scorecardresearch

UK Marriage Age: इंग्लैंड और वेल्स में बदल गया शादी की उम्र का कानून, जानिए नए नियम में क्या कुछ है

England and Wales Legal Marriage Law: इंग्लैंड और वेल्स में शादी की न्यूनतम उम्र बदल दी गई है. अब 18 साल से कम उम्र की शादी गैर-कानूनी घोषित हो गई है. हालांकि इस कानून से स्कॉटलैंड और उत्तरी आयरलैंड में विवाह की उम्र में बदलाव नहीं होगा. सरकार का तर्क है कि इस कानून से युवाओं की जबरन शादी को रोकने में मदद मिलेगी.

इंग्लैंड और वेल्स में शादी की उम्र 18 साल की गई (फाइल फोटो) इंग्लैंड और वेल्स में शादी की उम्र 18 साल की गई (फाइल फोटो)

इंग्लैंड और वेल्स में शादी को लेकर कानून में बड़ा बदलाव किया गया है. देश में शादी की उम्र को लेकर नया कानून लागू हो गया है. नए कानून के मुताबिक शादी की उम्र 18 साल हो गई है. अब माता-पिता की मंजूरी के बावजूद भी 18 साल से पहले शादी नहीं हो सकती है. अगर कोई ऐसा करता है तो वो गैर-कानूनी होगा. अब तक इंग्लैंड में शादी के लिए उम्र कम से कम 16 साल थी. आपको बता दें कि विवाह और नागरिकता भागीदारी अधिनियम 2022 को पिछले साल अप्रैल में शाही मंजूरी मिली थी.

जबरन विवाह पर लगेगी रोक-
नए कानून को लागू करने के पीछे ये तर्क दिया जा रहा है कि इस कानून का मकसद युवाओं को उनकी मर्जी के खिलाफ जबरन शादी करने से बचाना है. अब तक इंग्लैंड और वेल्स में माता-पिता की मंजूरी से 16 या 17 साल की उम्र में बच्चों की शादी कर दी जाती थी. लेकिन अब इसपर कानूनी तौर पर रोक लग गई है. अब किसी भी हालात में 18 साल से पहले शादी नहीं हो सकती है. ज्यादातर लड़कियां जबरन विवाह की शिकार होती रही हैं.

जबरन शादी कराने पर होगी सजा-
नए कानून के मुताबिक नाबालिग की शादी करना गैर-कानूनी घोषित कर दिया गया है. अगर कोई इस कानून को तोड़ता पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी. अगर कोई बच्चों की शादी कराता है तो उसे 7 साल तक की सजा हो सकती है.

UN के संकल्प को पूरा करने के लिए बदलाव-
इंग्लैंड के उपप्रधान मंत्री डॉमिनिक रैब ने कहा कि इस कानून से हमारे समाज के युवाओं को सुरक्षा मिलेगी. जो लोग कम उम्र में बच्चों की शादी करने की कोशिश करेंगे, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. सरकार का कहना है कि 2030 तक बाल विवाह को खत्म करने के लिए संयुक्त राष्ट्र में लिए गए संकल्प को पूरा करने के लिए कानून में बदलाव किया गया है.

इस कानून का हो रहा स्वागत-
कई संगठनों ने देश में इस कानून के लागू होने का स्वागत कर रहे हैं. कर्म निर्वाण चैरिटी की डायरेक्टर नताशा रत्तू ने कहा कि बाल विवाह कानून में बदलाव एक बड़ी जीत है. पिछले साल बाल विवाह के 64 मामले सामने आए थे. नताशा ने कहा कि अब ये कानून इस तरह की शादियों को रोकने में मददगार होगा. उन बच्चों को भी सुरक्षा मिलेगी, जो जबरन शादी के शिकार हो जाते थे. उनका कहना है कि बाल विवाह की ज्यादातर शिकार लड़कियां होती हैं. उनको कम उम्र में पढ़ाई छोड़ने, घरेलू दुर्व्यवहार, शारीरिक और मानसिक तनाव से गुजरना पड़ता है.

ये भी पढ़ें: