scorecardresearch

Titanic Expedition: एकबार फिर से टाइटैनिक की बची हुई कलाकृतियां निकालने की हो रही है बात, जानें आखिर क्यों अमेरिका कर रहा है इसका विरोध?

Titanic Expedition: 1912 में साउथेम्प्टन से न्यूयॉर्क की अपनी पहली यात्रा के दौरान टाइटैनिक जहाज एक बर्फ के टुकड़े से टकराकर डूब गया था. इसमें सवार 2,208 यात्रियों और चालक दल में से 1,500 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी.

टाइटैनिक टाइटैनिक
हाइलाइट्स
  • मलबे से कलाकृतियां निकालने की है योजना 

  • 1912 में डूबा था टाइटैनिक 

कई साल पहले उत्तरी अटलांटिक सागर में दुनिया का सबसे बड़ा जहाज उतरा था. हालांकि, टाइटैनिक नाम का ये जहाज डूब गया था जिसमें कई मौतें हुई थीं. इस जहाज को लेकर अब तक जिज्ञासा बनी हुई है. अब एक और कंपनी ने टाइटैनिक अभियान पर जाने की बात कही है. लेकिन अमेरिका इसका विरोध कर रहा है. अमेरिका के मुताबिक, वह जगह एक कब्रगाह है. अमेरिकी सरकार ने इस टाइटैनिक अभियान को रोकने के लिए संघीय कानून और अंतरराष्ट्रीय संधियों का हवाला दिया है.

इस कंपनी के पास हैं इसे बचाने के अधिकार 

इस अभियान का आयोजन जॉर्जिया स्थित फर्म आरएमएस टाइटैनिक इंक (RMST) कर रही है. इस कंपनी के पास ही दुनिया के सबसे प्रसिद्ध जहाज के मलबे को बचाने का अधिकार है. ये कंपनी चांदी के बर्तन से लेकर टाइटैनिक के पतवार के टुकड़े तक उन कलाकृतियों का प्रदर्शन करती है जो उत्तरी अटलांटिक के तल पर साइट से बरामद की गई हैं. 

लेकिन नॉरफॉक, वर्जीनिया में यूएस डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में अभियान को रोकने के लिए अमेरिकी सरकार लड़ाई लड़ रही है. यह विवाद टाइटैनिक की खोज में निकली टाइटन सबमर्सिबल के फटने के दो महीने से ज्यादा समय के बाद आया है. टाइटन दुर्घटना में पांच लोगों की मौत हो गई थी.

1912 में डूबा था टाइटैनिक 

1912 में साउथेम्प्टन से न्यूयॉर्क की अपनी पहली यात्रा के दौरान टाइटैनिक जहाज एक बर्फ के टुकड़े से टकराकर डूब गया था. इसमें सवार 2,208 यात्रियों और चालक दल में से 1,500 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी. ऐसे में अब अमेरिकी सरकार इसे खोजने के लिए चलाए जा रहे अभियान का जमकर विरोध कर रही है.  

मलबे से कलाकृतियां निकालने की है योजना 

न्यूज स्काई के मुताबिक, कंपनी की योजना टाइटैनिक मलबे से कलाकृतियां निकालने की है. कंपनी ने कहा कि वह पूरे मलबे की तस्वीरें लेने की योजना बना रही है, जिसमें मलबे के अंदर की तस्वीरें भी शामिल हैं. इस मलबे से इतनी गहरी खाई बन गई है कि एक और जहाज को इससे आर पार निकाला जा सकता है. कंपनी ने कहा कि वह मलबे में से कलाकृतियों को इकट्ठा करेगा. वे मार्कोनी कमरे (Marconi room) के अंदर की वस्तुएं भी निकालना चाहते हैं. मार्कोनी रूम में जहाज का रेडियो, एक मार्कोनी वायरलेस टेलीग्राफ मशीन आदि शामिल है.

इसी की मदद से मोर्स कोड मैसेज से दूसरे जहाजों जो संदेश दिया गया था, जिससे लगभग 700 लोगों की जान बचाने में मदद मिली थी. 

कंपनी ने क्या तर्क दिए हैं?

हालांकि, कंपनी का कहना है कि कंपनी का इरादा मलबे को काटने या उसके किसी हिस्से को अलग करने का नहीं है. आरएमएसटी ने कहा कि उसका परमिट मांगने का इरादा नहीं है, लेकिन अमेरिकी सरकार के वकीलों ने कहा कि कंपनी इसके बिना आगे नहीं बढ़ सकती है. कंपनी ने अभी तक अदालत में कोई जवाब दाखिल नहीं किया है.