![जेरुसलम के चर्च ऑफ द होली सेपल्कर की चाबी एक मुस्लिम परिवार के पास है (Photo/Wikipedia) जेरुसलम के चर्च ऑफ द होली सेपल्कर की चाबी एक मुस्लिम परिवार के पास है (Photo/Wikipedia)](https://cf-img-a-in.tosshub.com/lingo/gnt/images/story/202310/uptet_result_2021_-_2023-10-09t115605.702-sixteen_nine.jpg?size=948:533)
जेरुसलम एक ऐसा शहर है, जिसमें तीन धर्मों के मुख्य धार्मिक स्थल है. इस शहर में ईसाई, यहूदी और मुसलमानों के धार्मिक स्थल हैं. यहूदियों की सबसे पवित्र मंदिर सेकेंड टेंपल की वेस्टर्न वॉल इसी शहर में है, जबकि ठीक उसके ऊपर मुसलमानों की अल-अलक्सा मस्जिद है. इसके पास ही डॉम ऑफ दी रॉक है, जो इस्लाम की तीसरी सबसे पवित्र धार्मिक जगह है. इस जगह ईसाई धर्म की भी एक पवित्र चर्च है. उनकी मान्यता है कि ईसा मसीह को क्रूसीफाई किया गया और जिस जगह उनका पुनर्जन्म हुआ था, वो यही जगह है. इस जगह पर एक चर्च है. जिसे द होली सेपल्कर चर्च कहा जाता है. इसी चर्च की चाबी पिछले 800 सालों से एक मुस्लिम परिवार के पास है.
मुसलमान फैमिली के पास चर्च की चाबी-
ईसाई धर्म की सबसे पवित्र धार्मिक स्थल चर्च ऑफ द होली सेपल्कर की चाबियां एक मुसलमान परिवार के पास हैं. ये परंपरा 800 सालों से चली आ रही है. जौदेह फैमिली का कोई शख्स सुबह इस चर्च को खोलता है और फिर शाम को चर्च बंद करके चाबी अपने घर लेकर जाता है. ये चाबी 12 इंच लंबी है. जिसमें त्रिकोणीय धातु का हैंडल और चौकोर सिरा है.
मुस्लिम परिवार के पास क्यों है चर्च की चाबी-
चर्च ऑफ द होली सेपल्कर ईसाई धर्म की सबसे पवित्र धार्मिक जगह मानी जाती है. हालांकि ईसाई धर्म कई संप्रदायों में बंटा हुआ है और सभी का दावा इस पवित्र जगह पर है. इसमें अर्मेनियाई ऑर्थोडॉक्स, ग्रीक ऑर्थोडॉक्स, रोमन कैथोलिक संप्रदाय शामिल हैं. इसलिए उस समय चर्च ऑफ द होली सेप्लकर के तटस्थ संरक्षक की जरूरत महसूस की गई और ये जिम्मेदारी जौदेह परिवार पर आ गई. उसके बाद से लगातार ये परिवार इस जिम्मेदारी को उठाता आया है.
जौदेह परिवार में अलग-अलग लोगों के पास अलग-अलग जिम्मेदारी है. एक शख्स के पास चाबी रखने की जिम्मेदारी है तो दूसरे के पास दरवाजा खोलने और पादरियों को चर्च में प्रवेश की इजाजत देने की जिम्मेदारी है.
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