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Explainer: तलाक की लड़ाई में पेट्स के अधिकार पर स्पेन करेगा विचार, बाकी देशों में पालतू जानवरों को लेकर क्या है कानून

स्पेन के बाद फ्रांस और पुर्तगाल में भी ये कानून लाया जाएगा. दरअसल अदालतों में ये तर्क रखे जा रहे हैं, कोर्ट जानवरों को एक संवेदनशील प्राणी के रूप में मानने ना की किसी वस्तु की तरह. दरअसल स्पेन में ये चलन कानून बनने के पहले से ही था. लेकिन अब इसे कानून बना दिया गया है.

तलाक की लड़ाई में पेट्स के अधिकार पर स्पेन करेगा विचार तलाक की लड़ाई में पेट्स के अधिकार पर स्पेन करेगा विचार
हाइलाइट्स
  • स्विट्जरलैंड में जानवरों को लेकर संवैधानिक कानून

  • स्वीडन में पालतू और जंगली दोनों जानवरों के लिए है कानून

जानवर आज कल हमारे जीवन काफी अहम हिस्सा बनते जा रहे हैं. आज कल लोग अपने पालतू जानवरों को भी अपने बच्चे की तरह ही प्यार करते हैं. लेकिन ज़रा सोचिए अगर कोई कपल तलाक लेते वक्त बच्चों का बटवारा करने के साथ-साथ जानवरों का भी बंटवारा करना शुरू कर दें. सुनने में ये बात आपको भले ही अटपटी लग रही होगी, लेकिन ऐसा हो चुका है. ऐसा स्पेन में हुआ है. स्पेन में पालतू जानवर की बेहतर परवरिश के लिए ये कदम उठाया जा रहा है. जिसके तहत अगर कोई जोड़ा तलाक लेता है या ब्रेक-अप करता है, तो उनके जानवरों का भी बंटवारा होगा. 

स्पेन में पेट्स की कस्टडी़ पर होगा विचार
स्पेन के बाद फ्रांस और पुर्तगाल में भी ये कानून लाया जाएगा. दरअसल अदालतों में ये तर्क रखे जा रहे हैं, कोर्ट जानवरों को एक संवेदनशील प्राणी के रूप में मानने ना की किसी वस्तु की तरह. दरअसल स्पेन में ये चलन कानून बनने के पहले से ही था. लेकिन अब इसे कानून बना दिया गया है. मामले पर रॉयटर्स के हवाले से 42 वर्षीय वकील लोला गार्सिया का कहना है, "जानवर परिवार का हिस्सा हैं और जब कोई परिवार अलग होने का फैसला करता है, तो जानवर को उसी महत्व के साथ नियंत्रित किया जाना चाहिए जैसे परिवार के अन्य सदस्यों को किया जाता है."

अक्टूबर में, मैड्रिड के एक न्यायाधीश ने एक अविवाहित जोड़े को एक कुत्ते की संयुक्त हिरासत दी, जिसने अदालत के फैसले की मांग की थी कि पालतू जानवर को अलग होने के बाद उसके साथ रहना चाहिए. कुत्ता उनमें से प्रत्येक के साथ एक महीना बिताता है और दोनों कानूनी रूप से कुत्ते के जिम्मेदार हैं. इस केस को संभालने वाली गार्सिया मानती हैं कि जानवरों को लेकर जो कानून बदले जा रहे हैं, उसको लेकर ये एक बड़ा और अहम फैसला है.

तो आईए आपको बताते हैं कि अलग-अलग देशों में पालतू जानवरों की देखभाल के लिए क्या प्रावधान है. 

ब्रिटेन में जानवरों की लापरवाही के लिए 51 सप्ताह की जेल की सख्त सजा
यूके के एनिमल वेलफेयर कानून में जानवरों के प्रति क्रूरता और लापरवाही दोनों के लिए सख्त दंड है. सजा में पालतू जानवर रखने पर आजीवन प्रतिबंध, 51 सप्ताह की अधिकतम जेल अवधि और 20,000 पाउंड तक का जुर्माना शामिल है.

स्विट्जरलैंड में जानवरों को लेकर संवैधानिक कानून
स्विट्जरलैंड जानवरों के रहने और काम करने की स्थिति में सुधार करने में अग्रणी है. 1992 में स्विट्जरलैंड संवैधानिक रूप से जानवरों को मान्यता देने वाला पहला देश बन गया, जिसमें 'जानवरों की गरिमा' की सुरक्षा का प्रावधान था. ऐसी गतिविधियां जिन्हें जानवरों की गरिमा के लिए अपमानजनक समझा जाता है, यहाँ कानून द्वारा निषिद्ध हैं. इतना ही नहीं स्विस सरकार कुछ जानवरों को सामाजिक जानवर मानती है और उन्हें जोड़े में रखने का आदेश देती है. एक कुत्ते को भौंकने से रोकना भी यहां अवैध माना जाता है और पालतू जानवरों के मालिकों को अपने पालतू जानवरों की देखभाल करना भी सिखाया जाता है.

स्वीडन में पालतू और जंगली दोनों जानवरों के लिए है कानून
स्वीडन में कानून है कि पालतू जानवरों का वध जानवर को बेहोश करने के बाद किया जाना चाहिए. स्वीडिश जानवर अन्य देशों की तुलना में ज्यादा अच्छे वातावरण में रहते हैं. स्वीडन में तो पालतू जानवरों के साथ-साथ जंगली जानवरों के लिए भी प्रावधान है. स्वीडन में मवेशियों और सूअरों को भूसा खिलाया जाना चाहिए और डेयरी जानवरों को गर्मी के महीनों में चरने के लिए बाहर निकलना बेहद कानूनन जरूरी है.