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Japan: डीजल, पेट्रोल और कोयला नहीं सूप से चलती है यह ट्रेन, बच्‍चे-बुजुर्ग सबको पसंद आ रही इको-फ्रेंडली रेल, सैकड़ों लोग रोज करते हैं यात्रा

Eco Friendly Train: डीजल, पेट्रोल, कोयला और इलेक्ट्रिक से ट्रेनों को चलते तो सभी ने देखा है लेकिन जापान में एक ट्रेन सूप से चलती है. इस इको-फ्रेंडली ट्रेन से सैकड़ों यात्री रोज यात्रा करते हैं. आइए इस ईंधन और ट्रेन की खासियत के बारे में जानते हैं.

जापान की यह ट्रेन सूप से चलती है (फोटो ट्विटर) जापान की यह ट्रेन सूप से चलती है (फोटो ट्विटर)
हाइलाइट्स
  • जापान के मियाजाकी प्रान्त में चलती है यह ट्रेन

  • इससे यात्रा करने के लिए लगी रहती है भीड़ 

पूरी दुनिया में जापान अपनी टेक्नोलॉजी के लिए जाना जाता है. रेल के मामले में इस देश का कोई सानी नहीं है. इसे हाईटेक और शानदार ट्रेनों का घर माना जाता है. जापान कई देशों को बुलेट ट्रेनों की सप्लाई करता है या टेक्नोलॉजी देता है. यहां की ट्रेनों में गजब की सुविधा होती है. अभी यहां घूमने जाने वाले लोगों को एक खास ट्रेन अपनी खासियत की वजह से खूब पसंद आ रही है. जी हां, मियाजाकी प्रान्त में खूबसूरत नजारे दिखाने वाली आमातेरासू ट्रेन डीजल, पेट्रोल, कोयला और इलेक्ट्रिक से नहीं बल्कि एक खास ईंधन से चलती है. वो ईंधन है रेमन सूप ( रेमन शोरबा), जो जापान के लोगों का पसंदीदा सूप है. इस इको-फ्रेंडली ट्रेन को ऊर्जा देने के लिए इस्तेमाल किए गए तेल और बचे हुए शोरबे को बायोडीजल में बदला जाता है.

रेस्‍टोरेंट से रेमन सूप किया जाता है एकत्र 
निशिदा लॉजिस्टिक्स नामक एक जापानी परिवहन कंपनी इस ईंधन को बना रही है. कंपनी का कहना है कि लोग ज्यादातर नूडल्स खाते हैं. शोरबा (सूप) अक्सर कटोरे में पीछे रह जाता है, जिसे ज्यादातर मामलों में छोड़ दिया जाता है. कंपनी ने इस बर्बादी का एक अनोखा उपाय निकाला है. उन्होंने जापान में एक पर्यटक-विशेष ट्रेन आमातेरासू को चलाने के लिए ईंधन का उत्पादन करने के लिए रेमन शोरबा का उपयोग किया है. रेमन शोरबा नामक इस बायोडीजल को शहर के दो हजार रेस्‍टोरेंट से एकत्र किया जाता है. 90 फीसदी ईंधन कुकिंग ऑयल से और बाकी 10 फीसदी बचे हुए रेमन शोरबा से बनता है. इस वसायुक्‍त सूप को बायोडीजल में बदलने के लिए फैट को इस तरह रिफाइन किया जाता है कि वो गाढ़ा न हो.

आती है खुशबू
पर्यटक इस खुली ट्रेन में सफर करना पसंद करते हैं क्‍योंकि इसमें भीनी खुशबू भी आती है. यात्री अक्‍सर पूछते हैं कि अगल-बगल कोई रेस्‍टोरेंट तो नहीं. खास बात यह बायोडीजल पूरी तरह से भरी हुई अमेतरासु ट्रेन को चलाने के लिए पर्याप्‍त होता है और इसकी लागत भी डीजल आद‍ि के बराबर ही आती है. फायदा यह होता है कि रेस्‍टोरेंट में बचा हुआ पूरा खाना इसमें इस्‍तेमाल हो जाता है.

पर्यावरण को कम नुकसान
पारंपरिक ईंधन की तुलना में रेमन ईंधन पर्यावरण के लिए कम हानिकारक है. अमेतरासु ट्रेन में अधिकतम 60 यात्री बैठ सकते हैं. ट्रेन में गुलाबी रंग के डिब्‍बे लगे हुए हैं. यह पर्यटकों को ताकाचिहो शहर के भ्रमण पर ले जाती है और आधे घंटे बाद लौटती है. इस दौरान यात्रियों को सुंदर पहाड़, धान के खेत और जापान के सबसे ऊंचे ट्रेन पुल का नजारा दिखता है. रोजाना हजारों लोग इस ट्रेन का सफर करते हैं.