श्रीलंकाई उपन्यासकार शेहान करुणातिलका (Shehan Karunatilaka) ने अपनी पुस्तक 'द सेवन मून्स ऑफ माली अल्मेडा' (The Seven Moons of Maali Almeida)के लिए फिक्शन 22 के लिए बुकर पुरस्कार (Booker Prize) जीता है. इसमें एक डेड वॉर फोटोग्राफर की कहानी कही गई है जो अपनी मौत के बाद के जीवन में एक मिशन पर है.
मिलते हैं 46 लाख रुपये
लेखक ने 2019 के बाद से अंग्रेजी भाषा के साहित्यिक पुरस्कार के पहले व्यक्तिगत समारोह में क्वीन कंसोर्ट कैमिला से अपनी ट्रॉफी प्राप्त की. उन्हें 50,000 पाउंड (करीब 46 लाख रुपये) का पुरस्कार भी मिला. देश के गृहयुद्ध के दौरान 1990 में श्रीलंका पर आधारित, करुणातिलका का दूसरा उपन्यास समलैंगिक युद्ध फोटोग्राफर और जुआरी, माली अल्मेडा का अनुसरण करता है, जो मरने के बाद जागता है.
शेहन करुणालिका यह पुरस्कार जीतने वाले श्रीलंकाई मूल के दूसरे लेखक हैं. उनसे पहले माइकल ओंडात्जे को साल 1992 में बुकर मिला था. यह पुरस्कार उन्हें 'द इंग्लिश पेशेंट उपन्यास' के लिए मिला था. बुकर प्राइज साहित्य की दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक है.
क्या कहती है कहानी?
'द सेवन ऑफ माली अल्मेडा' एक माली जिसका नाम अल्मेडा है की है. वह पेशे से एक फोटोग्राफर होता है. साल 1990 में अपनी मौत को बाद वो स्वर्ग के वीजा कार्यालय की तरह दिखने वाली एक जगह पहुंचता है. वह यह नहीं जानता कि उसे किसने मारा. माली के पास उन लोगों से संपर्क करने के लिए सात चांद हैं, जिन्हें वो सबसे ज्यादा प्यार करता है. इन सभी बातों के बीच उसे देश में गृहयुद्ध के अत्याचारों से जुड़ी कई तस्वीरों का एक जखीरा मिलता है, जो अगर सामने आ जाए तो देश को झकझोर कर रख देगा.
करुणातिलक ने पुरस्कार स्वीकार करते हुए कहा, ''यह किताब मैंने आपके लिए लिखी है. यह ऐसे समय में जीत है, जब देश ने बहुत कुछ खोया है. लेकिन आइए इस जीत को स्वीकार करें और टी20 विश्व कप जीतें.'' उन्होंने कहा, ‘मुझे आशा है कि वह दिन अब बहुत दूर नहीं रह गया है. श्रीलंका समझ गया है कि भ्रष्टाचार और नस्लवाद तथा साठगांठ के इन विचारों ने काम नहीं किया है और कभी भी काम नहीं करेंगे.’
साल 2011 में आया था पहला उपन्यास
करुणातिलक का जन्म श्रीलंका के गाले में 1975 में हुआ था. कोलंबो में पले-बढ़े करुणातिलक ने कहा कि श्रीलंका के लोग संकट के समय में भी हास-परिहास करने में माहिर होते हैं. उनका पहला उपन्यास 2011 में आया था, जिसे राष्ट्रमंडल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. इसका आयोजन लंदन में राउंडहाउस में किया गया. यहां उनके साथ इस साल के अन्य चयनित लेखक शामिल रहे. बुकर प्राइज फाउंडेशन के निदेशक गैबी वुड ने कहा, ‘इस साल बुकर पुरस्कार के निर्णायकों ने शानदार टीम बनाई है. उन्होंने दुनिया के विभिन्न हिस्सों में लिखे गये 170 उपन्यास पढ़े.’कैमिला ने ब्रिटेन की महारानी का दर्जा मिलने के बाद अपने पहले सार्वजनिक कार्यक्रम के रूप में इस समारोह में हिस्सा लिया.