कोरोना महामारी के लगभग दो साल बाद ईरान की राजधानी से एक खूबसूरत तस्वीर सामने आई है. करीब 20 महीनें बाद राजधानी तेहरान में पहली बार लोगों ने इकट्ठा हो कर जुमे की नमाज अदा की. नमाजियों के लिए तमाम जरूरी सुरक्षा के इंतजाम किए जा चुके हैं, जो कोविड प्रोटोकॉल को मद्देनजर रखते हुए बनाए गए हैं.
ईरान के नेशनल कोरोना वायरस टास्कफोर्स ने दी नमाज़ की इजाज़त
ईरान के नेशनल कोरोना वायरस टास्कफोर्स ने सार्वजनिक नमाज़ की इजाज़त दी है. टास्कफोर्स के आदेश पर ही इसे बंद किया गया था. राजधानी के अलावा ईरान के दूसरे शहरों में भी जुमे की नमाज अदा की गयी. खास तौर से छोटे शहरों में नमाज के लिए भारी संख्या में लोग इकट्ठा हुए. आपको बता दें कि मस्जिदों में अक्टूबर की शुरूआत से इस तरह का आयोजन करने की छूट दी जा चुकी है.
धार्मिक नेताओं के एक साथ इकट्ठा होने से शुरू की गई नमाज़
ईरान में इंटरनेशनल इस्लामिक युनिटी कांफ्रेंस का आयोजन किया जा रहा है,और 400 से ज्यादा मुस्लिम विद्वान और धार्मिक नेता इसमें हिस्सा लेने के लिये तेहरान में हैं जिस के चलते भी नमाज़ की शुरूआत की गई है.
मिडिल ईस्ट में कोरोना की मार झेलने वाले देशों में ईरान सबसे आगे
तेहरान में कोरोना वायरस की मार की वजह से नमाजों पर पांबदी लगा दी गई थी, मिडिल ईस्ट वाले देशों में कोरोना का गहरा असर पड़ा था, साल 2019 में तेहरान में जहां 124,700 लोगों की मौत हुई थी, तो वहीं 4,400 लोगों को कोरोना की वजह से हॉस्पिटल में एडमिट करना पड़ा था. ईरान में अगले हफ्ते ही 80 मिलियन लोगो को टीका लगाया जा चुका है, िसमें 27.6 मिलियन लोगों को कोरोना की दूसरी डोज भी लगाई जा चुकी है.
विदेशी वैक्सीन के साथ देसी कोव-बरकत वैक्सीन का इस्तेमाल कर रहा ईरान
आपको बता दें कि ईरान में रूसी वैक्सीन स्पूतनिक वी, ब्रिटिश वैक्सीन एस्ट्राजेनेका के अलावा चीन की वैक्सीन सिनोफार्म (Sinopharm) का इस्तेमाल किया जा रहा है , वहां पर ईरानी वैक्सीन CovBarekat vaccines भी इस्तेमाल में लाई जा रही है.