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War Plan Red: America ने बनाया था Canada पर कब्जे का प्लान, जानिए इस योजना के बारे में सबकुछ

अमेरिका ने 1930 के दशक में वॉर प्लान रेड बनाया था. इसमें ब्रिटेन के साथ काल्पनिक युद्ध के हालातों को दिखाया गया था. इस योजना में माना गया था कि अगर दोनों देशों के बीच युद्ध होता है तो ब्रिटेन कनाडा में अपने बेस का इस्तेमाल स्प्रिंगबोर्ड के तौर पर करेगा. इस स्थिति में अमेरिका के कनाडा पर हमले की योजना तैयार थी.

Flag of America and Canada (Photo/Meta AI) Flag of America and Canada (Photo/Meta AI)

अमेरिका और कनाडा की दोस्ती भले ही आज एक मिसाल हो, लेकिन एक दौर ऐसा भी था, जब अमेरिका ने कनाडा पर हमला करने और कब्जा करने का प्लान बना लिया था. ये वाक्या 1930 के दशक का है. उस समय अमेरिका ने 'वॉर प्लान रेड' नाम से एक प्लान बनाया था. लेकिन इस योजना को अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका. बाद में दोनों देशों में गहरी दोस्ती हो गई. चलिए आपको बताते हैं कि ये प्लान क्या था और क्यों अमेरिका कनाडा पर कब्जा करना चाहता था.

क्या था वॉर प्लान रेड-
1930 के दशक में दुनिया एक बड़े युद्ध की तरफ बढ़ रही थी. ब्रिटेन उस वक्त एक मजबूत औपनिवेशिक ताकत था, जिसकी कई देशों पर पकड़ थी. उस समय कनाडा ब्रिटेन का सहयोगी था. अमेरिका को यह डर था कि अगर उसका ब्रिटेन से झगड़ा हुआ, तो कनाडा ब्रिटेन की मदद करेगा. इसलिए अमेरिका ने 'वॉर प्लान रेड' बनाया. इस योजना का मकसद था कि अगर कभी युद्ध के हालात बनते हैं तो पहले कनाडा को कब्जे में लिया जाए.

क्या थी अमेरिका की तैयारी-
इस प्लान के तहत अमेरिका के आर्मी लीडर ने कनाडा पर हमले के लिए विशेष सेनाओं को तैनात करने की योजना बनाई थी. इसके साथ ही कनाडा के कई शहरों और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाना था, ताकि वहां की सरकार को पूरी तरह से नष्ट किया जा सके और कनाडा की सरकार को अमेरिकी सरकार के तहत आना पड़े.

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जवाबी हमले की तैयारी में था कनाडा-
जब अमेरिका के 'वॉर प्लान रेड' की भनक कनाडा को लगी तो वहां की सरकार एक्टिव हो गई. कनाडा के एक अधिकारी ने एक योजना बनाई. इस योजना के तहत कनाडा की सेना ने तय किया कि अगर अमेरिका उनपर हमला करने का फैसला करता है तो इस हालात में बिना किसी देर किए अमेरिका में हमला बोल दिया जाएगा. अमेरिका के बड़े शहरों वॉशिंगटन और न्यूयॉर्क जैसे शहरों को निशाना बनाने का प्लान तैयार किया गया.

क्यों नहीं पड़ी युद्ध की जरूरत-
अमेरिका और कनाडा ने युद्ध के लिए अपनी-अपनी तैयारी कर ली थी. लेकिन युद्ध की नौबत नहीं आई. इसके पीछे कई कारण थे. चलिए आपको उन कारणों के बारे में बताते हैं.

दोनों देश अपने-अपने प्लान के साथ तैयार थे. लेकिन इस बीच यूरोप के एक नई मुसीबत आ गई. जर्मनी में तानाशाह हिटलर का उदय होने लगा. जल्द ही दूसरा विश्वयुद्ध शुरू हो गया. इस लड़ाई में अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा एक ही खेमे से युद्ध में उतरे. ये देश एकसाथ मिलकर काम करने लगे और इस तरह से इन देशों के बीच युद्ध का खतरा टल गया.

दूसरे विश्व युद्ध के बाद यूरोप और ब्रिटेन कमजोर हो गए. अमेरिका दुनिया का सबसे ताकतवर मुल्क बनकर उभरा. अब उसे कनाडा और ब्रिटेन से कोई खतरा नहीं था. इसलिए कनाडा पर कब्जे का कोई मतलब नहीं था.

साल 1949 में नाटो (NATO) नाम का संगठन बना. जिसमें अमेरिका, कनाडा और ब्रिटेन शामिल हुए. इसके बाद इन देशों के बीच संबंध और मजबूत हो गए.

(ये स्टोरी निहारिका सिंह ने लिखी है. निहारिका GNTTV.COM में बतौर इंटर्न काम करती हैं)

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