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सीलोम से श्रीलंका बना, तुर्की से तुर्किये: जानिए कभी टूरिज्म तो कभी आजादी के लिए बदले इन देशों ने अपने नाम

सोचिये जब नागरिक होकर हमें अपना नाम बदलने में इतनी परेशानी है तो क्या कोई अपने देश का नाम बदलने की सोच सकता है. शायद नहीं क्योंकि देश का नाम बदलने से सिर्फ उस देश को नहीं बल्कि अन्य देशों पर भी थोड़ा-बहुत तो फर्क पड़ेगा. क्योंकि ग्लोबल लेवल पर सभी देशों को उस देश के नए नाम को अपनाना होगा. कभी लेकिन इसके बावजूद बहुत से देश हैं जिन्होंने अपने नाम बदले हैं.

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हाइलाइट्स
  • इन देशों ने बदले हैं अपने नाम

  • कुछ ने टूरिज्म बढ़ाने के लिए तो किसी ने दुश्मनी क कारण बदला नाम

हर किसी के लिए उनका नाम बहुत खास होता है. क्योंकि नाम से ही तो इंसान की पहचान होती है. घर में कई बार बच्चों को प्यार से अलग-अलग नामों से बुलाया जाता है. लेकिन आधिकारिक तौर पर हर किसी का एक ही नाम होता है जो आपके स्कूल सर्टिफिकेट से लेकर सभी तरह के लीगल डाक्यूमेंट्स में एक ही रहता है. 

और अगर जीवन में किसी मोड़ पर आप अपना नाम बदलना चाहें तो? बहुत से लोग ऐसा करने की सोचने से पहले इसकी प्रक्रिया के बारे में सुनकर ही डर जाते हैं. क्योंकि कम से कम भारत में तो अपना नाम बदलना बहुत आसान काम नहीं है. क्योंकि अगर एक बार अपना नाम लीगल अथॉरिटी रखने वाले किसी डॉक्यूमेंट में दर्ज हो गया तो इसे बदलवाना बहुत मशक्क्त का काम है. 

अब सोचिये जब नागरिक होकर हमें अपना नाम बदलने में इतनी परेशानी है तो क्या कोई अपने देश का नाम बदलने की सोच सकता है. शायद नहीं क्योंकि देश का नाम बदलने से सिर्फ उस देश को नहीं बल्कि अन्य देशों पर भी थोड़ा-बहुत तो फर्क पड़ेगा. क्योंकि ग्लोबल लेवल पर सभी देशों को उस देश के नए नाम को अपनाना होगा.

लेकिन इसके बावजूद बहुत से देश हैं जिन्होंने अपने नाम बदले हैं. और इस काम के लिए करोड़ों रुपए खर्च भी किये हैं. कई बार इन देशों के नाम में हम खुद कंफ्यूज़ हो जाते हैं कि क्या लिखें. तो आइये आज आपको बताते हैं उन देशों के बारे में जिन्होंने अपने नाम बदले हैं. 

1. तुर्की (तुर्किये)

तुर्की के राष्ट्रपति रेचप तैयप एर्दोगन ने हाल ही में अपने देश का नाम तुर्की से बदलकर तुर्किये रखा है. बताया जा रहा है कि साल 1923 में पश्चिमी देशों के कब्ज़े से आज़ाद होने के समय इस देश को ‘तुर्किये’ के नाम से ही जाना जाता था. 

लेकिन बाद में कुछ कारणों से इसका नाम तुर्की कर दिया गया. अब हाल ही में इस देश के राष्ट्रपति ने नाम बदलने का फैसला किया. उनका कहना है कि 'तुर्किये' शब्द तुर्की राष्ट्र की संस्कृति, सभ्यता और मूल्यों को बेहतरीन तरीके से दर्शाता और व्यक्त करता है.2.

2. मेसेडोनिया गणराज्य (उत्तरी मेसेडोनिया गणराज्य)

मेसेडोनिया गणराज्य ने फ़रवरी 2012 में अपने देश का नाम बदला और इसे ‘उत्तरी मेसेडोनिया’ कर लिया. बताया जाता है कि इसके पीछे की वजह NATO का हिस्सा बनना था. और अपने पड़ोसी देश ग्रीस से अलग दिखना था. क्योंकि ग्रीस में एक इलाके का नाम मेसेडोनिया है. 

उनके इस फ़ैसले के बाद ग्रीस से चला आ रहा उनका सालों पुराना विवाद भी शांत हो गया. 

3. चेक गणराज्य (चेकिया)

चेक गणराज्य का नाम अप्रैल 2016 में बदलकर चेकिया रखा गया. यह मध्य यूरोप का देश है और इसे पहले 'बोहेमिया' के नाम से भी जाना जाता था. लेकिन कंपनियों के व्यापार, स्पोर्ट्स इवेंट्स में भागीदारी में देश के नाम को सुविधापूर्ण बनाने के लिए देश का नाम बदल लिया गया था. 

और फिलहाल इसका ऑफ़िशियल नाम चेक गणराज्य ही रहेगा. लेकिन इसका शॉर्ट ऑफ़िशियल नाम चेकिया रख दिया गया है. 

4. स्वाज़ीलैंड (एस्वातीनी)

वैसे तो राजशाही व्यवस्था ज़्यादातर पूरी दुनिया से ख़त्म हो चुकी है. लेकिन अफ़्रीका में एक ऐसा देश है, जहां राजशाही सत्ता चलती है. और यह देश है स्वाज़ीलैंड. 

इस देश की आज़ादी को 54 साल पूरे हो चुके हैं. साल 2018 में अपनी आजादी के 50वें उत्सव पर यहां के राजा ने देश का नाम बदलकर ‘एस्वातीनी’ रख दिया था. हालांकि यह स्वाज़ीलैंड का उनकी लोकल भाषा में ट्रांसलेशन ही है. 

5. हॉलैंड (द नीदरलैंड्स)

क्या आपको पता है कि हॉलैंड ही ‘द नीदरलैंड्स’ है? जी हां, कई बार लोगों को लगता है कि ये दो अलग देश हैं. लेकिन ऐसा है नहीं. क्योंकि जनवरी 2020 में हॉलैंड की सरकार ने अपने देश का नाम बदलकर ‘द नीदरलैंड्स’ रखने का फ़ैसला किया था. 

अब द नीदरलैंड्स के दो क्षेत्र हैं- साउथ हॉलैंड और नॉर्थ हॉलैंड. ऐसा करने की वजह कोई मार्केटिंग मूव बताई जा रही है. उनका कहना है कि वे अपने देश को प्रगतिशील और लिबरल देश के रूप में प्रस्तुत करना चाहते हैं. 

6. सीलोन (श्रीलंका)

भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका ने भी अपना नाम बदला है. बताया जाता है कि साल 1505 में पुर्तगालियों ने Ancient Ceylon नामक द्वीप की ख़ोज की थी. बाद में यह ब्रिटिश साम्राज्य का हिस्सा बन गया. और साल 1948 में ब्रिटिश शासन से इसे आज़ादी मिली. 

हालांकि, तब तक भी इसे सीलोन ही कहा जाता था. लेकिन साल 1972 में जब सीलोन एक गणतंत्र देश बना, तब यहां की सरकार ने इसका नाम सीलोन से बदलकर श्रीलंका रख दिया. इसके बाद साल 2011 में सभी आधिकारिक दस्तावेजों और अन्य चीजों से पुराने नाम के रेफ़्रेन्स हटा दिए गए. 

इसका मतलब है 'स्वाज़ी की भूमि.’ बताया जाता है कि पहले बहुत से लोग स्वाज़ीलैंड को स्विज़रलैंड भी समझ लेते थे. लेकिन अब यह सारा कंफ्यूज़न दूर हो गया है.

7. सियाम (थाईलैंड)

थाईलैंड को 1939 के पहले तक सियाम नाम से जाना जाता था. उस दौरान यहां राजशासन हुआ करता था. लोकल भाषा में इस देश को ‘Prathet Thai’ कहते हैं, जिसका मतलब होता है 'आज़ाद लोगों का देश'. क्योंकि यह लोगों के लिए ट्रिब्यूट हैं जो सबसे पहले यहां बसे थे. उन्होंने इस देश में चीन से आज़ाद होकर शरण ली थी. 

8. आयरिश मुक्त राज्य (आयरलैंड)

साल 1937 में यूनाइटेड किंगडम से सभी संबंधों को तोड़ने के लिए आयरिश मुक्त राज्य ने अपना नाम बदलकर आयरलैंड रख लिया था. इन दोनों देशों के बीच दो सालों तक घमासान युद्ध चला था.

9. बर्मा (म्यांमार)

बर्मा और म्यांमार में कौन कंफ्यूज़ नहीं होता ही. बहुत से लोगों को इस देश के पुराने और नए नाम में कन्फ्यूज़न रहती है कि कौन-सा पुराना नाम है और कौन-सा नया. हालांकि, इस देश को पहले बर्मा कहा जाता था. 

लेकिन 1989 में इसका नाम बदलकर म्यांमार कर लिया गया था. पर इसका काफ़ी विद्रोह हुआ और इसके एक साल बाद विद्रोह के चलते यहां हज़ारों लोग मारे गए थे. इस देश का इतिहास हिंसा से भरा रहा है. 

और अंतराष्ट्रीय स्तर पर अपनी छवि सुधारने के लिए देश की सेना ने इसका नाम बर्मा से बदलकर म्यांमार रख दिया था. हालांकि सेना द्वारा दिए गए नए नाम को अमेरिका ने अभी तक भी स्वीकार नहीं किया है. वॉशिंगटन आज भी इस देश को बर्मा ही कहता है. 

10. फ़ारस (ईरान)

मार्च 1935 से पहले पश्चिमी दुनिया में ईरान को फ़ारस नाम से जाना जाता था. फ़ारसी भाषा में इसे ईरान कहा जाता है. साल 1935 में सरकार ने उन देशों से अपने देश को ‘ईरान’ कहकर संबोधित करने को कहा, जिनके साथ उनके राजनयिक संबंध थे.