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गांजा लीगल करने वाला एशिया का पहला देश बना थाईलैंड, सार्वजनिक स्मोकिंग पर पाबंदी

थाईलैंड ने मारिजुआना यानि गांजा या भांग को पूरी तरह से लीगल कर है. गांजा को लीगल करने वाला थाईलैंड एशिया का पहला देश बन गया है.

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हाइलाइट्स
  • थाईलैंड में मारिजुआना हुआ लीगल

  • कनाडा और उरुग्वे में भी लीगल है गांजा

थाइलैंड में गांजा को अब पूरी तरह से लीगल कर दिया गया है. लेकिन वहीं स्मोकिंग करने वालों के लिए अच्छी खबर नहीं है. थाइलैंड में मरीजूआना (गांजा) लीगल होना इस जेनेरेशन के लिए सपने का सच होने जैसा है. थाईलैंड में मरीजुआना को लीगल करने को लेकर देश के स्वास्थ्य मंत्री ने घोषणा किया. इस घोषणा के बाद गुरुवार को अधिवक्ताओं ने एक दुकान से मरीजुआना खरीदकर अपनी खुशी जाहिर किया. वहीं थाईलैंड एक वीड वंडरलैंड में बदल रहा है. थाईलैंड में मरीजुआना के लीगल होने पर वहां के गांजा के दुकानों पर लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई. 

गांजा का सार्वजनिक धूम्रपान करने पर लगेगा जुर्माना 
मरीजुआना को लीगल करने को लेकर थाईलैंड की सरकार ने कहा कि वह केवल उसे मेडिकल इस्तेमाल के लिए बढ़ावा दिया जा रहा है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मारिजुआना को सार्वजनिक रूप से धूम्रपान करना अभी भी वर्जित रहेगा. इसे सार्वजनिक रूप से लेने पर उपद्रव के श्रेणी में लिया जाएगा. इसके साथ ही ऐसा करते हुए पाए जाने पर उन्हें 3 महीने की सजा और 25000 थाई बहत (करीब 780 डॉलर) जुर्माना लगाया जाएगा. 

गांजा लीगल करने वाला एशिया का पहला देश बना थाईलैंड 
थाईलैंड एशिया का पहला देश बन गया है जहां पर मारिजुआना को लीगल कर दिया गया है. लेकिन इसे सार्वजनिक रूप से लेने पर पाबंदी लगाई गई है. मारिजुआना यानि भांग या गांजा को उरुग्वे और कनाडा की तरह पूरी तरह से वैध नहीं किया है. उरुग्वे और कनाडा में गांजा को राष्ट्रीय स्तर पर वैध बनाया गया है. लीगल होने के बाद थाईलैंड के बाजार में गांजा धूम मचाने के लिए तैयार है. वहां का वातावरण गांजा उगाने के लिए उपयुक्त माना जाता है. 

गांजा लीगल होने पर छोटे किसानों को भी होगा लाभ 
गांजा को थाईलैंड में लीगल करने को लेकर स्वास्थ्य मंत्री Anutin Charnvirakul ने कहा कि गांजा सोने की तरह ही कुछ मूल्यवान है, और इसे बढ़ावा दिया जाना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर यह उपद्रव का कारण बनता है, तो हम उस कानून का उपयोग कर सकते हैं. इसके साथ ही गांजा के नियमों में  सुधारों के बाद केंद्र को इससे आर्थिक लाभ होगा. जो राष्ट्रीय आय से लेकर छोटे किसानो की आजीविका तक को बढ़ावा देना का भी अनुमान लगाया जा रहा है.