दक्षिण कोरिया ने गुरुवार को उम्र गिनने के अपने सदियों पुराने तरीके को बदलने का कानून पारित किया है. इस नए कानून के आने के बाद आधिकारिक दस्तावेजों में नागरिकों की उम्र 1 या 2 साल कम हो जाएगी. दरअसल, जन्म के समय दक्षिण कोरियाई लोगों की उम्र 1 साल मानी जाती है और नव वर्ष पर एक और साल जोड़ दिया जाता है. कोरियाई लोगों के लिए यह किसी खुशखबरी से कम नहीं है क्योंकि कम से कम कागजों पर तो इन लोगों की उम्र एक-दो साल कम होने जा रही है. दरअसल दक्षिण कोरियाई लोग मां की कोख से ही बच्चे के उम्र की गणना करने लगते हैं.
दक्षिण कोरिया में एज फैक्टर
दक्षिण कोरिया में उम्र की गणना बाकी जगहों की तुलना में अलग तरीके से होती है. दक्षिण कोरिया में जब कोई पैदा होता है तो उसे एक साल का माना जाता है और उसकी उम्र उसके जन्मदिन पर बढ़ने के बजाय हर नए साल के दिन बढ़ती है. इस तरह 31 दिसंबर को जन्मा बच्चा अपनी पैदाइशी के अगले दिन दो साल का माना जाता है. और इसलिए एक कोरियाई व्यक्ति की घोषित उम्र उनकी परंपरा की वजह से हमेशा ज्यादा रहती है. इंटरनेशनल एज के तरीके से हमेशा इनकी उम्र एक या दो साल ज्यादा होती है.
हालांकि दक्षिण कोरिया में सामान्य तरीके से उम्र की गणना वाले सिस्टम का भी पालन किया जाता है जिसमें उम्र का निर्धारण जन्मदिन के आधार पर होता है. यह तरीका अंतरराष्ट्रीय स्तर का है. यही दुनियाभर में प्रचलित है.
उम्र तय करने का तीसरा तरीका भी कोरिया में अमल में लाया जाता है. इसमें जन्म के वक्त बच्चे की उम्र शून्य गिनी जाती है और नए साल पर उसकी उम्र में एक साल जुड़ जाता है. इस तरीके का इस्तेमाल खासतौर पर शराब और सिगरेट के सेवन के लिए लीगल उम्र का पता लगाने के लिए किया जाता है.
उदाहरण के लिए 31 दिसंबर 2002 को जन्म लेने वाला व्यक्ति 8 दिसंबर 2022 तक कोरियाई आयु प्रणाली के तहत 21 और अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली के तहत 20 साल का है. यहां उम्र को लेकर हमेशा से ही कंफ्यूजन की स्थिति बनी रही है क्योंकि तीन तरह से उम्र तय की जाती है. इससे पहले 2019 और 2021 में उम्र को तय करने के लिए अंतरराष्ट्रीय तरीका लागू करने के लिए नेशनल असेंबली में बिल पेश किया गया था, लेकिन यह पास नहीं हो सका.