.
फिलहाल दक्षिण कोरिया में माता-पिता को जन्म से लेकर उनके बच्चे के 7 साल का होने तक तरह-तरह के इंसेंटिव और सपोर्ट प्रोग्राम में 35 मिलियन वॉन से 50 मिलियन वॉन तक दिए जाते हैं. इसके अलावा दक्षिण कोरिया में 30 साल की उम्र तक तीन या अधिक बच्चा करने वाले पुरुषों को सैन्य सेवा से छूट, टैक्स में छूट आदि भी दिए जाते हैं.
क्यों खत्म होने की कगार पर है दक्षिण कोरिया?
दक्षिण कोरिया का जनसांख्यिकीय संकट के पीछे कई कारण जिम्मेदार हैं. जिसमें सबसे पहला है कॉस्ट ऑफ लिविंग का लगातार बढ़ना. ऐसे में कपल बच्चे पैदा करने को गिरती क्वालिटी ऑफ लाइफ से जोड़कर देखते हैं. इसके अलावा शहरी महिलाएं परिवार शुरू करने की तुलना में अपने करियर को ज्यादा प्राथमिकता देती हैं. डबल इनकम वाली फैमिली और शिक्षा तक बेहतर पहुंच ने महिलाओं को शादी और बच्चे से दूर रखा है. महिलाएं घर के कामों में भी पुरुषों की बराबर भागीदारी चाहती हैं.
हालांकि दक्षिण कोरिया वही देश है जो जनसंख्या दर को कम करने के लिए 1960 में कई तरह की परिवार नियोजन नीतियों को लागू कर चुका है. उस समय दक्षिण कोरिया की प्रति व्यक्ति आय वैश्विक औसत का केवल 20 प्रतिशत थी, और प्रजनन दर (प्रति महिला छह बच्चे) उच्च थी. 1982 तक आर्थिक विकास के साथ दक्षिण कोरिया की प्रजनन दर गिरकर 2.4 हो गई थी. अगले कुछ दशकों तक प्रजनन दर में तेजी से गिरावट जारी रही. जनसंख्या नियंत्रण के लिए शुरू किया गया प्लान आज दक्षिण कोरिया के अस्तित्व के लिए संकट बन गई है.
आंकड़ों की मानें तो सदी के अंत तक दक्षिण कोरिया की जनसंख्या 52 मिलियन से घटकर केवल 17 मिलियन हो सकती है. ये एक ऐसी स्थिति है जो अर्थव्यवस्था को अस्थिर कर सकती है और सामाजिक चुनौतियों का कारण बन सकती है.